नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने गोवा में वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित पालेकर को मुख्यमंत्राी पद का उम्मीदवार घोषित किया है. बुधवार को पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनके नाम की घोषणा की.
इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि ‘गोवा की राजनीति में आज से एक नई शुरुआत! नए चेहरे, गोवा के असली आम आदमी अब इन भ्रष्ट पार्टियों के ‘पैसे से सत्ता, सत्ते से पैसे” के चक्र को खत्म कर देंगे.’
उन्होंने पालेकर के बारे में कहा कि वो गोवा की दिल की धड़कन हैं. वो पढ़े-लिखे हैं, ईमानदार हैं, सबको साथ लेकर चलते हैं. वह गोवा वालों के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं.’
वहीं, पालेकर ने सीएम बनने के बाद पहला काम गोवा में 24 घंटे के अंदर भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा किया.
Will end the rampant corruption in Goa within 24 hrs – @AmitPalekar10 on his first act after being elected as a CM in the upcoming #GoaElections2022 #AAPkaCM pic.twitter.com/UC5fSkxk08
— Aam Aadmi Party Goa (@AAPGoa) January 19, 2022
उन्होंने आगे कहा कि कहा कि ‘मैं आपको भ्रष्टाचार मुक्त गोवा की गारंटी दे रहा हूं. हमें गोवा का खोया हुआ गौरव वापस मिलेगा, एक ऐसा गोवा जिसका हर किसी ने सपना देखा था. मैं अपनी कही हुई हर बात को मानूंगा और यही मेरी गारंटी है.’
उन्होंने आगे कहा कि ‘हमारी पार्टी में मेहनती, ईमानदार लोग हैं जो गोवा के सभी क्षेत्रों से आते हैं. हमें एक मौका दें और
हम गोवा की खोई हुई महिमा को वापस लाएंगे और गोवा की राजनीति में कदाचार को खत्म करेंगे.’
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कौन हैं अमित पालेकर
आप के सीएम फेस अमित पालेकर भंडारी समाज से ताल्लुक रखते हैं. गोवा में भंडारी समाज की आबादी 35 फीसदी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पालेकर को सीएम उम्मीदवार बनाने के बाद आप की पहुंच इस समाज में आसानी से बन जाएगी. पालेकर पेशे से वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं और गोवा में काफी चर्चित हैं. उन्होंने पिछले साल कोरोना काल में लोगों की मदद की थी. पालेकर ने एक स्थानीय अस्पताल को 135 बेड दान में दिए थे. उन्होंने लोगों का इलाज कराने के साथ-साथ लॉकडाउन में कई परिवारों की मदद भी की थी.
इसके अलावा पालेकर गोवा में भ्रष्टाचार को लेकर भी काफी मुखर आवाज हैं. उन्होंने ओल्ड गोवा हेरिटेज परिसर में गैर-कानूनी ढंग से बनाए जा रहे एक बंगले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. जिस पर सरकार को सामने आकर उस विवादित ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी थी.
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