नागपुर/गुवाहाटी/ जम्मू: शिवसेना सांसद संजय राउत, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बनाने के लिए केवल एक बार भारत का विभाजन किया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हर दिन अपने बयानों के जरिए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा कर देश को बांट रहे हैं.
विदर्भ क्षेत्र में शिवसेना के जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राउत ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को ‘जनाब सेना’ करार देने के लिए भाजपा की निंदा की.
राउत ने आरोप लगाया, ‘भारत में 22 करोड़ से अधिक मुसलमान रह रहे हैं और उनमें से कई ने भाजपा और शिवसेना को वोट दिया है. मोहम्मद अली जिन्ना ने केवल एक बार (पाकिस्तान बनाने के लिए) भारत का विभाजन किया था, लेकिन भाजपा नेता अपने बयानों के जरिये हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करके हर दिन भारत का विभाजन कर रहे हैं.’
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील ने शिवसेना के नेतृत्व वाले महा विकास अघाडी (एमवीए) के साथ गठबंधन का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी पर कटाक्ष किया था और कहा था, ‘क्या शिवसेना और एआईएमआईएम एक साथ आएंगे? इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. सेना ने जनाब बालासाहेब ठाकरे कहकर ‘अज़ान’ प्रतियोगिता शुरू कर दी है, इसलिए उनके एक साथ आने से इनकार नहीं किया जा सकता है.’
भाजपा पर पलटवार करते हुए राउत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मुसलमानों के लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच जैसे कई संगठन बनाए हैं.
उन्होंने पूछा, ‘क्या भाजपा नेता आरएसएस का नाम बदलकर राष्ट्रीय मुस्लिम संघ और (आरएसएस प्रमुख) मोहन भागवत का नाम बदलकर जनाब भागवत कर देंगे?’
एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देने के लिए कहना महा विकास अघाड़ी सरकार की गलती थी जिसे नवाब मलिक के मामले में दोहराया नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ‘नवाब मलिक को कभी भी राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा जाएगा.’
देशमुख ने पिछले साल मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पद छोड़ दिया था.
मलिक को पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था. देशमुख और मलिक दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से हैं.
राउत ने दोहराया कि भाजपा शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार की छवि खराब करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
राउत ने कहा, ‘ईडी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासन के दौरान 23 छापे मारे थे, लेकिन मोदी सरकार के पिछले सात वर्षों में 23,000 छापे मारे गए. केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सबसे ज्यादा छापेमारी महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में की गई.’
उन्होंने सवाल किया, ‘भाजपा शासित राज्य इन एजेंसियों की जांच के दायरे में क्यों नहीं हैं?’
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‘भाजपा कई पाकिस्तान बनाना चाहती है’
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के सांबा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरे पिता के चाचा मारे गए… वे (भाजपा) चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ लड़ाई हो, वे हिंदू/मुस्लिम, जिन्ना, बाबर, औरंगजेब की बात करते हैं… कांग्रेस ने इस देश को सुरक्षित रखा…भाजपा कई पाकिस्तान बनाना चाहती है.’
#WATCH | My father's uncles were killed… They (BJP) want the fight with Pakistan to prevail, they talk about Hindu/Muslim, Jinnah, Babur, Aurangzeb… Congress kept this nation safe… they (BJP) want to make many Pakistans: PDP chief Mehbooba Mufti, in Samba, J&K pic.twitter.com/38nKTL0qFk
— ANI (@ANI) March 22, 2022
वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक रफीकुल इस्लाम ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच समानताएं हैं, यह आरोप लगाते हुए कि दोनों, देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं.
इस्लाम ने कहा, ‘जिन्ना ने देश को दो हिस्सों में बांट दिया – भारत और पाकिस्तान. और बीजेपी और आरएसएस भी यही काम कर रही हैं, और वे हिंदू और मुस्लिम, दलित और गैर-दलितों को बांट रहे हैं.’
एआईयूडीएफ विधायक ने कहा कि उनकी पार्टी जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर लोगों के बंटवारे का समर्थन नहीं करती है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन भाजपा सरकार नफरत फैला रही है और यह अच्छा संकेत नहीं है.’
‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर टिप्पणी करते हुए असम के विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का अनुरोध किया.
‘प्रधानमंत्री ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म का समर्थन कर रहे हैं और उन्हें कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. उन्हें कश्मीर में हुई हत्याओं की भी जांच करनी चाहिए, जो कि पीएम और भाजपा सरकार की जिम्मेदारी है. कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय चाहिए.हालांकि, भाजपा का मकसद नफरत फैलाना है.
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