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Friday, 22 November, 2024
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बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जंग हुई तेज़, एनडीए में मुख्यमंत्री ‘फेस’ को लेकर ‘फाइट’

नीतीश कुमार के काम पर पूरा भरोसा है, लेकिन बिहार में उन्हें 15 साल हो गए. इस बार उप मुख्यमंत्री को पूरा मौका मिलना चाहिए. नीतीश कुमार को सेकंड लाइन के नेताओं को मौका देना चाहिए.

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पटना: बिहार में पिछले कुछ दिनों से पोस्टर के साथ ‘फेस’ वार अपने चरम पर है. यह युद्ध आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र है. वैसे तो बिहार में विधानसभा चुनाव होने में एक वर्ष का समय अभी बचा है, लेकिन महागठबंधन के बाद अब सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भी मुख्यमंत्री के चेहरे (फेस) को लेकर ‘फाइट’ शुरू हो गई है.

भाजपा के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजग का कप्तान बता कर नई बहस को जन्म दे दिया है. सुशील मोदी ने बुधवार को भाजपा के सहयोगी दल, जद (यू) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजग का कप्तान बताते हुए ट्वीट किया, ‘नीतीश कुमार बिहार राजग के कप्तान हैं. जब हमारे कैप्टन चौके और छक्के लगा रहे हैं और विरोधियों को हरा रहे हैं तो बदलाव का सवाल ही कहां उठता है.’

इस ट्वीट के आने के बाद यह कयास लगने लगा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और जद (यू) में मचा घमासान शांत हो जाएगा.

इस बीच, राजग के एक अन्य घटक दल, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने भी नीतीश के पक्ष में बयान दिया है. पासवान ने पटना में पत्रकारों से कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ही राजग के सर्वमान्य नेता है, और इसमें कोई विवाद नहीं है.

हालांकि मोदी और पासवान से उलट भाजपा नेता और विधान पार्षद संजय पासवान ने दो दिन पूर्व नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा था कि उन्हें अब मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर केंद्र की राजनीति करनी चाहिए.

उन्होंने कहा था, ‘नीतीश कुमार के काम पर पूरा भरोसा है, लेकिन बिहार में उन्हें 15 साल हो गए. इस बार उप मुख्यमंत्री को पूरा मौका मिलना चाहिए. नीतीश कुमार को सेकंड लाइन के नेताओं को मौका देना चाहिए. 15 साल का समय बहुत लंबा होता है.’

पासवान के इस बयान के बाद नीतीश कुमार को लेकर भाजपा दो खेमों में बंटी नजर आ रही है.

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सी़ पी़ ठाकुर ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान के बयान का समर्थन करते हुए बिहार में भाजपा को एक बार मौका देने की तरफदारी की है. मंगलवार को मीडिया से बातचीत में डॉ. ठाकुर ने कहा कि ‘भाजपा पहले की तरह कमजोर नहीं, बल्कि देश में अभी सबसे मजबूत पार्टी है. भाजपा के पास सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.’

उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नाम को आगे रखना चाहिए, इससे पार्टी को फायदा होगा. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के अकेले लड़ने पर विचार नहीं हुआ है.

इस बीच, हालांकि भाजपा के नेता राजग सरकार के ठीक ढंग से चलने का दावा जरूर कर रहे हैं, परंतु वे भी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार को लेकर चुप्पी साध ले रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन कहते हैं कि ‘बिहार में भाजपा, जद (यू) और लोजपा की सरकार ठीक ढंग से चल रही है. लोकसभा चुनाव में भी राजग को लोगों का समर्थन मिला. बिहार की जनता को भी इन सभी दलों का साथ रहना पसंद है.’

जद (यू) के नेता हालांकि भाजपा के इन बयानों को सही नहीं मानते. जद (यू) महासचिव क़े सी़ त्यागी ने कहा, ‘गठबंधन के लिए ऐसे बयान कहीं से सही नहीं हैं. जद (यू) के किसी भी नेता ने भाजपा के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कभी कोई टिप्पणी नहीं की है. नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने नेतृत्व सौंपा है. ऐसे बयानों से नेताओं को बचना चाहिए.’

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