नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार को कांग्रेस नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर आतंकवाद को लेकर ‘‘निष्क्रियता’’ का आरोप लगाया.
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार हो रहे आतंकी हमलों के बावजूद कांग्रेस सरकार सिर्फ ‘‘कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स’’ (सीबीएम) में लगी रही.
नड्डा ने कहा, ‘‘वो हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उन्हें बिरयानी खिलाने चले गए.’’ उन्होंने कहा कि 2008 में जयपुर में इंडियन मुजाहिदीन द्वारा किए गए धमाकों के बाद भी भारत और पाकिस्तान के बीच सीबीएम पर सहमति बनी.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने LoC पार करने के लिए ट्रिपल-एंट्री परमिट जैसी चीज़ों को मंजूरी दी.’’
जेपी नड्डा ने कहा कि 2005 के दिल्ली बम धमाकों, 2006 के वाराणसी आतंकी हमले और मुंबई लोकल ट्रेन धमाकों के बाद भी सरकार ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की. नड्डा ने कहा, ‘‘उस समय आतंक और व्यापार, पर्यटन एक साथ चलते रहे.’’
उन्होंने यह भी कहा कि 2009 में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट में 2008 के मुंबई हमलों का कोई ज़िक्र नहीं किया गया, जिससे उस समय की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी साफ होती है. नड्डा ने कहा, ‘‘हमारे पास पुलिस वही थी, सेना वही थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी.’’
जेपी नड्डा ने कहा कि 2014 से पहले भारत के पास सीमाओं की सुरक्षा और आतंकवाद से लड़ने की राजनीतिक इच्छा शक्ति की भारी कमी थी. उन्होंने पूर्व रक्षा और गृहमंत्रियों के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ने कहा था कि ‘‘अविकसित सीमा सुरक्षित होती है’’ और दूसरे ने स्वीकार किया था कि ‘‘उन्हें कश्मीर जाने में डर लगता है’’.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अंधेरे में जीवन जिया है, लेकिन 2014 से 2025 के बीच जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में आतंकी हमले बंद हो गए.’’
नड्डा ने 2016 के उरी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह वर्तमान सरकार की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है. उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार था जब 1947 के बाद किसी प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से कहा कि जो आतंकी हमले के पीछे हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा और सिर्फ तीन दिन में सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकियों के लॉन्च पैड तबाह कर दिए गए. यही है नया भारत.’’
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