नई दिल्ली: पंजाब के खेल मंत्री और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान परगट सिंह पोवार, गुरुवार को राज्य की जालंधर कैंट सीट पर जहां से वो मौजूदा विधायक थे, पूर्व स्ट्राइकर सुरिंदर सिंह सोढी से जीत गए.
इस मुक़ाबले को पंजाब विधानसभा चुनावों में ‘हॉकी ऑलंपिक्स’ कहा जा रहा था.
सोढी, जो आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार थे और पहली बार चुनाव लड़ रहे थे परगट से 6 हजार वोटों के अंतर से हार गए.
प्रचार के दौरान परगट सिंह ने दावा किया था कि दोनों में वो बेहतर उम्मीदवार थे, क्योंकि ‘वो एक ट्रेंड सेटर थे और एक स्थापित राजनेता थे’. सोढी ने कहा कि पूर्व कप्तान से लड़ने के लिए वो सबसे सही उम्मीदवार थे. सोढी ने दिप्रिंट से कहा था, ‘लोहा ही लोहे को काटता है, तो कांट देंगे’.
आप ने 92 सीटों जीत ली हैं. वहीं, कांग्रेस ने अभी तक 18 सीटें जीती हैं.
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हॉकी दिग्गजों का टकराव
परगट सिंह और सोढी दोनों अपने-अपने करियर के दौरान भारत की पुरुष हॉकी टीम के प्रमुख सदस्य रहे थे.
जहां परगट को अकसर अभी तक का सर्वश्रेष्ठ रक्षक बताया जाता है, वहीं सोढी ने 1980 के मॉस्को ऑलंपिक्स में भारत की स्वर्ण पदक जीत में एक अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड 15 गोल किए थे.
दोनों अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं (खेल रत्न के बाद भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान) और पंजाब प्रांत की ओर से दिए गए महाराजा रंजीत सिंह पुरस्कार भी जीत चुके हैं.
एक से अधिक कारणों से इन्हें एक दूसरे का ज़बर्दस्त प्रतियोगी माना जाता है. दोनों न केवल पूर्व हॉकी स्टार हैं, बल्कि दोनों ने शिक्षा भी जालंधर के लायलपुर खालसा कॉलेज से प्राप्त की, और राजनीति में आने से पहले दोनों ही राज्य पुलिस में सेवारत थे.
प्रचार
सोढी ने चुनाव क्षेत्र में ऊंची सत्ता-विरोधी लहर का फायदा उठाया. बहुत से दुकानदारों ने दिप्रिंट से कहा था कि पिछले दशकों में विकास की कमी ने उनके वोट को प्रभावित किया था.
हालांकि ज़मीनी स्तर पर बहुत से लोग परगट सिंह से असंतुष्ट नज़र आए लेकिन फिर भी चुनाव क्षेत्र का सुनियोजित विकास करने के उनके वादे को देखते हुए, लोगों ने अपनी आस्था एक अनुभवी राजनेता में रखी.
जालंधर शहर कैंटोनमेंट की ओर फैल रहा हैं और परगट सिंह ने ढांचागत सुविधाओं को लेकर बहुत से वादे किए थे और प्रचार के दौरान मौजूदा परियोजनाओं का दिखावा किया था.
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