नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आखिरकार छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम से सस्पेंस का पर्दा उठाते हुए आदिवासी नेता विष्णु देव साय को राज्य की कमान सौंपने की घोषणा कर दी है.
भाजपा नेताओं ने रविवार को बताया कि यहां पार्टी पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के दल ने सर्वसम्मति से पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को अपना नेता चुना.
उन्होंने बताया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने साय के नाम का प्रस्ताव किया और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने उनका समर्थन किया.
नाम सामने आने के बाद साय ने कहा, ‘‘मैं पूरी ईमानदारी से ‘सबका विश्वास’ के लिए काम करूंगा और ‘मोदी की गारंटी’ के तहत छत्तीसगढ़ की जनता से किए गए वादे पूरे करूंगा. प्रदेश के सीएम होने के नाते मैं वादों को पूरा करने का प्रयास करुंगा. पहला काम लोगों को 18 लाख आवास देना होगा…’’
विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुने जाने पर छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी ओम माथुर ने कहा, ‘‘इससे बढ़िया और क्या फैसला होगा, श्रेष्ठ कार्यकर्ता, अनुभवी कार्यकर्ता, अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे कार्यकर्ता को हमने चुना है, इससे अच्छा और क्या हो सकता है.’’
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए रमन सिंह, ओपी चौधरी, राम विचार नेता,अरुण साव और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह के नाम भी रेस में थे. मुख्यमंत्री पद के लिए साय के नाम की घोषणा होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साय का स्वागत किया और रायपुर में बीजेपी के कार्यालय के बाहर लोग जश्न मना रहे हैं.
अपने बेटे के सीएम चुने जाने पर उनकी मां जसमनी देवी ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं. मेरे बेटे को छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा करने का मौका मिला है…’’
उनके चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की थी कि आप इन्हें विधायक बनाइए, इन्हें बड़ा आदमी मैं बनाऊंगा.
छत्तीसगढ़ के नए मनोनीत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया.
राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने रविवार को राज्यपाल को एक पत्र सौंपा जिसमें कहा गया कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों ने साय को भाजपा विधायक दल का नेता चुना है. भाजपा ने राज्य में सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया है.
बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने विष्णुदेव साय को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने भारत के संविधान की धारा 164 के तहत उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त करने संबंधित पत्र प्रदान किया और मंत्रिमंडल के गठन के लिए आमंत्रित किया.
आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री साय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सबका विश्वास हासिल करने के लिए ईमानदारी से काम करेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए वादों को पूरा करने का संकल्प लिया.
विष्णु देव साय के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चुने जाने पर कांग्रेस नेता टी.एस. सिंह देव ने कहा, ‘‘मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. अब वो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे. हम उम्मीद करेंगे कि सरगुजा के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ के विकास के लिए वे कार्य करेंगे और विकास की दृष्टि से जो क्षेत्र पीछे रह गए हैं उन्हें प्राथमिकता देंगे…’’
राजभवन का दौरा करने के बाद अरुण साव ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धता के अनुसार छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 12 या 13 दिसंबर को हो सकता है.
नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बारे में पूछे जाने पर विष्णु देव साव ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि यह 12 या 13 दिसंबर को होगा. जैसे ही हमें प्रधानमंत्री से समय मिलेगा, तारीख तय कर दी जाएगी.”
कौन हैं विष्णु देव साय
अब तक चार बार के विधायक, तीन बार के सांसद और छत्तीसगढ़ में भाजपा के अध्यक्ष की कमान संभालने वाले विष्णुदेव साय केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं.
आदिवासी नेता विष्णु देव साय 2014-2019 तक रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद रहे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्रीय खान, इस्पात राज्य मंत्री रहे थे. आदिवासी मतदाताओं के बीच उनका काफी सम्मान है.
21 फरवरी 1964 को एक आदिवासी परिवार में जन्में विष्णुदेव साय ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी के लोयला हायर सेकेंडरी स्कूल से की है. उनके दिवंगत दादा बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक विधायक रह चुके हैं. उनके दिवंगत ताऊ नरहरि प्रसाद साय भी दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं.
साय 1989 में जशपुर ज़िले के बगिया गांव में पहली बार पंच चुने गए और इसके बाद अगले ही साल उनकी पंचायत का सरपंच चुना गया था. भाजपा ने उन्हें उसी वर्ष तपकरा विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया और अविभाजित मध्यप्रदेश में 1990 में वे पहली बार विधानसभा पहुंचे.
