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Friday, 29 March, 2024
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PM नरेंद्र मोदी के कार्यों से प्रभावित होकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के भतीजे मुबश्शिर ने थामा BJP का दामन

गुलाम नबी आजाद के सबसे छोटे भाई लियाकत अली के बेटे मुबश्शिर आजाद ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनके चाचा का 'अपमान' किया, जिससे उन्हें दुख हुआ और उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया.

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जम्मू : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के भतीजे मुबश्शिर आजाद रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमीनी स्तर पर किए गए विकास कार्यों से प्रभावित हैं.

गुलाम नबी आजाद के सबसे छोटे भाई लियाकत अली के बेटे मुबश्शिर आजाद ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनके चाचा का ‘अपमान’ किया, जिससे उन्हें दुख हुआ और उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया.

हालांकि, मुबश्शिर ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने की योजना को लेकर अपने चाचा के साथ चर्चा नहीं की.

मुबश्शिर आजाद और उनके समर्थकों का भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना और पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में स्वागत किया.

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रैना ने इन लोगों के भाजपा में शामिल होने को एक ‘निर्णायक मोड़’ बताया, जो चिनाब घाटी क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों के युवा कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा विपक्षी दलों के राजनीतिक नेताओं, हिंदू, मुस्लिम, गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी सभी समुदायों के सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने साथ लाकर तेजी से आगे बढ़ रही है.’

अप्रैल 2009 में आजाद के भाई गुलाम अली भी भाजपा में शामिल हुए थे.

मुबश्शिर आजाद ने कहा, ‘(कांग्रेस) पार्टी अंदरूनी कलह में उलझी हुई है. जबकि मोदी के नेतृत्व में जमीन पर लोगों के कल्याण का काम हो रहा है.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पार्टी के करिश्माई नेताओं में शुमार पूर्व मुख्यमंत्री (गुलाम नबी) आजाद के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उससे आम जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है.

मुबश्शिर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए उनकी प्रशंसा की, लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया.’

गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के उन असंतुष्ट नेताओं के समूह में शामिल थे, जिसने अगस्त 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक सुधारों की मांग की थी.

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