नई दिल्ली: बुधवार को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा पर बयान दिया, इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया. सदन में दिल्ली दंगों पर हुई चर्चा के बाद अपने बयान में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इसमें 52 भारतीयों की मृत्यु हुई है और 526 भारतीय घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि उनके लिए सब भारतीय हैं और वो हिंदू-मुस्लिम नहीं मानते.
इस दौरान उन्होंने 1984 के दंगों में मारे गए लोगों की याद दिलाते हुए कहा, ‘मुझे कह रहे हैं कि मैंने शांति की अपील नहीं की. मैंने नहीं कहा कि ‘बड़े दरख़्त गिरते हैं, तो धरती हिलती है.’ अपनी बात शुरू करते हुए शाह ने कहा कि जिनकी जानें गईं हैं उनके वो उनके लिए दुख और श्राद्धांजलि व्यक्त करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं पीड़ित परिवार के प्रति भी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के प्रति भी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि दोषियों को नहीं बख़्शा जाएगा.’ इसके बाद उन्होंने कहा कि इस दंगे को देश और दुनिया के सामने जैसे पेश करने की कोशिश की गई उस पर वो कुछ साफ़ करना चाहेंगे.
होली के दौरान देश में रहा है दंगो का इतिहास
उन्होंने कहा, ‘अधीर रंजन जी ने सवाल किया कि चर्चा में देर क्यों हुई? मैं आपको बता दूं कि 25 फरवरी के बाद दिल्ली में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है. दो मार्च को चर्चा की मांग की गई. हमने कहा कि होली के बाद चर्चा करेंगे. ऐसा इसलिए था क्योंकि होली पर देश में दंगों का इतिहास रहा है.’
उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली इतने बड़े दंगों के तह में जाने के लिए पुलिस को भी थोड़ा समय चाहिए था. इन सबकी वजह 11 मार्च को लोकसभा में 12 को राज्यसभा में चर्चा का समय रखा गया. उन्होंने कहा, ‘हमारा मकसद था कि शांति बनी रहे.’
गृहमंत्री ने कहा कि अधीर रंजन अभी भी हिंसा जारी होने का आरोप लगा रहे हैं. फिर जानकारी दी, ‘मैंने साफ़ किया है कि 25 तारीख़ रात 11 बजे के बाद एक भी हिंसा की घटना नहीं हुई है. सबने सवाल उठाया कि दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी? सवाल करना सबकी जिम्मेदारी है.’
शाह ने कहा कि दंगे के समय की सबको वास्तविकता समझनी चाहिए. जिसके बाद उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि दिल्ली की जनसंख्या 1.70 करोड़ है. जहां दंगा हुआ वहां की आबादी 20 लाख़ है.
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं दिल्ली पुलिस की प्रशंसा करता हूं कि 20 लाख़ लोगों के बीच के दंगों को बाकी जगहों पर नहीं फैलने दिया.’ ये हिंसा 12 थानों तक रुकी रही.
उन्होंने ये भी कहा, ‘दिल्ली पुलिस के सिर पर सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी थी हिंसा को रोकना. 24 फरवरी को दो बजे के आसपास हिंसा की पहली सूचना प्राप्त हुई. ज़्यादा से ज़्यादा 36 घंटे तक हिंसा चली. बहुत बड़े तौर पर इसके फैलने की संभावना को रोका है.’
गृहमंत्री ने ये भी कहा, ‘जो हुआ है मैं उसे कम करके नहीं पेश कर रहा. लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसे 36 घंटे में रोका. काफी सदस्यों ने मेरे बारे में सवाल उठाए. इन्हें इसका अधिकार है, लेकिन किसी को तथ्यों संग तोड़फोड़ करने का अधिकार नहीं है.’
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यक्रमों में दंगों के दौरान शामिल होने से जुड़े आरोपों पर उन्होंने कहा, ‘ट्रंप के कार्यक्रम पहले से तय थे. ये मेरे क्षेत्र में था. मैं वहां गया. लेकिन जल्द वापस आ गया. मैं ताजमहल नहीं गया. अगले दिन ट्रंप की अगवानी में डिनर तक में मैं नहीं गया. पूरा समय मैं दंगों को रोकने में लगा हुआ था.’
उन्होंने जानकारी दी कि 24 और 25 को सारी रिव्यू मीटिंग उनकी अध्यक्षता हुई. उन्होंने कहा, ‘एनएसए डोभाल पर सवाल उठाए जा रहे हैं. जब दंगे होते हैं तो ये नहीं देखते कि किसकी क्या ज़िम्मेवारी है. मैंने डोभाल जी से वहां जाकर पुलिस का मनोबल बढ़ाने को कहा. मैं इसलिए नहीं गया क्योंकि मेरे जाने से पुलिस का ध्यान भटकता और दंगे नहीं संभल पाते.’
