नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि उन्हें बुरा लगता है जब विपक्ष सदन में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होता है. उन्होंने कहा, “मैं सदन को पिछले महीने हुए विदेश नीति के कार्यों के बारे में बताना चाहता था लेकिन विपक्षी दल कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. वह देश की उपलब्धि के बारे में भी सुनना नहीं चाहते हैं. आपने प्रधानमंत्री मोदी की सफल अमेरिकी यात्रा देखी होगी. विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य अब भारत की प्रगति की आलोचना करना रह गया है.”
बता दें कि गुरुवार को जब राज्यसभा में पिछले कुछ महीनों में भारत की विदेश नीति पर स्वत: संज्ञान लेते विदेशमंत्री बयान देने पहुंचे तो वह विपक्ष की नारेबाजी से परेशान हो गए.
विपक्षी सांसद मणिपुर मुद्दे पर अपने विरोध को लेकर अड़े रहे और इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग कर रहे थे.
जयशंकर ने विपक्ष से एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया और कहा, “यह भारत की विदेश नीति है, किसी पार्टी की विदेश नीति नहीं. इसलिए जब हम भारत की विदेश नीति की उपलब्धियों को सदन के सामने रखते हैं तो देश की उपलब्धि होती है. लेकिन हमने देखा कि विपक्ष हमारी बात बिल्कुल भी सुनने को तैयार नहीं है.”
उन्होंने कहा कि विदेश नीति एक ऐसा क्षेत्र है जहां सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर काम करते हैं.
जयशंकर ने कहा, “विदेश नीति एक ऐसा क्षेत्र है जहां हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए. अगर देश में एक-दूसरे के बीच विवाद है तो हमें देश के बाहर भारत की छवि को एकजुट रखना चाहिए.”
उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि जब राष्ट्रीय हित की चर्चा हो तो अपने मतभेदों को किनारे रख दें.
जयशंकर ने कहा, “हम देश के भीतर बहस कर सकते हैं लेकिन देश के बाहर हमें एकजुट होकर प्रदर्शन करना चाहिए. आज विपक्ष के आचरण पर गौर किया जाना चाहिए, जब राष्ट्रीय हित की बात हो तो राजनीति को अलग रखा जाना चाहिए और राष्ट्र की सफलता की सराहना की जानी चाहिए.”
विदेश मंत्री ने कहा, “राज्यसभा में आज विपक्ष का व्यवहार देखकर मैं कहूंगा कि उन्हें अपने ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है.”
आज एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के सांसदों ने राज्यसभा में “मोदी, मोदी” के नारे लगाए जब विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत की विदेश नीति पर अपनी बात रख रहे थे. उसी वक्त विपक्षी गठबंधन के सांसदों ने “इंडिया, इंडिया” का नारा लगाया.
बाद में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के हंगामे के कारण राज्यसभा को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
जयशंकर ने कहा, “मैंने विदेश नीति में उपलब्धियों, हमारे राजनेताओं के विदेशी दौरों, देश में आए अन्य देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के बारे में अपना बयान देने की कोशिश की. मेरा प्रयास सदन को यह बताना था कि पिछले महीनों में विदेश नीति स्तर पर क्या प्रगति हुई है.”
उन्होंने भारत में मेगा-डील विमान इंजन जेई इंजन का उदाहरण भी दिया और कहा, “प्रधानमंत्री की अमेरिकी यात्रा काफी सफल यात्रा थी. हम काफी सालों से विमान इंजन भारत में बनाने की कोशिश कर रहे थे. उनकी यात्रा के कारण, वहां यह निर्णय लिया गया कि जीई और एचएएल के बीच एक समझौता हुआ. हमारा चालीस वर्षों का प्रयास सफल रहा.”
विदेश नीति की विभिन्न सफलताओं पर संसद को संबोधित करने के इच्छुक जयशंकर ने कहा, ”दुनिया की तीन बड़ी कंपनियों ने यहां भारत आकर अपने कारखाने स्थापित करने का फैसला किया है.”
इससे पहले दिन में, विपक्षी दलों के नेताओं ने मणिपुर हिंसा के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचा.
बीते बुधवार को I.N.D.I.A गठबंधन के सांसद लोकसभा में कांग्रेस द्वारा पीएम मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में रैली की थी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस पार्टी के सांसद गौरव गोगोई द्वारा सरकार के खिलाफ सदन में लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
नरेंद्र मोदी सरकार, जिसे लोकसभा में कम से कम 332 सांसदों का समर्थन प्राप्त है, को इस अविश्वास प्रस्ताव से खतरा न के बराबर है.
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