नई दिल्ली: नवगठित विपक्षी गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) के नेता 24 जुलाई को संसद में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक करेंगे और सदन के पटल पर रणनीति तैयार करेंगे.
मणिपुर मुद्दे को लेकर नेताओं के गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने की संभावना है. गुरुवार को शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही में मणिपुर की स्थिति हावी रही और विपक्ष ने केंद्र से इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की.
कांग्रेस और विपक्षी नेता मौजूदा मानसून सत्र के दौरान संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग कर रहे हैं.
इस बीच, मणिपुर घटना पर हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को लगातार दूसरे दिन स्थगन का सामना करना पड़ा.
हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदस्यों को सूचित किया कि सरकार दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है, और चर्चा आयोजित होने के बाद गृह मंत्री अपना जवाब देंगे.
2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से मुकाबला करने के लिए 26 विपक्षी दलों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) बनाने के ठीक बाद 17वीं लोकसभा का 12वां सत्र शुरू हो गया है.
मणिपुर में हाल की एक घटना में, बहुसंख्यक समुदाय की भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया और मुक्त करने से पहले उनका यौन उत्पीड़न किया गया.
यह घटना कथित तौर पर मणिपुर में जातीय संघर्ष भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई थी.
इसका एक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और मुख्य आरोपी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए, पुलिस ने गुरुवार रात कहा कि अज्ञात हथियारबंद लोगों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया था और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास जारी थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मानसून सत्र से पहले मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि वह इस घटना से दुखी हैं जो “किसी भी नागरिक समाज के लिए शर्मनाक” है.
पीएम मोदी ने कहा, ”किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा, जो लोग इसके पीछे हैं उन्हें हम कभी माफ नहीं करेंगे.”
मणिपुर में हिंसा अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में मैतेई समुदाय के लोगों को शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क गई.
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