scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमराजनीति‘उपलब्धियों का लेखा-जोखा लेकर 2024 में फिर लाल किले लौटूंगा’, पढ़िए PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें

‘उपलब्धियों का लेखा-जोखा लेकर 2024 में फिर लाल किले लौटूंगा’, पढ़िए PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें

लगभग डेढ़ घंटे लंबे भाषण में मोदी ने भ्रष्टाचार, 2014 के चुनावों, परिवारवाद, आतंकी घटनाओं, युवाओं और महिलाओं के लिए अवसर, अपनी सरकार की नीतियों, योजनाओं, गुलामी का दौर, महंगाई और 2047 में भारत के विकास के बारे में बात की.

Text Size:

नई दिल्ली: आज़ादी की 76वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री ने दसवीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मणिपुर के नाम संदेश देने से लेकर गुलामी के दौर का ज़िक्र किया.

इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में देशवासियों को ‘परिवारजन’ कहकर संबोधित किया और भाषण के अंत में अगले साल फिर से लाल किले से भाषण देने की बात कही. पीएम ने और क्या कुछ खास कहा आइए आपको बताते हैं.

लगभग डेढ़ घंटे लंबे भाषण में मोदी ने भ्रष्टाचार, 2014 के चुनावों, परिवारवाद, आतंकी घटनाओं, युवाओं और महिलाओं के लिए अवसर, अपनी सरकार की नीतियों, योजनाओं, गुलामी का दौर, महंगाई और 2047 में भारत के विकास के बारे में बात की.

प्रधानमंत्री ने मणिपुर के नाम संदेश देते हुए कहा, ‘‘देश मणिपुर के साथ है और राज्य से शांति की खबरें आ रही हैं.’’

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, ‘‘पिछले समय से मणिपुर में हिंसा का जो दौर चला. कई लोगों को हिंसा को शिकार होना पड़ा. मां- बेटियों के साथ अत्याचार हुआ, लेकिन कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश मणिपुर के साथ है. केंद्र सरकार, राज्य के साथ मिल कर समाधान के प्रयास कर रही है और करती रहेगी.’’

गुलामी के दौर का ज़िक्र करते हुए देश को लूटे जाने की बात कही और बताया कि कैसे उन्होंने इसे खत्म किया.

पीएम ने कहा, ‘‘जब हम इतिहास की तरफ नज़र करते हैं तो कुछ पल ऐसे आते हैं जो अमिट छाप डालते हैं. वो अनेक समस्याओं की जड़ मान जाती है. हज़ारों साल पहले देश पर आक्रमण हुआ. तब पता भी नहीं था कि एक घटना देश को हज़ार साल की गुलामी में डाल देगा. जो आया, लूटता गया.’’

उन्होंने कहा, जिसका जो मन किया वो हम पर सवार हो गया. घटना छोटी क्यों ना हो, लेकिन हज़ार साल तक प्रभाव छोड़कर रहती है. भारत एक हज़ार साल की गुलामी और एक हज़ार साल के सपनों के बीच पड़ाव में खड़ा है.

‘‘इस कालखंड में जो हम करेंगे, जो कदम उठाएंगे, एक के बाद एक फैसले लेंगे…आने वाले देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है. गुलामी की मानसिकता से निकला हुआ देश नए विश्वास के साथ आगे निकल रहा है.’’

मोदी ने कहा, ‘‘मेरी सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को बाहर निकाला, गलत तरीके से कमाई गई संपत्तियों की जब्ती 20 गुना बढ़ी.’’


यह भी पढ़ें: आज़ादी के 76 साल बाद भी पाकिस्तान से भारत लौटे लोगों के ज़ेहन में घरों को देखने की कसक बाकी…


2014 और साल 2019 में मजबूत सरकार बनाई

अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आपने ऐसी मज़बूत सरकार फॉर्म की है जिसकी वजह से तो ही मैं रिफॉर्म कर पाया.’’

उन्होंने अपनी सरकार के 10 सालों का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘‘साल 2014 में मेरे देशवासियों ने तय किया कि अब स्थिर सरकार चाहिए. तीन दशकों के बाद राजनीतिक मजबूरियों से जकड़े देश को आज़ाद करने का फैसला किया.’’

मोदी ने कहा, ‘‘देश में बड़े स्तर पर काम हो रहा है. मैं कहना चाहूंगा कि 2014 और साल 2019 आपने मज़बूत सरकार बनाई. आपने ऐसी सरकार फॉर्म की कि मोदी को रिफॉर्म करने की हिम्मत आई.’’

