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Tuesday, 24 December, 2024
होमदेशअर्थजगत'दूध उत्पादन में पहले नंबर पर भारत,' पीएम मोदी बोले- गेहूं और चावल से भी अधिक पैदावार हो रही है

‘दूध उत्पादन में पहले नंबर पर भारत,’ पीएम मोदी बोले- गेहूं और चावल से भी अधिक पैदावार हो रही है

पीएम ने कहा दूध, दही,छाछ, पनीर, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है. ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है.

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बनासकांठा (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत सालाना 8.5 लाख करोड़ रुपये की कीमत का दूध का उत्पादन करता है, जो गेहूं और चावल की पैदावार से अधिक है और छोटे किसान डेयरी क्षेत्र के सबसे बड़े लाभार्थी हैं.

प्रधानमंत्री ने बनासकांठा जिले के दियोदर में बनास डेयरी के नए डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज, भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है. करोड़ों किसानों की आजीविका दूध पर निर्भर करती है. भारत सालाना 8.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य का दूध उत्पादन करता है, जिस पर बड़े अर्थशास्त्रियों सहित कई लोग ध्यान नहीं देते हैं.’

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है. दूध के साथ-साथ आलू से बनें उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है.

‘ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है.’

मोदी ने कहा, आलू और दूध का आपस में कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन बनास डेयरी ने ये रिश्ता भी जोड़ दिया.’

‘दूध, दही,छाछ, पनीर, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है. ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है.’

महिलाएं सशक्त हो सकती हैं

उन्होंने कहा, ‘गांवों की विकेन्द्रीकृत अर्थव्यवस्था प्रणाली इसका एक उदाहरण है. इसके विपरीत, गेहूं और चावल की पैदावार भी 8.5 लाख करोड़ रुपये दूध उत्पादन के बराबर नहीं है. और छोटे किसान डेयरी क्षेत्र के सबसे बड़े लाभार्थी हैं.’

मोदी ने कहा कि बनास डेयरी के नए डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का उद्देश्य स्थानीय किसानों को सशक्त बनाना और क्षेत्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है.

बनास डेयरी संकुल, चीज प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं ही, बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है.

भारत में गांव की अर्थव्यवस्थाओं को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को ताकत दे सकता है, ये सब कुछ यहां अनुभव किया जा सकता है.

पीएम ने कहा, ‘शायद जीवन में पहली बार अवसर आया होगा कि एक साथ डेढ़, दो लाख माताएं बहनें आज मुझे यहां आशीर्वाद दे रही हैं. हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं.’

गोबरधन से कचरे से कंचन तक का लक्ष्य

उन्होंने कहा, आज यहां एक बायो-CNG प्लांट का लोकार्पण किया गया है और 4 गोबर गैस प्लांट्स का शिलान्यास हुआ है. ऐसे अनेक प्लांट्स बनास डेयरी देशभर में लगाने जा रही है. ये कचरे से कंचन के सरकार के अभियान को मदद करने वाला है.

पीएम ने कहा, ‘गोबरधन के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्य हासिल हो रहे हैं. एक तो इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है, दूसरा, इससे पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है.

तीसरा, गोबर से बायो-CNG और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं. चौथा, इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है.

प्रधानमंत्री ने बनास सामुदायिक रेडियो स्टेशन, पालनपुर में पनीर उत्पादों व मट्ठा पाउडर के उत्पादन के लिए विस्तारित सुविधाओं और दामा में स्थापित जैविक खाद व बायोगैस संयंत्र को भी राष्ट्र को समर्पित किया.


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