चेन्नई: तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने 2026 विधानसभा चुनाव के लिए सात ज़ोनल प्रभारी नियुक्त किए हैं, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन 1 जून को होने वाली पार्टी की जनरल काउंसिल मीटिंग में चुनाव योजना पेश करने जा रहे हैं.
वरिष्ठ नेताओं ने दिप्रिंट को बताया कि डीएमके चुनाव की तैयारियों में बाकी सभी पार्टियों से आगे है.
“2026 विधानसभा चुनाव का काम दिसंबर 2024 में ही शुरू हो गया था, विधानसभा क्षेत्रों और उम्मीदवारों की रिपोर्ट मार्च 2025 तक तैयार हो गई थी. यहां तक कि ज़ोनल पदाधिकारियों की नियुक्ति, जो आमतौर पर चुनाव से एक महीना पहले होती थी, अब पहले ही कर दी गई है,” एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट से कहा.
डीएमके सूत्रों के अनुसार, पार्टी के उप महासचिव और सांसद ए. राजा और कनिमोझी करुणानिधि को चेन्नई और दक्षिण ज़ोन का प्रभारी नियुक्त किया गया है.
वरिष्ठ मंत्री केएन नेहरू और ईवी वेलु को मध्य और उत्तरी ज़ोन की जिम्मेदारी दी गई है. मंत्री थंगम थेनारासु और सक्करापानी को मदुरै ज़ोन और इरोड, सलेम और नामक्कल जिलों का प्रभारी बनाया गया है.
हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल से हटाए गए सेन्थिल बालाजी को पश्चिमी क्षेत्र — जिसमें कोयंबटूर, तिरुपुर, करूर और आसपास के जिले शामिल हैं — की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डीएमके 2026 के विधानसभा चुनाव को 2021 के चुनाव से भी ज्यादा गंभीरता से ले रही है.
राजनीतिक विश्लेषक एन. सत्य मूर्ति ने दिप्रिंट से कहा, “हालांकि वर्तमान परिदृश्य में सत्ता विरोधी वोट एनडीए, सीमान के नेतृत्व वाले नाम तमिलर काची और विजय के तमिलगा वेत्री कलगम के बीच विभाजित होने की संभावना है, लेकिन डीएमके कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती. क्योंकि अगर एनडीए मज़बूत होती है, तो विरोधी वोट एकजुट होकर डीएमके के खिलाफ जा सकते हैं.”
डीएमके प्रवक्ता और सांसद टी.के.एस. इलंगोवन ने कहा कि लक्ष्य राज्य की 234 सीटों में से 200 सीटें जीतना है. “हमें विपक्षी गठबंधन की परवाह नहीं है क्योंकि वो केवल एक अवसरवादी गठबंधन है. हम आगामी विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत की दिशा में काम कर रहे हैं,” इलंगोवन ने कहा.
आंतरिक कलह से बचने के लिए उप सचिवों की नियुक्ति
नए ज़ोनल प्रभारियों की नियुक्तियों ने वरिष्ठ पार्टी मंत्रियों के बीच लंबे समय से चल रही अंदरूनी खींचतान को भी उजागर कर दिया है. नए नियुक्त किए गए ज़ोनल प्रभारियों में ए. राजा, कनिमोझी करुणानिधि और सेन्थिल बालाजी को छोड़कर बाकी सभी मंत्री हैं.
जहां सेन्थिल बालाजी पूर्व मंत्री हैं, वहीं ए. राजा और कनिमोझी करुणानिधि नीलगिरी और तूतीकोरिन लोकसभा क्षेत्रों से सांसद हैं.
चेन्नई और दक्षिणी ज़ोन में राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के बावजूद, डीएमके ने ए. राजा और कनिमोझी को नियुक्त किया, जो पिछले विधानसभा चुनाव में केवल स्टार प्रचारक थे. एक वरिष्ठ डीएमके नेता ने बताया कि इन क्षेत्रों में मंत्रियों के बीच खींचतान को देखते हुए यह नियुक्तियाँ आंतरिक झगड़ों से बचने के लिए की गईं.
“अगर आप चेन्नई ज़ोन को देखें, तो हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री पी.के. शेखर बाबू और स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमणियन दोनों ताकतवर हैं। लेकिन अगर हम इनमें से किसी को उस क्षेत्र का प्रभारी बनाते, तो दूसरे गुट के समर्थक ठीक से काम नहीं करते। इसलिए, ए. राजा को दोनों गुटों के लिए एक साझा व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया गया,” घटनाक्रम से वाकिफ एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया.
इसी तरह, दक्षिणी क्षेत्र में मंत्री अनीता आर. राधाकृष्णन और गीता जीवन के समर्थकों के बीच लंबे समय से मतभेद हैं.
“अगर इन दोनों में से किसी एक को उस क्षेत्र का प्रभारी बनाया जाता, तो गुटबाजी का रास्ता खुलता. इसलिए, कनिमोझी को, जो दोनों के लिए एक साझा चेहरा हैं, ज़ोनल प्रभारी बनाया गया,” उसी वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया.
इलंगोवन ने कहा कि हाईकमान ने पार्टी में सुचारू कार्य संचालन सुनिश्चित करने के लिए ये नियुक्तियां की हैं. “व्यक्तिगत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब पार्टी के काम की बात आती है, तो हर कोई चुनाव जीतने के लिए काम करता है,” इलंगोवन ने कहा.
इसी बीच, नए नियुक्त किए गए ज़ोनल प्रभारी पहले ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ स्तर की स्थिति का जायजा ले रहे हैं.
कनिमोझी से जुड़े एक स्रोत ने दिप्रिंट को बताया कि वह बूथ स्तर के पदाधिकारियों से मिल रही हैं ताकि प्रचार कार्य को सुगम बनाया जा सके.
“वह चाहती हैं कि तमिलनाडु सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं ज़मीनी स्तर के लोगों तक पहुंचे, और इसके लिए वह बूथ स्तर के पदाधिकारियों से मिल रही हैं. वह सुनिश्चित कर रही हैं कि उनके पास योजनाओं और उनके लाभों के बारे में बोलने के लिए पर्याप्त सामग्री हो,” उस स्रोत ने दिप्रिंट को बताया.
उधर, पार्टी के युवा मोर्चा सचिव और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के नेतृत्व वाला चुनाव सेल सीधे जनता से संवाद कर रहा है और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभाव को उजागर कर रहा है.
“वह ज़्यादा फोकस छात्रों और युवाओं को आकर्षित करने पर कर रहे हैं. वह राज्य भर में चुनावी काम की समीक्षा भी करते हैं. मुख्यमंत्री 1 जून को मदुरै में पार्टी की जनरल काउंसिल मीटिंग में जो व्यापक योजना पेश करेंगे, उस पर भी उदयनिधि की राय होती है,” एक युवा मोर्चा पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया.
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