उन्होंने ये भी कहा कि दंगे बड़ी जल्दी फैले. इसके लिए पूर्वोत्तर दिल्ली की भौगोलिक जटिलता को भी समझना पड़ेगा. काफी घनी आबादी है. पुलिस की गाड़ी और एंबुलेंस भी नहीं जा सकते. यहां दोनों कौमों के लोगों की काफी आबादी है. दंगों का पुराना इतिहास भी है.
उन्होंने कहा कि यहां काफी आपराधिक तत्व हैं और यहां का बॉर्डर यूपी से जुड़ा है. 23 तारीख़ को दिल्ली पुलिस की 17 कंपनी और सीआरपीएफ की 13 कंपनी को यहां तैनात कर रखा था. इसके बाद आने वाले दिनों में 80 कंपनियां तैनात की गईं और तब से ये तैनात हैं.
दिल्ली दंगों में अब तक 700 एफआईआर और 2647 लोग गिरफ्तार
लिए गए एक्शन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ’27 तारीख़ से अब तक 700 एफ़आईआर दर्ज की गई है. कुल 2647 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. हमने दिल्ली की जनता और मीडिया से वीडियो और तस्वीरें मंगवाई हैं. मुझे ऐसा लगता है कि अंकित शर्मा का केस भी इसी से सुलझेगा.’
उन्होंने कहा कि फेस आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर से चेहरे पहचानने का काम किया जा रहा है. इससे 1100 से ज़्यादा लोगों की पहचान की गई है. इसमें पता चला है कि 300 लोग यूपी से दंगा करने आए थे जिससे पता चलता है कि ये गहरी साज़िश थी.
उन्होंने ये जानकारी भी दी कि 24 फरवरी की रात को सबसे पहला काम यूपी के बॉर्डर को सील करने का किया गया. उन्होंने कहा, ‘हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि किसी निर्दोश को कोई दिक्कत नहीं हो. गंभीर मामलों के लिए दो एसआईटी गठित की गई है.’
आगे की जानकारी में उन्होंने कहा कि 49 से ज़्यादा आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किए और 149 के आसपास हथियार जब्त किए गए हैं. अमन कमेटियों की भी बैठक कराई गई है. हवाला जैसे पैसों का भी पता लगाया गया है.
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली दंगों को फाइनेंस करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.’
सदन में चर्चा के दौरान जिस भी पार्टी के जिस नेता ने सवाल किया हर किसी का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि भरोसा रखें किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
गृहमंत्री ने आगे कहा कि आईएसआईएस के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर दंगों के अन्य मामलों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं दिल्ली समेत देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि दिल्ली दंगों के दोषियों को नहीं बख़्शा जाएगा.’
शाह ने ये भी कहा, ‘सीएए समर्थकों को दंगों के लिए दोष दिया जा रहा है. 25 फरवरी के पहले देश भर में सीएए के समर्थन में ज़्यादा रैलियां निकली हैं. 27 से ज़्यादा रैलियों में मैं स्वयं गया हूं.’ इसके बाद उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर सोनिया गांधी पर हमला करते हुए कहा, ’14 दिसंबर को एक पार्टी की एक बड़ी रैली होती है. पार्टी की अध्यक्ष कहती हैं कि घर से बाहर निकलो, आर-पार की लड़ाई लड़ो. अभी बाहर नहीं निकले तो कायर कहलाओगे.’
उन्होंने आरोप लगाया कि 14 के इस भाषण के बाद शाहीन बाग़ का धरना शुरू हो गया. उन्होंने कहा, ’17 फरवरी को यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की एक रैली में कहा गया कि 24 तारीख़ को जब ट्रंप हिंदुस्तान आएंगे तो हम उन्हें बताएंगे. मैं इस दिन हिंदुस्तान की आवाम से सड़क पर आने की अपील करता हूं.’
इस दौरान उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता वारिस पठान के 19 फरवरी के उस बयान की याद भी दिलाई जिसमें उन्होंने कहा, ‘हम 15 करोड़ हैं लेकिन 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे.’ पठान द्वारा भाषण वापस ले लिए जाने पर उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के ज़माने में बयान वापस लेने से कुछ नहीं होता. इन बयानों के बाद दिल्ली में माहौल बना और दिल्ली में 24 को दंगे हुए.
उन्होंने नाम लिए बगैर कहा कि कपिल मिश्रा के बयान की भी जांच चल रही है. फिर उन्होंने कहा, ‘दंगों में काफी संपत्ति जली. मुझे इसका काफी दुख है. जिन्होंने हिंसा की है उन्हें पकड़कर उनकी सारी संपत्ति जब्त की जाएगी. हमने दिल्ली हाई कोर्ट के जज को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा है. हाईकोर्ट से कौन से जज इस जांच कमेटी में होंगे हमने उनका नाम भी मांगा है.
शाह ने कहा कि दंगा किसी को अच्छा नहीं लगता. ये नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मेरा ऐसा मानना है कि ये सोची समझी साजिश के तहत हुआ. मैं सभी पीड़ितों को भरोसा दिलाता हूं कि किसी को नहीं बख़्शा जाएगा. मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि दिल्ली पुलिस बड़ी कठोरता से कार्रवाई करेगी.’