नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तराखंड इकाई उस समय विवादों में घिर गई जब पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही अपनी पुरानी साथी से शादी कर ली है. यह कदम उत्तरी राज्य द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किए जाने के कुछ महीने बाद उठाया गया है, जिसके तहत सभी समुदायों में बहुविवाह पर प्रतिबंध है.
बढ़ती आलोचनाओं का सामना करते हुए भाजपा ने अब राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें उन पर “अनुचित आचरण” और पार्टी की सामाजिक और नैतिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों का आरोप लगाया गया है.
राज्य महासचिव राजेंद्र बिष्ट द्वारा 23 जून को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर राठौर के बयानों और व्यवहार ने पार्टी को बार-बार शर्मिंदा किया है.
नोटिस में कहा गया है, “लंबे समय से यह देखा जा रहा है कि आपका अशोभनीय व्यवहार, खासकर मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से, बार-बार ध्यान में आया है. आपके बयान और आचरण पार्टी की सामाजिक और नैतिक छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं. आपकी गतिविधियां स्पष्ट रूप से पार्टी अनुशासनहीनता के दायरे में आती हैं.”
राठौर को सात दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.
यह विवाद तब शुरू हुआ जब 2022 तक ज्वालापुर का प्रतिनिधित्व करने वाले राठौर ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी रवींद्र कौर को कानूनी रूप से तलाक दिए बिना अभिनेत्री उर्मिला सनावर से अपनी शादी को स्वीकार किया.
राठौर ने मीडिया से कहा, “मैं कुछ मजबूरियों के कारण अपने रिश्ते को छिपाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अब मैंने उसे अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया है और मैं इस बारे में सार्वजनिक घोषणा भी कर रहा हूं.”
इस सार्वजनिक स्वीकारोक्ति ने राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया है, क्योंकि उत्तराखंड इस साल की शुरुआत में यूसीसी को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है, जिसमें एक विवाह को अनिवार्य बनाया गया है और बहुविवाह को दंडित किया गया है.
इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस ने भाजपा पर यूसीसी को चुनिंदा तरीके से लागू करने और अपने लोगों को बचाने का आरोप लगाया.
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने दिप्रिंट से कहा, “क्या यूसीसी केवल राजनीतिक विरोधियों के लिए है?. भाजपा ने यूसीसी को लागू करने के बारे में पूरे देश में अपना ढिंढोरा पीटा, लेकिन जब उनके अपने पूर्व विधायक खुलेआम इसके मूल प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो सरकार ने मौन साध लिया है.”
उन्होंने आगे सवाल किया कि अब तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई और इस बात पर स्पष्टता की मांग की कि क्या राठौर की हरकतें नए कानून के तहत कानूनी उल्लंघन हैं.
भाजपा प्रवक्ता मनवीर सिंह चौहान ने पुष्टि की कि नोटिस जारी किया गया है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि यह नोटिस उनकी शादी के बारे में है.
उन्होंने कहा, “यह हमारे संज्ञान में लाया गया है और यह अनुशासनहीनता के दायरे में आता है. भाजपा किसी भी तरह की अनुशासनहीनता में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है – चाहे वह जूनियर हो या सीनियर, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.”
चौहान ने दिप्रिंट को बताया कि राठौर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को व्यक्तिगत रूप से अपना जवाब सौंपा है और इसे समीक्षा के लिए अनुशासन समिति को भेजा जाएगा.
राठौर ने शादी के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन पार्टी के नोटिस को स्वीकार किया.
उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “मुझे स्पष्ट रूप से अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए नोटिस दिया गया है, लेकिन मैं पार्टी के मंच पर अपना बयान रखूंगा. मैंने कभी अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है. मैं पिछले 45 साल से विभिन्न स्तरों पर पार्टी से जुड़ा हुआ हूं. पार्टी मेरी मां की तरह है.”
पार्टी के सूत्रों ने कहा कि नेतृत्व को मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरी शादी के बारे में पता चला.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह उनका निजी मामला है, लेकिन उन्हें इस तरह की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करनी चाहिए थी. नोटिस जारी कर दिया गया है और जल्द ही कार्रवाई पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.”
राठौर 2017 में ज्वालापुर से जीते थे, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रवि बहादुर से हार गए.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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