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Friday, 22 November, 2024
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जिग्नेश मेवानी ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा ‘PMO ने मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा’

मेवानी ने एक जून को गुजरात बंद का एलान किया है.

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नई दिल्ली: गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने पीएम मोदी पर ट्वीट करने और महिला पुलिसकर्मी से तथाकथित बदसलूकी करने के मामले में जमानत मिलने के बाद बीजेपी पर निशाना साधा है.

मेवानी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया के ऑफिस ने उनके खिलाफ षडयंत्र किया है.

उन्होंने आगे कहा, ‘पीएमओ में बैठे गोडसे से सहानुभूति रखने वाले लोगों ने मेरे खिलाफ एक ट्वीट के चलते दो एफआईआर कराईं लेकिन देश में और भी गंभीर मामले हैं. इससे उनकी मंशा का पता चलता है.’

मेवानी ने एक जून को गुजरात बंद का एलान किया है.

उन्होंने कहा ‘इन सारे मामलों में यह सरकार कुछ नहीं कर रही है और एक ट्वीट करने पर इतना हल्ला, आधी रात को गिरफ़्तारी, मानो किसी आतंकवादी को आप गिरफ्तार कर रहे हो. मैं मानता हूं कि यह माहौल देश और लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है.’

मेवानी ने सरकार से पूछा कि सवाल यह कि इतना फर्जीवाड़ा करने में प्रधानमंत्री को क्या रुचि है? इतने मनगढ़ंत मामले करके 2500 किलोमीटर दूर एक व्यक्ति को जेल में डालकर बीजेपी को क्या हासिल होगा?

उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा ‘ यह है 56 इंच की कायरता, यह है 56 इंच की बुजदिली. आप एक महिला को आगे करके 2500 किलोमीटर दूर बैठे एक सिटिंग MLA के खिलाफ इतना फर्जी मुकदमा करते हैं.’

मेवानी ने कहा, ‘असम पुलिस क्या कर रही है? किसके कहने पर कर रही है? ज्यूडिशरी ने उनको कहा कि आपकी कस्टडी में कोई आरोपी है और आपको ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ करना है तो अपने बदन पर सीसीटीवी कैमरा लगाइए. इससे ज्यादा शर्मिंदगी की बात और क्या हो सकती है.’

उन्होंने पूछा कि गुजरात सरकार, प्रधानमंत्री और देश की मोदी सरकार की मंशा क्या है? उनकी प्राथमिकता क्या है?

मेवानी ने कहा कि इस देश में धर्म संसद के नाम पर एक जीनोसाइड का कॉल दिया जाता है और कोई जांच नहीं होती है. गुजरात की एक दलित महिला कार्यकर्ता ने बीजेपी के सिटिंग मंत्री के खिलाफ बलात्कार करने का इल्जाम लगाया, गुजरात की विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया लेकिन इस मामले में भी कोई जांच और एफआईआर नहीं हुई.

उन्होंने आगे, ‘आपके घर में 10 ग्राम भी पाया जाता तो आपको नहीं छोड़ते लेकिन गौतम अडानी साहब के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती और ना ही किसी को पूछताछ के लिए बुलाया गया.’


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