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Sunday, 22 December, 2024
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शिवराज सिंह कैबिनेट में सिंधिया खेमे की पकड़ मजबूत हुई, विभागों के बंटवारे में मलाईदार मंत्रालय मिले

11 दिन तक व्यापक जोड़तोड़ के बाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को राजस्व, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे अहम मंत्रालय मिल गए हैं. पूरी सूची यहां देखें.

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नई दिल्ली: विभागों के बंटवारे को लेकर 11 दिन तक चली रस्साकशी के बाद, आखिरकार सोमवार सुबह शिवराज सिंह चौहान खेमे के कुछ नरम पड़ने और पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को कुछ प्रमुख विभाग आवंटित करने पर तैयार होने के साथ ही मध्य प्रदेश कैबिनेट में मंत्रियों के विभाग तय हो गए.

2 जुलाई को चौहान कैबिनेट में कुल 28 नए मंत्री शामिल हुए– इसमें 20 कैबिनेट रैंक के और आठ राज्य मंत्री थे. इन सबको अब विभाग आवंटित कर दिए गए हैं. मध्य प्रदेश कैबिनेट की कुल संख्या अब 33 है.

सिंधिया समर्थकों को राजस्व, स्वास्थ्य, ऊर्जा, महिला एवं बाल विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन और परिवहन जैसे मलाईदार मंत्रालय मिले हैं.

मुख्यमंत्री समर्थक धड़े को गृह, लोकनिर्माण, वित्त, चिकित्सा शिक्षा और खनिज मंत्रालय आदि विभाग मिले हैं. चौहान ने सामान्य प्रशासन, लोक संपर्क, नर्मदा घाटी विकास, उड्डयन और कुछ अन्य विभाग अपने ही पास रखे हैं.

विभाग बंटवारे में चर्चा का सबसे बड़ा बिंदु है स्वास्थ्य मंत्रालय सिंधिया समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी को दिया जाना, क्योंकि यह विभाग अब तक चौहान के निकट सहयोगी नरोत्तम मिश्रा के पास था.

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के रुख में नरमी इसलिए भी आई क्योंकि कम से कम 14 मंत्रियों, सभी सिंधिया समर्थक को उपचुनाव का सामना करना पड़ेगा.


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कैबिनेट में सिंधिया का दबदबा

सिंधिया समर्थकों में से डॉ. प्रभुराम चौधरी को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का प्रभार दिया गया है, प्रद्युम्न सिंह तोमर को ऊर्जा, महेंद्र सिंह सिसोदिया को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग सौंपा गया है, जबकि इमरती देवी महिला एवं बाल विकास मंत्री बन गई हैं, जो पद वह पहले कमलनाथ सरकार में भी संभाल रही थीं.

इस गुट ने राजस्व और परिवहन विभाग को बहाल रखा है, दोनों विभाग पूर्व में गोविंद सिंह के पास थे. सिंह भी सिंधिया के एक अन्य विश्वस्त सहयोगी तुलसी सिलावट के साथ चौहान मंत्रालय के पहले ‘छोटे विस्तार’ में कैबिनेट में शामिल किए गए थे. सिलावट ने जल संसाधन विभाग बरकरार रखा है.

राजस्व विभाग दोनों गुटों के बीच तकरार की वजह बन हुआ था.

सूत्रों ने कहा कि शिवराज राजस्व विभाग सिंधिया खेमे को देने के इच्छुक नहीं थे लेकिन भाजपा आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद उन्हें यह देना पड़ा.

सिंधिया खेमे के अन्य लोगों में बिसाहूलाल सिंह को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण, ऐदल सिंह कंसाना को सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, हरदीप सिंह डांग को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन, ब्रजेंद्र सिंह यादव को सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, गिर्राज दंडोतिया को किसान कल्याण और कृषि विकास, सुरेश धाकड़ को लोक निर्माण विभाग और ओपीएस भदोरिया को नगरीय प्रशासन और विकास विभाग मिला है.

यादव, दंडोतिया, धाकड़ और भदौरिया को राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किया गया था.


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शिवराज खेमे को पीडब्ल्यूडी, वित्त और लोक संपर्क

चौहान खेमे में, भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग छोड़ना पड़ा है, के पास गृह मंत्रालय बरकरार रखा गया है और उन्हें कानून और संसदीय मामले और जेल प्रशासन का जिम्मा भी सौंपा गया है.

इसके अलावा गोपाल भार्गव को लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण उद्योग मिला है, विजय शाह को वन, जगदीश देवड़ा को वित्त और वाणिज्यिक कर, भूपेंद्र सिंह को शहरी प्रशासन और विकास और यशोधरा राजे सिंधिया को खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय मिला है.

कमल पटेल, जिन्हें पूर्व में पहले विस्तार के दौरान शामिल किया गया था, के पास किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग बरकरार रखा गया है.

चौहान के विश्वस्त सहयोगी विश्वास सारंग को भोपाल गैस पुनर्वास के साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग मिला है, जबकि बृजेन्द्र प्रताप को खनिज संसाधन और श्रम दिया गया है.

नए चेहरों में ऊषा यादव को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है जबकि मोहन यादव को उच्च शिक्षा विभाग दिया गया है. ओम प्रकाश सकलेचा को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ मध्यम और लघु उद्योग विभाग भी मिला है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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