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Wednesday, 13 November, 2024
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मांझी, नीतीश के खिलाफ ‘कानूनी कार्रवाई पर कर रहे विचार’, खुद पर CM के हमले को बताया दलितों का अपमान

9 अक्टूबर को, मांझी द्वारा राज्य सरकार के जाति सर्वेक्षण पर संदेह जताने के बाद नीतीश ने अपना आपा खो दिया था और उन पर जमकर निशाना साधा था.

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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार के गुस्से का शिकार होने के बाद, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी ने पिछले सप्ताह विधानसभा में अपने खिलाफ “असंसदीय शब्दों” का इस्तेमाल करने के लिए नीतीश कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.

बिहार के पूर्व सीएम, जिन्होंने नीतीश कुमार पर उन्हें उत्पीड़ित करने का आरोप लगाया था, ने मंगलवार को पटना में मौन धरना (मौन विरोध) दिया, और कहा कि जेडीयू प्रमुख से उन्हें जो बोला, वह न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में दलितों का अपमान था.

मांझी, जो खुद को महादलित समुदाय से पहचानते हैं, जिन्होंने कहा, “विधानसभा में महिलाओं के बारे में न केवल अपशब्द बोले, सीएम ने सदन में मेरा भी अपमान किया. उन्होंने न सिर्फ मेरा अपमान किया, बल्कि देशभर के सभी दलितों का भी अपमान किया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक नेता, जो राज्य के 13 करोड़ लोगों का मुख्यमंत्री के तौर पर प्रतिनिधित्व करता है, ने महिलाओं और मुझ पर इस तरह के अपशब्द कहे. मैं न केवल उम्र के मामले में, बल्कि राजनीति में अपने अनुभव के मामले में भी उनसे बड़ा हूं.”

मांझी ने दावा किया कि जब वह सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए वहां पहुंचे तो पटना उच्च न्यायालय के सामने बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के द्वार बंद कर दिए गए थे.

उन्होंने कहा कि वह छठ पूजा के बाद बिहार के मुख्यमंत्री के ‘मानसिक स्वास्थ्य’ के लिए प्रार्थना करने दिल्ली के राजघाट जाएंगे.

पूर्व सीएम ने कहा, “आज हमें बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने की अनुमति नहीं दी गई. हम दिल्ली में राजघाट जाएंगे और नीतीश कुमार को सद्बुद्धि के लिए गांधी जी से प्रार्थना करेंगे.”

इससे पहले, 9 अक्टूबर को, मांझी द्वारा राज्य सरकार के जाति सर्वेक्षण पर संदेह जताने के बाद नीतीश ने अपना आपा खो दिया था और उन पर जमकर निशाना साधा था.

नीतीश ने कहा कि यह उनकी ‘मूर्खता’ थी, जिस वजह से उन्हें (मांझी को) राज्य में सत्ता की सर्वोच्च सीट पर बैठने के मौका दिया.

कुमार चिल्लाये, जिससे सदन में हंगामा मच गया, “वह कहते रह कि वह उनकी वजह से मुख्यमंत्री बने थे. वह मेरी मूर्खता के कारण मुख्यमंत्री बने. क्या उन्हें कुछ पता है? (ये बोलता है कि हम मुख्यमंत्री थे. मेरी मूर्खता की वजह से मुख्यमंत्री बना. इसको कोई सेंस है).”

मांझी, जो अब केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी हैं, पहले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ थे और 2014 लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश के पद छोड़ने के बाद उन्हें राज्य का 23वां मुख्यमंत्री बनाया गया था.

मांझी 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक सीएम की कुर्सी पर रहे.

उनके गुस्से के बाद नीतीश पर पलटवार करते हुए मांझी ने कहा कि नीतीश ने उन्हें अपनी ‘राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं’ को आगे बढ़ाने के लिए सीएम बनाया था.

मांझी ने कहा, “नीतीश कुमार कहते हैं कि उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनाया. भाजपा, ने उनको मुख्यमंत्री बनाया और उन्होंने राजद के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया. इसके बाद, राजद ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. आखिरी बार उन्हें लोगों ने कब मुख्यमंत्री चुना था? वह ‘पलटू राम’ के रूप में सत्ता से चिपके हुए हैं. उन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने के लिए मुझे मुख्यमंत्री बनाया था.”


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