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Tuesday, 12 August, 2025
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EC के खिलाफ INDIA गठबंधन का विरोध, तो BJP क्यों कर रही है बचाव — उद्धव ठाकरे

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सड़क पर उतरें, ‘शिवसेना वाले अंदाज़ में नहीं’, बल्कि लोगों के साथ ‘भ्रष्टाचार पर चर्चा’ करें ताकि महायुति सरकार के कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया जा सके.

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मुंबई: दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान INDIA गठबंधन के सांसदों की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर धब्बा बताते हुए शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा और पूछा कि जब चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” के आरोप लग रहे हैं, तो वह उसका “बचाव” क्यों कर रही है.

आने वाले महीनों में महाराष्ट्र में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले माहौल गर्माते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सड़कों पर उतरें—“शिवसेना वाले अंदाज़” में नहीं, बल्कि जनता के बीच जाकर छोटी-छोटी बैठकों और बातचीत के जरिए—“भ्रष्टाचार पर चर्चा”—करें, ताकि महायुति सरकार के मंत्रियों के कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया जा सके.

दिल्ली में सोमवार को चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च करने के दौरान INDIA गठबंधन के सदस्यों की गिरफ्तारी पर ठाकरे ने मुंबई में पत्रकारों से कहा, “आज जो हुआ, वह लोकतंत्र पर धब्बा है. जब हम EC के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, तो बीजेपी उनका बचाव क्यों कर रही है? लोकतंत्र की हत्या हो रही है और सब देख रहे हैं.”

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई INDIA गठबंधन सांसदों को संसद से चुनाव आयोग के मुख्यालय तक मार्च के दौरान हिरासत में लिया. यह विरोध बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) और 2024 लोकसभा चुनाव में “वोट चोरी” के आरोपों को लेकर था.

ठाकरे ने एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के उस दावे का भी समर्थन किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कुछ लोग उनसे मिले थे और कहा था कि वे विपक्ष को 288 में से 160 सीटें जिताने की “गारंटी” दे सकते हैं. पवार ने उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया था और दोनों नेताओं ने यह कहकर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि “यह हमारा तरीका नहीं है.”

ठाकरे ने पिछले हफ्ते राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई प्रस्तुति का ज़िक्र करते हुए कहा कि उसमें “वोट चोरी” के गंभीर आरोप लगाए गए थे, लेकिन उन सवालों के जवाब देने के बजाय EC, एक निर्वाचित सांसद राहुल गांधी से कह रही है कि वे अपने दावों को शपथपत्र के रूप में दें.

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर भी EC पर हमला बोला और सुप्रीम कोर्ट में आयोग के इस बयान की आलोचना की कि उसे ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर किए गए लोगों की अलग सूची प्रकाशित करने की बाध्यता नहीं है. ठाकरे ने कहा, “क्या अब EC, सुप्रीम कोर्ट या राष्ट्रपति से ऊपर हो गया है? यह सुप्रीम कोर्ट का अपमान है.”

दिल्ली में EC के खिलाफ विरोध मार्च के दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और INDIA गठबंधन के अन्य नेता व सांसद हिरासत में | एएनआई
दिल्ली में EC के खिलाफ विरोध मार्च के दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और INDIA गठबंधन के अन्य नेता व सांसद हिरासत में | एएनआई

‘भ्रष्टाचार पर चर्चा’

इसी बीच, ठाकरे ने शिवाजी पार्क में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों से पहले वे सड़कों पर उतरें और “भ्रष्टाचार पर चर्चा” करें — यह विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 लोकसभा चुनाव से पहले के सफल “चाय पर चर्चा” अभियान से लिया गया है.

उन्होंने कहा कि शिवसैनिक अब सड़कों पर उतरें, क्योंकि त्योहारों के मौसम में, खासकर दही हांडी और गणेश चतुर्थी के दौरान, वे अधिक से अधिक लोगों से मिल सकते हैं.

ठाकरे ने कहा, “वक्त आ गया है कि अब सड़कों पर उतरें, लेकिन शिवसेना वाले अंदाज़ में नहीं, बल्कि इस बार थोड़ा अलग तरीके से. आपको सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार पर चर्चा शुरू करनी होगी और भ्रष्ट मंत्रियों व उनके कामकाज को उजागर करना होगा.”

शिवसेना (यूबीटी) नेता और पूर्व सांसद विनायक राऊत ने इस योजना के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि पार्टी के पदाधिकारी पुरुष, महिला, युवा सेना मुंबई में छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करेंगे, जिनमें सरकार की गड़बड़ियों को उजागर किया जाएगा. मुंबई के बाहर, ग्रामीण इलाकों में, कार्यकर्ताओं से उम्मीद की जाएगी कि वे खेतों में, चौकों पर, बाज़ारों में बैठकर सरकार को बेनकाब करें.”

