लखनऊ: कांग्रेस ने 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए मैनिफेस्टो, ट्रेनिंग समेत 7 कमेटियों की घोषणा कर दी है जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और पूर्व यूपी चीफ राज बब्बर का नाम नहीं शामिल किया गया है. बता दें कि दोनों नेता उन 23 नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पत्र लिखा था.
यूपी कांग्रेस से जुड़े एक पदाधिकारी ने कहा, ‘आरपीएन सिंह के पास झारखंड का प्रभार तो वहीं राजीव शुक्ला प्रियंका गांधी के हर यूपी दौरे पर साथ दिखते हैं तो ऐसे में इन दोनों नेताओं को ‘साइडलाइन’ नहीं कहा जा सकता लेकिन जितिन प्रसाद और राज बब्बर के पास तो फिलहाल कोई जिम्मेदारी ही नहीं है. ऐसे में इनका ‘लेटर बम’ इन पर ही भारी पड़ता दिख रहा है.’
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल की ओर से रविवार को जारी बयान में मेनिफेस्टो कमेटी, मीडिया एडवाइजरी कमेटी, ट्रेनिंग कमेटी, पंचायती राज चुनाव कमेटी, मेंबरशिप कमेटी, आउटरीच कमेटी और प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन कमेटी की घोषणा की गई. इन कमेटियों में सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, अनुग्रह नारायण सिंह समेत यूपी कांग्रेस के लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गई है लेकिन कुछ अहम नाम गायब हैं.
जितिन प्रसाद, राज बब्बर के अलावा मिसिंग नामों में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद अन्नू टंडन, एमएलसी दीपक सिंह को भी शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले राजीव शुक्ला को भी जगह नहीं मिली है.
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पत्र लिखना पड़ा भारी
जिन लोगों के नाम इन कमेटियों में मिसिंग हैं उनमें जितिन प्रसाद और राज बब्बर अहम हैं. पिछले दिनों कांग्रेस में बदलाव के साथ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग के पक्ष में पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में ये शामिल थे. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान के तेवर इन 23 नेताओं के प्रति ढीले पड़ने के कोई संकेत नहीं हैं, यही कारण है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की घोषित समितियों में इन दोनों को जगह नहीं दी गई है.
जितिन इन दिनों यूपी में ब्राह्मणों की लगातार हो रही हत्याओं के मुद्दे पर ‘ब्राह्मण चेतना परिषद’ के बैनर तले ‘ब्राह्मण चेतना संवाद’ नाम का ‘ज़ूम मीटिंग’ का कार्यक्रम भी कर रहे हैं जो काफी चर्चा में भी है.
‘लेटर कंट्रोवर्सी’ सामने आने के बाद हाईकमान के रुख को देखते हुए जितिन प्रसाद ने पिछले दिनों स्पष्टीकरण भी दिया था कि पार्टी में सुधार की उनकी बातों को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और गांधी परिवार के खिलाफ नहीं देखा जाना चाहिए. इसके बावजूद उन्हें किसी कमेटी में जगह नहीं दी गई है.
सबको कुछ न कुछ जिम्मेदारी देंगे
वहीं यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि जो नाम छूट गए हैं उन्हें दूसरी कमेटियों में जगह मिलेगी. दिप्रिंट से बातचीत में लल्लू ने कहा, ‘किसी भी वरिष्ठ नेता से कोई मतभेद नहीं हैं. अभी कैंपेन कमेटी, इलेक्शन कमेटी समेत कुछ अन्य कमेटियां आनी बाकी हैं. इनमें उन्हें जगह दी जाएगी. हमारी कोशिश सबको जिम्मेदारी देने की है. प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एकजुट होकर हम लोग चुनाव लडे़ंगे.’
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