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Monday, 6 May, 2024
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‘सरकार की शक्तियां कैसे छीनी जा सकती हैं?’ – केंद्र के अध्यादेश को लेकर नीतीश का केजरीवाल को समर्थन

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि मामलों को छोड़कर सेवाओं से संबंधित मामलों में विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं.

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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की. इसके साथ ही आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने की अपनी कोशिशों को गति दी. जनता दल यूनाइटेड के नेता के साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पार्टी के नेता मनोज झा, ललन सिंह और संजय झा भी हैं.

बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी एकता समेत प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अध्यादेश से संबंधी हालिया विवाद पर चर्चा हुई.

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा कि आज नीतीश जी से मुलाकात में उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा दिल्ली के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नकारते हुए अध्यादेश लाने के मुद्दे पर वे दिल्ली की जनता के साथ खड़े हैं.

उन्होंने आगे कहा, “अगर केंद्र इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में लाता है तो सभी गैर-बीजेपी दल एक साथ आ जाएं तो उसे राज्यसभा में हराया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो इससे यह संदेश जा सकता है कि 2024 में बीजेपी की सरकार खत्म हो जाएगी.”

उन्होंने आगे कहा, “यह 5-0 का फैसला था, पांच बेंच जजों का फैसला था. लेकिन केंद्र सरकार ने चुनी हुई सरकार से सभी शक्तियां छीन ली हैं और उपराज्यपाल को दे दी हैं, जो अब सरकार और शहर चलाएंगे.”

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि मामलों को छोड़कर सेवाओं से संबंधित मामलों में विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं. जिसे लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह दिल्ली में सेवा विवाद के मुद्दे पर 11 मई के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. और 19 मई को प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर एक अध्यादेश लेकर आई थी.

उधर, शनिवार को केजरीवाल ने अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित केंद्र के अध्यादेश को लेकर विपक्षी दलों का समर्थन मांगा था. उन्होंने अध्यादेश को ‘‘असंवैधानिक’’ और लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के इस कदम को चुनौती देगी.

केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया था कि केंद्र ने सेवाओं के मामले पर नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के साथ सीधे टकराव की स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि यह अध्यादेश दिल्ली में निर्वाचित सरकार को सेवाओं के मामले में नियंत्रण देने वाले उसके फैसले को ‘‘पलटता’’ है.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार, ‘आप’ सरकार के काम में बाधा डालना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बारे में बात करने के लिए लोगों के पास जाएंगे और इसके खिलाफ एक महारैली भी आयोजित करेंगे.’’

इस मामले को लेकर केजरीवाल की विपक्षी पार्टियों के समर्थन की अपील के एक दिन बाद ही नीतीश कुमार ने उनसे मुलाकात की है.

बैठक के बाद बिहार के सीएम ने सवाल किया कि आखिर एक चुनी हुई सरकार को दी गई शक्तियां कैसे छीनी जा सकती हैं? उन्होंने केंद्र सरकार के कदम को संविधान के खिलाफ बताते हुए केजरीवाल को अपना समर्थन दिया.

उन्होंने कहा, “एक चुनी हुई सरकार को दी गई शक्तियां कैसे छीनी जा सकती हैं? यह संविधान के खिलाफ है. हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं. हम देश के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं.”

बैठक दिल्ली में फ्लैग स्टाफ रोड पर केजरीवाल के आवास पर रविवार सुबह 11:30 बजे शुरू हुई थी.

गौरतलब है कि कुमार और केजरीवाल के बीच एक महीने में यह दूसरी मुलाकात है. बिहार के मुख्यमंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के अपने प्रया0सों के तहत 12 अप्रैल को केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की थी.

इस दौरान, केजरीवाल ने नीतीश के प्रयासों की सराहना की थी और इसके प्रति ‘पूर्ण समर्थन’ जताया था.

शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नीतीश ने कहा था, “विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की जा रही हैं क्योंकि यह पूरे देश के हित में होगा.”


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