1998 में उन्हें बीजेपी ने फिर अपना प्रत्याशी बनाया और जीत हासिल की. एक साल बाद 1999 में उन्होंने रायगढ़ लोकसभा से चुनाव लड़ा और वे सांसद निर्वाचित हुए. 1999 से 2014 तक वे लगातार सांसद चुने गए. 2014 में उन्हें मोदी सरकार में पहली बार केंद्रीय इस्पात, खान, श्रम व रोजगार राज्य मंत्री की कमान सौंपी गई.
इस दौरान उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी का अध्यक्ष भी बनाया गया.
यह चुनाव उन्होंने कुनकरी विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर लड़ा और उन्हें 87,604 वोट मिले.वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार यूडी मिंज को 62,63 वोट मिले. विष्णु देव साय ने विधानसभा चुनाव 25 हज़ार 541 वोट से जीता है.
छत्तीसगढ़ में एक लोकप्रिय धारणा है: ‘जो बस्तर जीतता है वह राज्य जीतता है’. यह इस बार सच साबित रही. पार्टी ने इस साल छत्तीसगढ़ का चुनाव आदिवासी बेल्ट की बदौलत और भूपेश सरकार के वादों को जनता के सामने रखकर जीता है.
2018 में कांग्रेस ने बस्तर क्षेत्र में 12 में से 11 सीटें हासिल कीं, लेकिन इस बार भाजपा ने आठ सीटें हासिल कीं. सरगुजा ने सबसे नाटकीय उलटफेर देखा, कांग्रेस द्वारा सभी 14 सीटों पर क्लीन स्वीप से लेकर भाजपा द्वारा क्लीन स्वीप तक और उन सीटों में से एक जो अब भाजपा की झोली में है, अंबिकापुर है, जो सरगुजा के महाराजा टी.एस. सिंहदेव का गढ़ है जिन्हें कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही उपमुख्यमंत्री बनाया था.
पार्टी ने चुनाव में 47 नए चेहरे उतारे, जिनमें से 30 चुने गए. इसने प्रमुख आदिवासी नेताओं को भी मैदान में उतारा, जिनमें भरतपुर-सोनहत में केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह, कुनकुरी में भाजपा के पूर्व राज्य प्रमुख विष्णुदेव साय और रामानुजगंज में पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम शामिल हैं, जिनमें से सभी ने जीत हासिल की है.
भाजपा के पूर्व राज्य प्रमुख विष्णुदेव साय के अनुसार, राज्य इकाई को यह भी एहसास हुआ कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के आसपास की चर्चा छत्तीसगढ़ की आदिवासी आबादी के बीच भ्रम पैदा कर सकती है.
उन्होंने कहा, “इसके नतीजों के बारे में पार्टी की केंद्रीय इकाई को फीडबैक भेजा गया था और पार्टी ने इस पर जोर नहीं दिया. इससे भ्रम की स्थिति से बचने और आदिवासियों के बीच सद्भाव बनाए रखने में मदद मिली.”
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने कहा, ‘‘मुझे बहुत खुशी है कि विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री होंगे. यह पहली बार है कि किसान परिवार से आने वाले आदिवासी समुदाय के किसी पार्टी कार्यकर्ता को सीएम के रूप में चुना गया है.’’
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एक्स पर एक पोस्ट में नए मुख्यमंत्री को बधाई दी और लिखा, ‘‘कुनकुरी विधायक, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री विष्णु देव साय जी को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं.नवा छत्तीसगढ़ की न्याय और प्रगति यात्रा को आप मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढ़ाएं, ऐसी कामना करता हूं.’’
कुनकुरी विधायक, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री विष्णु देव साय जी को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएँ.
नवा छत्तीसगढ़ की न्याय और प्रगति यात्रा को आप मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढ़ाएँ, ऐसी कामना करता हूँ. @vishnudsai
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 10, 2023
भाजपा नेताओं ने बताया कि पार्टी के नव निर्वाचित विधायकों की दोपहर बाद यहां बैठक आयोजित की गई जिसमें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम उपस्थित थे.
उन्होंने बताया कि भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आयोजित इस बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री और चुनाव सह प्रभारी डॉक्टर मनसुख मांडविया, भाजपा संगठन सह प्रभारी नितिन नबीन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह भी मौजूद थे.
छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुए थे. भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं. पिछले चुनाव 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार 35 सीट पर सिमट गई है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) राज्य में एक सीट जीतने में कामयाब रही.
(शंकर अर्निमेष के इनपुट्स के साथ)
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