‘‘मोदी ने जब एक के बाद एक रिफॉर्म किए तब ब्यूरोक्रेसी ने बदलाव करने की ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई. ब्यूरोक्रेसी ने ट्रांसफॉर्म करने के लिए परफॉर्म करके दिखाया. जनता-जनार्दन से जुड़ी तो चीज़ें ट्रांसफॉर्म होती नज़र आ रही हैं.’’

अपने भाषण में अपनी सरकार की नई नीतियों का ज़िक्र करते हुए मोदी ने गारंटी दी की देश टॉप इकोनॉमी में शामिल होगा.‘‘आने वाले पांच सालों के लिए मोदी की गारंटी है देश टॉप इकोनॉमी में शामिल होगा.’’

मज़दूर वर्ग को नई ताकत देने के लिए आने वाले महीने में विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना लॉन्च करने की भी घोषणा की गई. योजना की शुरुआत 13 हज़ार करोड़ रुपये से होगी.

अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में मोदी ने कहा, ‘‘पीएम किसान योजना के तहत हमने ढाई लाख करोड़ सीधा किसानों को दिया है, आयुष्मान भारत योजना हमने गरीबों के लिए शुरू किया इसमें 70 हज़ार करोड़ रुपये हमने लगाए.’’

‘‘कोरोना वैक्सीन में 40 हज़ार करोड़ रुपये लगाए, पशुधन को बचाने के लिए हमने 15 हज़ार करोड़ रुपये लगाए, उनके टीके में हमने इतना पैसा लगाया.’’

‘‘जन औषधि केंद्रो ने देश के मध्यम वर्गीय परिवारों को एक ताकत दी. देश में आज एक हज़ार से ज़्यादा जन औषधि केंद्र हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों का 20 हज़ार करोड़ रुपये बचा है.’’

‘‘जैसे हम विश्वकर्मा योजना लेकर आ रहे हैं उसी तरह देश में आने वाले दिनों में हम 25 हज़ार जन औषधि केंद्रों को लाएंगे.’’

‘‘शहरों में जो लोग अपना मकान बनाना चाहते हैं, उसके बैंक के लोन के ब्याज में राहत देने का हमने फैसला किया है.’’

प्रधानमंत्री ने कहा, 10 सालों में हमने देश की अर्थव्यस्था को 10वें नंबर से पांचवें नंबर पर ला दिया. ‘‘जब हम सत्ता में आए तो अर्थव्यवस्था के मामले में 10 वें नंबर पर थे, आज हम पांचवें नंबर पर हैं.’’

‘‘ये ऐसे नहीं हुआ, जब भ्रष्टाचार के राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया था, तब हमने इसे रोका और एक मज़बूत अर्थव्यवस्था बनाई. हमने गरीबों के कल्याण के लिए ज़्यादा से ज़्यादा धन खर्च किया. जब देश आर्थिक रूप से मज़बूत होता है तो तिजोरी नहीं भरती और बल्कि देश का सामर्थ्य बढ़ता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘10 साल पहले राज्य सरकार को 30 लाख करोड़ मिलते थे, हमने ये बढ़ा कर 100 लाख करोड़ पर पहुंचाया है. स्थानीय विकास के लिए 70 हज़ार करोड़ जाता था आज 3 लाख करोड़ जाता है. आज गरीबों के घरों पर चार गुना पैसे सरकार खर्च कर रही है. गरीबों का घर बनाने के लिए 90 हज़ार करोड़ खर्च होता था. आज चार लाख करोड़ ख़र्च हो रही है.’’


यह भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री क्यों देश को लाल किले से संबोधित करते हैं? सब कुछ नेहरू से शुरू हुआ 


‘आतंकी हमलों में आई कमी’

देश की नई संसद का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘25 साल से देश में चर्चा हो रही थी कि देश में नई संसद बनेगी लेकिन काम नहीं हो रहा था. ये मोदी है जिसने समय से पहले नई संसद बनाई. ये नया भारत है, ये संकल्पों को पूरा करने के लिए नया भारत है ,इसीलिए ये भारत न रुकता है, न थकता है, न हांफता है, न हारता है.’’

देश में आतंकवादी घटनाओं के कम होने का दावा करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आए दिन हम सुनते थे यहां धमाका हुआ वहां धमाका हुआ लेकिन आज देश सुरक्षा की अनुभूति कर रहा है. जब सुरक्षा होती है तब प्रगति होती है, सीरियल बम धमाके बीते कल की बात हो गई है. आज देश में आतंकी हमलों में कमी आई है, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव आया है.’’

उन्होंने युवाओं के लिए कहा कि देश में अवसरों की कमी नहीं है और आज 30 साल से कम आयु की संख्या दुनिया में कहीं सबसे ज्यादा है तो वो भारत में है.

