नई दिल्ली: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह राज्य में हिंसा को देखते हुए शनिवार को सर्वदलीय बैठक कर रहे हैं. बीरेन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), आम आदमी पार्टी और शिवसेना सहित राजनीतिक दल शामिल हो रहे हैं.
सूत्र ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में सीएम बीरेन सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा और उनसे क्षेत्र में शांति की अपील करने को कहा.
उधर, केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने शनिवार को कहा कि केंद्र मणिपुर में हिंसा को कम करने और राज्य को सामान्य स्थिति में लाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है.
कानून मंत्री ने मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया. पत्रकारों से बात करते हुए रिजिजू ने कहा, ‘दुर्भाग्य से मणिपुर में हिंसा हो रही है. हिंसा को खत्म करने के लिए केंद्र और गृह मंत्री कदम उठा रहे हैं. गृह मंत्री मणिपुर में स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं.”
उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा के संबंध में उन्हें मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं से कई फोन कॉल आए थे.
उन्होंने कहा, “केंद्र हर संभव कार्रवाई कर रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. कई लोग मारे गए हैं और नुकसान हुआ है. हम सभी भाई हैं। लोगों को एकता से रहना चाहिए. मणिपुर में लोगों को भाईचारा बनाए रखना चाहिए. बातचीत से मसले सुलझ सकते हैं. मोदी शासन के तहत, पूर्वोत्तर विकास के मामले में बहुत आगे निकल गया है.”
उन्होंने आगे कहा, “इस हिंसा से सबसे ज्यादा नुकसान युवाओं, महिलाओं और विकास को होता है. खूबसूरत पूर्वोत्तर में विकास तभी सफल हो सकता है, जब शांति की कोशिश की जाए.”
उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर समुदाय के केंद्रीय मंत्री के रूप में, मैं मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं. सभी को मणिपुर में शांति वापस लाने में योगदान देना चाहिए.”
इस बीच, पहाड़ी और मैदानी जिलों में रहने वाले समुदायों के बीच झड़पों के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं और कर्फ्यू लगाया गया है और मणिपुर में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
यह मैदानी निवासियों द्वारा अनुसूचित जनजाति आरक्षण की मांग के बाद आया है, जो मुख्य रूप से मैतेई हैं और संख्या में बहुसंख्यक हैं.
इन मांगों के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) मणिपुर ने बुधवार को एक रैली निकाली, जो बाद में हिंसक हो गई.
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आपबीती
हिंसा में उपद्रवियों द्वारा घरों को जलाए जाने के बाद कई लोगों ने मणिपुर के मोइरांग में एक आश्रय शिविर में शरण ली है.
मोइरांग के राहत शिविर में शरण लेने के दौरान एक स्थानीय महिला अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उसे अपना कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है और वो काफी तनाव में रह रही है. साथ अभी कई लोग तनावपूर्ण क्षेत्रों में फंसे हुए हैं.
उसने कहा, “…मुझे नहीं पता कि मैं भविष्य में क्या करूंगी। यह सोचकर ही मैं तनाव में आ जाती हूं.”
चुराचंदपुर की एक निवासी ने कहा, “मुझे अपने घर की चिंता है. मुझे चिंता है कि वे हमारे घर को जला देंगे. मेरे पिता और भाई अभी भी वहीं हैं.”
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