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Sunday, 22 December, 2024
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पामेला गोस्वामी और राकेश सिंह की ‘भिड़ंत’ से आखिर कैसे बंगाल में बढ़ गईं बीजेपी की मुश्किलें

बंगाल में विधान सभा चुनावों से पहले बीजेपी की राज्य युवा मोर्चा नेता पामेला गोस्वामी के ड्रग्स मामले में गिरफ्तार होने से पार्टी की किरकिरी हो रही है. साथ ही राकेश सिंह और पामेला गोस्वामी की भिड़ंत से स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पार्टी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं. इनमें से एक पश्चिम बंगाल में बीजेपी युवा मोर्चा की सचिव पामेला गोस्वामी हैं और दूसरे बीजेपी के नेता राकेश सिंह हैं. ये दोनों ही नेता किसी अन्य पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं.

मंगलवार को कोलकाता पुलिस ने बीजेपी नेता राकेश सिंह के कोलकाता निवास पर छापा मारने के बाद अंततोगत्वा उन्हें बर्दवान जिले से गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, पार्टी की बंगाल युवा मोर्चा की सचिव पामेला गोस्वामी के द्वारा उनका नाम लिए जाने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया. वहीं पामेला गोस्वामी को 19 फरवरी को 90 ग्राम कोकीन के साथ गिरफ्तार किया गया था. पामेला गोस्वामी ने कहा कि राकेश सिंह ने उनके खिलाफ साज़िश की है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की.

कलकत्ता हाईकोर्ट में राकेश सिंह ने दी थी अर्जी

राकेश सिंह ने कलकत्ता हाईकोर्ट में कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव विभाग द्वारा पुलिस के सामने पेश होने की नोटिस के खिलाफ स्टे लगाए जाने की मांग की थी. लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारियों ने इस मामले में वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के शामिल होने की बात से इनकार नहीं किया है. इस तरह के मामलों के बाद बीजेपी के भीतर भी बहस छिड़ गई है. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इसके लिए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस जैसी दूसरी पार्टियों से नेताओं को पार्टी में शामिल किए जाने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

नाम न बताए जाने की शर्त पर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि राकेश सिंह और पामेला गोस्वामी के बीच पैसे के उधार देने को लेकर टकराव था जो कि अब कोकीन वाले मामले में सामने आ गया है.


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कौन हैं राकेश सिंह और पामेला गोस्वामी

युवा मोर्चा नेता पामेला गोस्वामी पूर्व में मॉडल रह चुकी हैं और टॉलीवुड में कुछ समय के लिए ऐक्टिंग भी की है. बाद में इन्होंने राजनीति का रुख कर लिया और दो साल पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं. गोस्वामी को सौमित्र खान और शंकु देब पांडा की टीम में शामिल किया गया था. खान बीजेपी के राज्य के युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं. खान और पांडा 2018, 2019 में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.

पार्टी के एक नेता ने बताया कि गोस्वामी कार्यकर्ता के रूप में पार्टी से जुड़ी थीं. बाद में उन्हें युवा मोर्चा का सचिव बना दिया. वरिष्ठ पार्टी नेताओं को उनके व्यक्तिगत जीवन, आदतों और भूमिका के बारे में कुछ भी पता नही था. राकेश सिंह भी दूसरी पार्टी छोड़कर 2018 बीजेपी में शामिल हुए हैं.

दक्षिण कोलकाता और गार्डेन रीच एरिया में राकेश सिंह की काफी पैठ है. 2016 के उनके चुनावी एफिडेविट के मुताबिक उनके खिलाफ 24 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

बीजेपी को नहीं थी मामले की खबर

बीजेपी के एक और नेता के मुताबिक पार्टी को इन दोनों के बीच के संबंधो के बारे में खबर नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘आंतरिक जांच में पता चला कि पामेला, राकेश सिंह के बेटे के साथ कोई बिजनेस करना चाहती थीं जिसमें राकेश ने 36 लाख रुपये भी लगाए थे लेकिन बाद में पैसे को इधर-उधर कर दिया गया.’

उन्होंने बताया, ‘जब राकेश ने पामेला से पैसे वापस करने को कहा तो उनके बीच हल्की-फुल्की झड़प भी हुई. यह टकराव दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत लाभ को लेकर है. इसमें पार्टी कहीं भी शामिल नहीं है.’

वहीं नाम न बताए जाने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘गोस्वामी के आवागमन को पिछले छह महीने से ट्रैक किया जा रहा था. हमें सूचना मिली थी कि पामेला कोकीन की डीलिंग कर रही हैं. उनके ऊपर लंबे समय से नज़र रखी जा रही थी. हमारे पास उनके खिलाफ ठोस सबूत थे. पूछताछ के दौरान उन्होंने राकेश सिंह का नाम लिया. हमने उन्हें पेश होने के लिए नोटिस भेजा लेकिन उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया.’


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‘हम कानूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते’

हालांकि, राज्य के तमाम बड़े बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे से अपने आपको दूर रखा है. प्रेस को दिए एक बयान में बीजेपी राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘कानून अपना काम करेगा. यह एक आरोप है, लेकिन हम कानूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.’ हालांकि, बीजेपी राज्य उपाध्यक्ष जॉय प्रकाश मजूमदार ने रिपोर्टर्स से कहा की गोस्वामी का टीएमसी नेताओं के साथ कनेक्शन था.

वरिष्ठ टीएमसी नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी ऐसे खराब कामों के लिए ‘युवा लड़कियों’ का प्रयोग करती है. पिछले हफ्ते एक बयान में उन्होंने कहा, ‘यह बीजेपी की संस्कृति है. उन्होंने इस काम में तीन युवा लोगों का प्रयोग किया है. आगे जांच में कई लोगों के नाम सामने आएंगे.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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