‘‘100 ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चे सैटेलाइट बना कर सैटेलाइट छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. मैं देश के नौजवानों को कहना चाहता हूं अवसरों की कमी नहीं है, आप जितने अवसर चाहेंगे उससे ज्यादा अवसर देने में सक्षम है.’’

महिलाओं के नेतृत्व के लिए पीएम ने कहा कि सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत देश में हैं. आज महिला स्वयं सहायता समूहों से 10 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं. मेरा सपना गांवों में 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ है.

‘‘एक चीज़ जो देश को आगे ले जाएगी वह है महिला नेतृत्व वाला विकास. आज हम गर्व से कह सकते हैं कि नागरिक उड्डयन में सबसे ज्यादा पायलट भारत में हैं. चंद्रयान मिशन का नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं. जी20 देश भी महिला नेतृत्व वाले विकास के महत्व को पहचान रहे हैं.’’

उन्होंने कहा कि हमने देश में महंगाई पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं और इस दिशा में हमारा प्रयास जारी रहेगा.


यह भी पढ़ें: ‘मेक इन इंडिया से लेकर गुलामी का अंश बचने नहीं देना’ तक लाल किले से PM मोदी के भाषणों की खास बातें


भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण

मोदी ने अपने परिवारजनों से कहा कि ये आंखें बंद करने का समय नहीं है.इसके लिए हमें तीन बुराइयों से लड़ना होगा.

पहला: भ्रष्टाचार से मुक्ति हर क्षेत्र में पानी होगी. ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं इसके खिलाफ लड़ता रहूंगा.

दूसरा है परिवारवाद: देश को परिवारवाद ने जकड़ कर रखा है. आज लोकतंत्र में एक विकृति आई है, वो बीमारी है परिवारवाद की. ये लोग योग्यता को नकारते हैं, सामर्थ्य को स्वीकार नहीं करते. इसलिए इस देश की मज़बूती के लिए परिवावाद को खत्म करना ज़रूरी है.

तीसरी बुराई है तुष्टिकरण: इसने भी हमारे राष्ट्रीय चरित्र को तहत-नहस कर दिया है. समाजिक न्याय को तुष्टीकरण ने बर्बाद किया है. समाजिक न्याय को तुष्टिकरण मौत के घाट उतार दिया है.

उन्होंने कहा, ‘‘आज परिवारवाद और तुष्टीकरण ने हमारे देश को बर्बाद कर दिया है. किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? उनके लिए उनका जीवन मंत्र है- परिवार की पार्टी, परिवार द्वारा और परिवार के लिए.’’

‘‘तीनों ही चीज़ें देश का शोषण करती है. ये लोगों की अकांक्षा को सवालों में गाड़ देती है. हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना है.’’

मोदी ने कहा, अगर देश विकास चाहता है, देश 2047 में विकसित भारत का सपना पूरा करना चाहता है तो किसी भी हालत में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त न करें.

पीएम ने कहा, ‘‘जब 2047 में देश आज़ादी के 100 साल मनाएगा. तो उस समय तिरंगा एक विकसित भारत का झंडा होना चाहिए. हमें रुकना नहीं है, उसके लिए सुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता पहली ज़रूरत है. हमें इसे मज़बूती से खाद पानी देना चाहिए.’’

‘‘2047 में जब देश आज़ादी के 100 का जश्न साल मनाएगा तो मेरा देश विकसित भारत बन कर रहेगा. मैं देश के सामर्थ्य के आधार पर ये कह रहा हूं. अगले 25 साल में हमें एकता के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है.’’

2024 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘‘2019 में प्रदर्शन के आधार पर आपने मुझे एक बार फिर आशीर्वाद दिया…अगले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं. 2047 के सपने को साकार करने का सबसे बड़ा स्वर्णिम क्षण आने वाले पांच साल हैं. अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को आपके सामने रखूंगा.’’

मोदी ने कहा, वाइब्रेंट बॉर्डर गांव को देश का आखिरी गांव कहा जाता था. हमने वह मानसिकता बदल दी. वो देश के आखिरी गांव नहीं हैं. आप सीमा पर जो देख सकते हैं वो मेरे देश का पहला गांव है…मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि इन सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान हैं. वे यहां लाल किले पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने आए हैं.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का अंत इन पंक्तियों से किया, ‘‘चलता-चलाता काल चक्र, अमृत काल का भाल चक्र, सबके सपने अपने सपने, पनपे सपने सारे, धीर चले वीर चले, चले युवा हमारे, नीति सही रीति नई, गति सही राह नई, चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम.’’


यह भी पढ़ें: ‘कौम के गफ़लत में आते ही आज़ादी खतरे में आ जाती है’


 

share & View comments