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Monday, 4 November, 2024
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कैसे भाजपा कृषि विधेयकों पर ‘दुष्प्रचार’ से निपटने के लिए स्मृति ईरानी और भोजपुरी का इस्तेमाल कर रही है

पार्टी विभिन्न राज्यों के लिए विशेष तरह की रणनीतियां बना रही है जिसके बारे में उसका कहना है कि यह कृषि संबंधी विधेयकों पर विपक्ष के ‘दुष्प्रचार अभियान’ से निपटने की कवायद है.

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नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का पंजाबी में बोलना, पश्चिम बंगाल में एनिमेशन सीरिज का लांच और बिहार में भोजपुरी में अभियान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से विभिन्न राज्यों के लिए बनाई जा रही अलग-अलग तरह की रणनीति का हिस्सा है, जिसके बारे में उसका कहना है कि यह कृषि संबंधी विधेयकों पर विपक्ष के ‘दुष्प्रचार अभियान’ से निपटने की कवायद है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार का वर्चुअल भाषण, जिसमें उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से पांच-पांच के समूह में चाय पर चर्चा वाली बैठकें आयोजित करने और किसानों को इन विधेयकों की बारीकियां समझाने को कहा. यह भी भाजपा के प्रचार अभियान का हिस्सा है.

इस रणनीति पर गुरुवार को हुई एक बैठक में चर्चा की गई जिसमें राज्य भाजपा अध्यक्षों के अलावा पार्टी के किसान मोर्चा अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त, और महासचिव बीएल संतोष और अरुण सिंह मौजूद थे.


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बिहार में 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों और मध्य प्रदेश में उपचुनावों, जिसके लिए तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है, के मद्देनजर भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है.

पार्टी 2015 के भूमि अधिग्रहण विधेयक लेकर मचे बवाल की पुनरावृत्ति नहीं चाहती है जिसमें उसे विभिन्न वर्गों के कड़े विरोध के बाद छह प्रमुख संशोधन वापस लेने पड़े थे.

किसान, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में, कृषि संबंधित विधेयकों को लेकर आंदोलित हैं और शुक्रवार को उन्होंने इसके खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन भी किया. भाजपा को इन विधेयकों के मामले में सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की तरफ से भी झटका लगा है, जिसने मोदी कैबिनेट से अपनी एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल को हटा लिया है. एक अन्य सहयोगी जदयू भी चाहती है कि मोदी सरकार कानून के प्रावधानों पर पुनर्विचार करे.

सिख किसान, ईरानी पंजाब में अभियान संभालेंगे

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की बैठक में तय किया गया कि पार्टी के सिख किसान नेता और स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर जैसे पंजाबी बोलने में सक्षम केंद्रीय मंत्रियों को पंजाब में मैदान में उतारा जाना चाहिए, जहां विधेयकों को लेकर खासा हंगामा हुआ है.

दूरदर्शन पंजाबी को एक साक्षात्कार दे चुकी ईरानी किसानों के साथ कुछ बैठकें भी करने वाली हैं और अनुराग ठाकुर भी इसी तरह के अभियान में शामिल होंगे.

हालांकि, यहां पर अभियान की अगुआई स्थानीय नेता ही करेंगे. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हमारे पास विक्रमजीत सिंह चीमा जैसे कई सिख किसान नेता हैं, जिन्हें किसानों से बात करने और चौपाल लगाने के लिए कहा गया है. उन्हें किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रेस कांफ्रेंस को पंजाबी में ही संबोधित करने को कहा गया है.’

पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा ने दिप्रिंट को बताया कि राज्य इकाई ने पहले ही अपना अभियान शुरू कर दिया है.

शर्मा ने कहा, ‘हमारा अभियान शुरू हो गया है और हम प्रधानमंत्री के संदेश के साथ हर गांव में पहुंच रहे हैं कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है. कांग्रेस किसानों की भावनाएं भड़काकर सत्ता-विरोधी माहौल बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन किसान समझदार हैं और कुछ ही दिनों में वास्तविकता को समझ जाएंगे.’

भोजपुरी सोशल मीडिया ड्राइव और पश्चिम बंगाल में एनीमेशन सीरिज

बिहार, जहां अक्टूबर में चुनाव होने जा रहे हैं, में पार्टी ने भोजपुरी में एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया है जिसमें विधेयकों को लेकर एक गाना भी शामिल है.

बिहार भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हमने आकलन किया है कि किसानों के विरोध का बिहार में कोई खास असर नहीं पड़ेगा. यह काफी हद तक पंजाब और हरियाणा तक सीमित है. लेकिन हमें अपने राजनीतिक विरोधियों के किसी भी दुष्प्रचार अभियान से सावधान रहना होगा.’

किसानों को विधेयकों के लाभ समझाने के लिए पार्टी ने पश्चिम बंगाल में कार्टून की एक सीरिज भी शुरू की है. कार्टूनों में से एक में बिचौलियों की तस्वीर है जो विधेयक पारित होने से पहले किसानों से पैसे छीनते दिखाए जा रहे हैं.

भाजपा युवा मोर्चा का यूट्यूब शो

पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा अपने एक कार्यकर्ता कपिल परमार के जरिये यूट्यूब पर एक शो की मेजबानी कर रहा है, जो दिन के मुद्दों के बारे में दिखाता है.

अपने ताजा एपिसोड में परमार कृषि विधेयकों के ‘लाभ और गलतफहमियों’ के बारे में बात की, जिसे युवा मोर्चा के विभिन्न सोशल मीडिया चैनलों पर दिखाया गया और यहां तक कि इसकी अध्यक्ष पूनम महाजन ने भी इसे शेयर किया.

गुरुवार की बैठक में यह भी तय किया गया था कि सभी राज्य इकाइयां प्रत्येक गांव में 10 से 15 किसानों के साथ किसान चौपाल आयोजित करेंगी. हरियाणा में यह अभियान लांच भी कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार को अपने भाषण में इस पर जोर दिया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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