बेंगलुरू: भाजपा में पार्टी के विलय के कयासों को खारिज करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने शनिवार को जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी जनता दल (सेकुलर) बनी रहेगी और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में अपने दम पर सत्ता में आने की कोशिश करेगी.
जद(एस) की धर्मनिरपेक्षता की विश्वसनीयता को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल पर पलटवार करते हुए देवेगौड़ा ने कर्नाटक में जद(एस)- कांग्रेस सरकार के गिरने और उनकी पार्टी के खिलाफ आरोप लगाने के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया.
भगवा पार्टी में अपनी पार्टी के विलय के कयासों पर चुप्पी तोड़ते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने इसे ‘मनोरजंन कार्यक्रम’ बताया और कहा कि उनकी स्पष्टीकरण के बाद इन कयासों पर रोक लगनी चाहिए.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले तीन महीने से हमारी पार्टी के बारे में बहुत से बाते कही गई, इसे मनोरंजन कार्यक्रम कहा जा सकता है. जद(एस) एक क्षेत्रीय पार्टी और एक क्षेत्रीय पार्टी को बचाने एवं बनाने का दर्द उसके कार्यकर्ता, पदाधिकारी और उसका प्रमुख ही समझ सकता है.’
जद(एस) के बारे में बात करने वाले नेताओं को अप्रांसगिक बताते हुए 87 वर्षीय नेता ने कहा कि कोई भी उनकी पार्टी को आसानी से हिला या हटा नहीं सकता है.
उन्होंने कहा, ‘केवल देवेगौड़ा और उनका बेटा ही नहीं, ऐसे तमाम लोग हैं जो न केवल मेरे जीवनकाल में बल्कि मेरे बाद भी इस पार्टी को बचाएंगे.’
उल्लेखनीय है कि जद (एस) के भाजपा में संभावित विलय के कयासों के बीच पिछले हफ्ते पार्टी नेता एवं देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी और मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बयान जारी कर इसे खारिज किया था.
उल्लेखनीय है कि विधान परिषद में विवादित भूमि सुधार कानून को पारित कराने और परिषद के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा का साथ देने के बाद जद (एस) के सत्तारूढ़ दल में विलय में कयास लगाए जा रहे थे.
विलय के सवाल पर देवेगौड़ा ने कहा, ‘किस ज्योतिषी ने यह कहा है?…यह बचकाना बाते हैं…मैं पूर्व प्रधानमंत्री हूं. क्या मैं अपनी पार्टी को किसी दूसरे के दरवाजे पर ले जाऊंगा?’
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के बारे में देवेगौड़ा ने कहा कि जद(एस) अपने दम पर सत्ता में आने के लिए कार्य कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस बड़ी पार्टी है और उनके पास पार्टी को सत्ता में लाने की ताकत है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमारे पास वैसी ताकत है लेकिन हम इसके लिए प्रयास करेंगे और हम शांत नहीं बैठेंगे.’
देवेगौड़ा ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा के बाद वह अपने बेटे कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए किसी के दरवाजे पर नहीं गए थे.
उन्होंने उनकी धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाने की कोशिश करने पर कांग्रेस और उसके नेता सिद्धरमैया की भी आलोचना की.
देवेगौड़ा ने कांग्रेस पर मुस्लिमों को भ्रमित करने और जद(एस) की धर्मनिरपेक्षता के प्रति विश्वसनीयता को नष्ट करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.
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