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Sunday, 5 May, 2024
होमराजनीति'यह जनता के वोट की ताकत की लड़ाई है' - केंद्र के प्रशासनिक अध्यादेश के खिलाफ AAP की महारैली

‘यह जनता के वोट की ताकत की लड़ाई है’ – केंद्र के प्रशासनिक अध्यादेश के खिलाफ AAP की महारैली

केंद्र सरकार 19 मई को 'ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों' के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के लिए नियमों को अधिसूचित करने के लिए एक अध्यादेश लाई थी.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक मेगा रैली करेगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब में उनके समकक्ष भगवंत मान, दिल्ली के मंत्री गोपाल राय और पार्टी सांसद संजय सिंह आज रैली को संबोधित करेंगे. गोपाल राय पार्टी के दिल्ली संयोजक के रूप में बोलेंगे.

विशेष रूप से, प्रसिद्ध वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल रैली को संबोधित करेंगे और अध्यादेश के कानूनी और संवैधानिक पहलुओं के बारे में बात करेंगे। सिब्बल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आमंत्रण पर रैली में शामिल हो रहे हैं.

आप की नेत्री अतिशी सिंह ने कहा कि ये लड़ाई अरविंद केजरीवाल की नहीं बल्कि जनता के वोट की ताकत की लड़ाई है.

उन्होंने कहा, “ये लड़ाई अरविंद केजरीवाल की नहीं बल्कि जनता के वोट की ताकत की लड़ाई है. आज दिल्ली के लोगों की महारैली है. देश के संविधान को बचाने के लिए आज दिल्ली के लोग आ रहे हैं.”

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रैली को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान के आसपास भारी सुरक्षा बंदोबस्त किया है.

23 मई से, केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन लेने के लिए देशव्यापी दौरे की शुरुआत की.

केजरीवाल, अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव से मुलाकात कर चुके हैं.

बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अगर गैर-बीजेपी पार्टियां साथ आती हैं तो केंद्र के अध्यादेश को राज्यसभा में मात दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि इससे एक कड़ा संदेश जाएगा कि मोदी सरकार 2024 में सत्ता में नहीं आएगी.

केंद्र सरकार 19 मई को ‘ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों’ के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के लिए नियमों को अधिसूचित करने के लिए एक अध्यादेश लाई थी.

अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया था और यह केंद्र बनाम दिल्ली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करता है.


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