नई दिल्ली: गोवा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एकमात्र विधायक चर्चिल अलेमाओ ने असेम्बली स्पीकर को लिखकर अनुरोध किया है कि ‘एनसीपी विधायी इकाई’ का तृणमूल कांग्रेस में विलय कर दिया जाए, जिससे विधानसभा में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस विधायी दल वजूद में आ जाएगा.
अलेमाओ सोमवार को पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हुए, जो गोवा के दो-दिवसीय दौर पर हैं. उन्हें पार्टी में तब शामिल किया गया, जब बनर्जी उनके चुनाव क्षेत्र बेनॉलिम के दौरे पर थीं.
अलेमाओ ने पहले दिप्रिंट से पुष्टि की थी कि वो सोमवार को टीएमसी में शामिल होंगे. पार्टी में ये उनका दूसरा कार्यकाल होगा, क्योंकि वो पहले भी 2014 से 2016 के बीच इसके सदस्य रह चुके हैं.
तृणमूल कांग्रेस पहली बार 2022 के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनावों में, गंभीरता के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है.
‘TMC का असेम्बली में एक MLA होगा’
गोवा से दिप्रिंट के साथ बात करते हुए सूबे के पूर्व सीएम अलेमाओ ने कहा कि अगर स्पीकर उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लेते हैं, तो गोवा असेम्बली में टीएमसी का एक विधायक हो जाएगा.
अलेमाओ ने कहा, ‘मैंने स्पीकर को लिखा है कि ‘गोवा विधान सभा में एनसीपी विधायी दल’ का टीएमसी में विलय कर दिया जाए, चूंकि मैं एनसीपी का अकेला विधायक हूं. अगर स्पीकर मान लेते हैं तो कल से ही गोवा असेम्बली में टीएमसी का एक विधायक हो जाएगा, चुनावों से भी पहले’.
उन्होंने कहा, ‘पहले भी, जब कांग्रेस विधायक एक साथ दल बदलकर बीजेपी में गए थे, तो उन्होंने भी विलय का अनुरोध किया था, और स्पीकर ने मान लिया था. उससे पहले एक-दो निर्दलीयों ने भी ऐसा ही किया है, इसलिए इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए’.
अलेमाओ टीएमसी में शामिल होने वाले दूसरे पूर्व गोवा सीएम होंगे, जिनसे पहले कांग्रेस के लुईज़ीन्हो फलेयरो थे, जो उसके बाद राज्यसभा सांसद बना दिए गए हैं, और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.
गोवा विधानसभा स्पीकर को लिखे एक पत्र में टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने अलेमाओ की पेशकश स्वीकार कर ली, और उनके प्रस्ताव का समर्थन किया कि एनसीपी विधायी दल को तृणमूल विधायी दल में शामिल कर दिया जाए.
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अलेमाओ की अनेक पार्टियां
चर्चिल अलेमाओ ने 1983 में यूनाइटेड गोवन्स डेमोक्रेटिक पार्टी (यूजीडीपी) का गठन किया था, जिसे कुछ साल बाद छोड़कर वो कांग्रेस में शामिल हो गए. 1990 में वो कांग्रेस की अगुवाई में प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट के हिस्से के तौर पर, 18 दिन के लिए गोवा के मुख्यमंत्री बने. पार्टी में अंदरूनी फूट के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
1996 से 1998 के बीच वो दक्षिण गोवा सीट से कांग्रेस सांसद रहे.
2007 में अलेमाओ ने कांग्रेस छोड़कर सेव गोवा फ्रंट बना लिया, उस साल वह अकेले दम पर असेम्बली चुनाव लड़े. चूंकि कोई पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई, इसलिए सरकार बनाने के लिए सेव गोवा फ्रंट, कांग्रेस की अगुवाई में गठबंधन में शामिल हो गया, जिसमें उन्हें मंत्री बनाया गया.
2008 में सेव गोवा फ्रंट ने कांग्रेस में विलय कर लिया.
2014 में अलेमाओ एक बार फिर कांग्रेस से अलग हुए, जब पार्टी ने लोकसभा चुनावों में उनकी बेटी वलांका को टिकट नहीं दिया. उससे पहले 2012 के प्रदेश असेम्बली चुनावों में अलेमाओ समेत उनके परिवार के चारों सदस्यों को हार का मुंह देखना पड़ा था.
उसके बाद वो टीएमसी में चले गए और दक्षिण गोवा सीट से 2014 का चुनाव लड़ा, लेकिन केवल तीन प्रतिशत वोट ही प्राप्त कर पाए (लगभग 12,000). 2016 में वो एनसीपी में शामिल हो गए.
सूत्रों के अनुसार 2014 की तरह ही वलांका को टिकट न दिए जाने पर अलेमाओ अब फिर कांग्रेस से अलग हो गए हैं, जिसके साथ एनसीपी गठबंधन पर विचार कर रही है.
पिता-पुत्री ने 29 नवंबर को कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाक़ात की थी.
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