नई दिल्ली: राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य पर आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में आपराधिक साजिश और अन्य संबंधित अपराधों की धाराओं के तहत आरोप तय किए.
यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.
विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय किए. वे सभी अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए.
अदालत ने धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार से जुड़े अपराधों की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप तय किए. हालांकि, सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है.
आदेश खुली अदालत में सुनाया गया और अदालत विस्तृत आदेश अपलोड करेगी. अदालत ने कहा कि सभी 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त आधार हैं.
लालू प्रसाद यादव ने निर्दोष होने का दावा किया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे.
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश के अपराध के लिए आईपीसी की धारा 420, 120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने आरोप से इनकार किया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे.
24 सितंबर को अदालत ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था. यह मामला लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान आईआरसीटीसी होटल टेंडरों के रखरखाव कार्य के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है.
अदालत ने 29 मई को आरोप तय करने का आदेश सुरक्षित रखा था, जब जांच एजेंसी और आरोपियों के वकीलों की दलीलों को दिन-प्रतिदिन सुनवाई के दौरान सुना गया था.
1 मार्च को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपों पर बहस पूरी की थी। इस मामले में कुल 14 आरोपी हैं.
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने कहा कि आरोपियों ने दो आईआरसीटीसी होटल रखरखाव अनुबंधों के आवंटन में भ्रष्टाचार और साजिश की। एसपीपी डीपी सिंह और अधिवक्ता मनु मिश्रा ने कहा कि दो आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव अनुबंध निजी कंपनी को देने में भ्रष्टाचार और साजिश हुई. सीबीआई ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त सामग्री मौजूद है.
यह मामला उस समय से जुड़ा है जब लालू प्रसाद यादव 2004-2009 के दौरान रेल मंत्री थे.
कथित रूप से दो आईआरसीटीसी होटलों, बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी का रखरखाव अनुबंध सुजाता होटल, एक निजी कंपनी जिसे विजय और विनय कोचर का स्वामित्व है, को दिया गया. सीबीआई ने कहा कि इस सौदे के बदले लालू प्रसाद यादव ने बिनामी कंपनी के माध्यम से तीन एकड़ की प्रमुख जमीन प्राप्त की.
7 जुलाई 2017 को सीबीआई ने लालू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. एजेंसी ने पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम में लालू और उनके परिवार से जुड़े 12 ठिकानों पर भी छापेमारी की.
वहीं, पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की ओर से यह कहा गया कि आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए कोई पर्याप्त सामग्री नहीं है और उन्हें इस मामले में बरी किया जाना चाहिए.
लालू प्रसाद यादव के वरिष्ठ अधिवक्ता मनींदर सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की ओर से कोई अनियमितता नहीं हुई. टेंडर निष्पक्ष तरीके से दिया गया. उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं है. उन्हें आरोपों से मुक्त किया जाना चाहिए.
सीबीआई ने 5 जुलाई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. अप्रैल 2018 में चार्जशीट दायर की गई. सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120बी पढ़कर 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) पढ़कर 13(1)(डी) का हवाला दिया.
यह भी पढ़ें: मायावती की लखनऊ रैली: बुआ vs भतीजा, योगी की तारीफ और उत्तराधिकारी पर रुख साफ