नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उन प्रस्तावित बिलों का बचाव किया जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्र व राज्य के मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में कम से कम 30 दिन तक गिरफ्तार या हिरासत में रहने पर पद से हटाने का रास्ता साफ करेंगे. उन्होंने इसे अपनी सरकार का “भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रयास” बताते हुए कहा कि उनकी सरकार पर “भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है.” बिहार के गया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने बिलों पर हो रहे विपक्ष के विरोध पर भी तीखा हमला बोला.
बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 और केंद्र शासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए थे, जिन्हें संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है.
बिलों और उन पर उठे तीखे विरोध पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने पूछा, “सरकारें जेल से क्यों चलनी चाहिए? क्या दागी मंत्री अपने पद पर बने रहें? जनता चाहती है कि नेता नैतिक ईमानदारी दिखाएं.”
उन्होंने कहा, “अगर कोई सरकारी क्लर्क या ड्राइवर जेल जाने पर नौकरी खो देता है, तो मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री जेल से सत्ता और सरकारी सुविधाओं का आनंद कैसे ले सकते हैं? कुछ समय पहले हमने देखा कि कैसे जेल से फाइलों पर दस्तखत हो रहे थे और आदेश जारी हो रहे थे. अगर नेता ऐसे व्यवहार करेंगे तो हम भ्रष्टाचार से कैसे लड़ेंगे? यह डॉ. राजेंद्र प्रसाद और आंबेडकर के संविधान का अपमान है.”
इशारा साफ तौर पर पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर था, जिन्होंने भ्रष्टाचार मामले में जेल से छह महीने तक सरकार चलाई थी.
मोदी ने कहा, “एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून लाया है और इस कानून के दायरे में प्रधानमंत्री खुद भी आते हैं. संविधान की गरिमा को हम रोज़-रोज़ तार-तार नहीं होने देंगे. इस बिल के तहत अगर किसी मंत्री, सीएम या पीएम को जमानत नहीं मिलती, तो उन्हें पद छोड़ना होगा.”
इसके साथ ही उन्होंने बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामदलों पर भी निशाना साधा. मोदी बोले, “राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां इस कानून का विरोध कर रही हैं. वे गुस्से में हैं क्योंकि उन्हें पता है कि डर किस बात का है. उन्हें लगता है कि अगर जेल गए तो उनके सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे. वे इतने बौखलाए हुए हैं कि जनता के हित में बने इस कानून का भी विरोध कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है, जबकि कांग्रेस सरकारें, जिन्होंने आज़ादी के बाद 60-65 साल राज किया, उनका भ्रष्टाचार का लंबा इतिहास है. जो नेता आज ज़मानत पर बाहर हैं और कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं, वही इस कानून का विरोध कर रहे हैं. इसलिए वे मोदी को गालियां देते हैं, लेकिन अब भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे और उनकी कुर्सी भी जाएगी.”
मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि “बिहार का हर बच्चा राजद के भ्रष्टाचार को जानता है.”
‘बिहार खतरे में है’
गया की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी राज्य में निर्वाचन आयोग की विवादित स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया का नाम लिए बिना “बिहार में घुसपैठियों” का मुद्दा उठाया और आरजेडी व कांग्रेस पर “गैरकानूनी प्रवासी वोट बैंक” को साधने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर मैंने देश को एक खतरे से सावधान किया था. बिहार भी इसी खतरे का सामना कर रहा है. घुसपैठियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. बिहार के सीमा इलाकों की जनसांख्यिकी बदल रही है. एनडीए सरकार ने तय किया है कि गैरकानूनी प्रवासियों को देश का भविष्य तय करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. बिहार के युवाओं की रोज़गार की हकदारी घुसपैठिए छीन नहीं पाएंगे.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए वह एक डेमोग्राफिक मिशन शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने सवाल किया, “हर गैरकानूनी प्रवासी को बाहर किया जाएगा. बिहार की जनता को उन लोगों से सावधान रहना होगा जो तुष्टिकरण और वोट बैंक बढ़ाने के लिए इन्हें समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस और आरजेडी, बिहार के लोगों के अधिकार छीनकर उन्हें प्रवासियों को देना चाहते हैं. क्या आप अपनी ज़मीन उन्हें सौंपना चाहते हैं?”
आरजेडी और उसके सहयोगियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन दलों ने बिहार की जनता को सिर्फ वोट बैंक समझा, गरीबों की मुश्किलों से इन्हें कोई सरोकार नहीं रहा.
उन्होंने आरजेडी के चुनाव चिन्ह लालटेन का ज़िक्र करते हुए कहा कि “लालटेन राज” में बिहार माओवादी आतंक की गिरफ्त में था और अंधेरा होते ही कहीं भी जाना मुश्किल था.
साथ ही कांग्रेस पर भी उन्होंने हमला बोला और कहा कि “कांग्रेस को बिहार की जनता से नफरत रही है.”
प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष में कहा, “हमारी कोशिश है कि बिहार के बेटे-बेटियां यहीं रोज़गार पाएं और सम्मान के साथ जीवन जिएं. बिहार का तेज़ विकास एनडीए सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: SIR पर राहुल के आरोप BJP को दे सकते हैं बढ़त, देशभर में मृत और प्रवासी वोटर हटाने का रास्ता साफ