राऊत ने कहा, “एक तरफ मंत्री भ्रष्टाचार के बल पर घमंडी होते जा रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि उसके पास जनता के कल्याण के लिए पैसे नहीं हैं. हमारे कार्यकर्ता इसे उजागर करेंगे, इसका पंचनामा करेंगे और इस पर चर्चा शुरू करेंगे. यही कार्यक्रम का मकसद है.”

जहां एक ओर कांग्रेस ने दिल्ली में INDIA गठबंधन का नेतृत्व करते हुए कथित “वोट चोरी” के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, वहीं शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में कलेक्टर कार्यालयों पर आंदोलन किया.

पार्टी ने अन्य मुद्दों को भी उठाया, जिनमें एक वीडियो शामिल है, जिसमें कथित तौर पर एनसीपी मंत्री माणिकराव कोकटे को विधानसभा में रमी खेलते हुए दिखाया गया है, मंत्री संजय शिरसाट को एक कमरे में बैठे हुए दिखाया गया है, जहां बैग रखे हैं जिनमें कथित तौर पर नकदी भरी है, और शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ पर एक विधायक कैंटीन कर्मचारी से मारपीट का आरोप है.

राजनीतिक विश्लेषक हेमंत देसाई का मानना है कि शिवसेना (यूबीटी) का सड़कों पर उतरकर और संगठित आंदोलन पर जोर देना बेवजह नहीं है. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “यह उनके लिए अस्तित्व का सवाल है और मेरी जानकारी में, यह पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की पुरानी मांग रही है कि वे सड़कों पर उतरकर प्रचार करें.”

उन्होंने आगे कहा, “मेरी समझ से, वे आगामी चुनावों में राज ठाकरे के साथ जाने वाले हैं और कांग्रेस को साथ नहीं लेंगे. इसलिए शायद यह आंदोलन शिवसेना (यूबीटी) ने अलग से किया, न कि महाविकास आघाड़ी (MVA) के हिस्से के रूप में.”

क्या निशाना सिर्फ शिंदे पर या पूरी महायुति सरकार पर?

राज्य सरकार में कथित भ्रष्टाचार की बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने खास तौर पर शिंदे शिवसेना गुट के मंत्रियों के नाम लिए, सिवाय माणिकराव कोकाटे के, जो एनसीपी (अजीत पवार गुट) से हैं.

शिवसेना (यूबीटी) के इस विरोध में ताश के पत्ते खेलकर कोकटे पर तंज कसा गया और बैग व बॉक्स लेकर चलने का नाटक किया गया, जो संजय शिरसाट के उस वीडियो की ओर इशारा था, जिसमें वे कथित तौर पर नकदी से भरे बैग के साथ दिखाई देते हैं. उन्होंने योगेश कदम को भी निशाना बनाया, जिन पर उनकी मां के डांस बार से जुड़े होने के आरोप लगे हैं.

राजनीतिक विश्लेषक देसाई ने कहा, “ऊपर से देखने पर लगता है कि (उद्धव ठाकरे) सिर्फ शिंदे को निशाना बना रहे हैं. यह संभव है क्योंकि ज़्यादातर सीटों पर उनका मुकाबला शिंदे से ही होगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसका मतलब है कि वे (मुख्यमंत्री) फडणवीस पर नरम हैं. हाल ही में दिल्ली में उन्होंने फडणवीस को भी निशाने पर लिया था.”

सोमवार के प्रदर्शन में ठाकरे ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से सवाल किया. उन्होंने कहा, “फडणवीस, आपने वोट चोरी की है और इसी के खिलाफ INDIA गठबंधन विरोध कर रहा है. दरअसल, कांग्रेस ने आपको अच्छा नाम दिया है—मुख्यमंत्री नहीं, ‘चोर मंत्री’. जब कोई रमी खेलते हुए पकड़ा गया, तो आपने बस चेतावनी दी और मंत्रालय बदल दिया. बाकी मामलों में भी यही किया.”

मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए ठाकरे ने कहा, “आप इन भ्रष्ट मंत्रियों को क्यों नहीं हटा रहे हैं? क्या आपको किसी दबाव में यह करना पड़ रहा है? तो आपको आकर कहना चाहिए. या फिर, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी (बीजेपी) के पास इतने काबिल मंत्री ही नहीं हैं जिन्हें आप उनकी जगह बैठा सकें? आपको साफ करना चाहिए.”

शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा सांसद विनायक राऊत ने दिप्रिंट से कहा कि पार्टी का मकसद पूरे सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करना है, किसी एक व्यक्ति या पार्टी को नहीं.

राऊत ने कहा, “यह पूरे महायुति सरकार के खिलाफ है. बस संयोग से, हमने देखा है कि जिन मंत्रियों पर दाग हैं, वे शिंदे गुट से हैं. इसलिए मजबूरी में हमें शिंदे गुट के मंत्रियों के नाम लेने पड़े, लेकिन हमारे लिए पूरा महायुति ही निशाने पर है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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