नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह राजस्थान के दौरे पर हैं जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जैसलमेर में पर्यटन मंत्रालय द्वारा सीमा पर्यटन विकास कार्यक्रम के तहत तनोट मंदिर परिसर परियोजना की आधारशिला रखी.
गृह मंत्री ने जैसलमेर में तनोट विजय स्तंभ पर माल्यार्पण किया और तनोट राय माता मंदिर में पूजा-अर्चना की.
वह जोधपुर में भाजपा के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक को भी संबोधित करेंगे.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री शाह शुक्रवार शाम राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर जैसलमेर के वायु सेना अड्डे पर पहुंचे थे. उन्होंने डाबला (जैसलमेर) में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण सेक्टर मुख्यालय में अधिकारियों के साथ संवाद किया और वहीं रात्रि विश्राम किया.
शाह आज डाबला में ही तनोट मंदिर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. उन्होंने तनोट परिसर में सीमा पर्यटन विकास कार्य का शिलान्यास भी किया. बाद में वह जोधपुर पहुंचे.
जोधपुर में पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि शाह का वहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया और मोटरसाइकिल पर सवार भगवा पगड़ी पहने 1500 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता उन्हें रैली के रूप में हवाई अड्डे से सभा स्थल तक ले गए.
भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण, केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा की राजस्थान इकाई के प्रमुख सतीश पूनिया ने शुक्रवार सुबह दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक का उद्घाटन किया.
ओबीसी मोर्चा की बैठक के तुरंत बाद शाह जोधपुर के दशहरा मैदान में भाजपा के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. पार्टी बैठक के लिए पूरे संभाग से अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को जुटा रही है.
भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ऐतिहासिक रहेगी.’
जोधपुर में भाजपा के ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक का उद्देश्य 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी के ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करना है.
जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है जो ओबीसी श्रेणी से भी आते हैं.
मारवाड़ के नाम से विख्यात जोधपुर इलाका, राजस्थान का सबसे बड़ा संभाग है जिसमें छह जिले जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, सिरोही, पाली शामिल हैं. कुल 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 33 विधानसभा क्षेत्र जोधपुर संभाग में हैं, जिनमें से 10 अकेले जोधपुर जिले में हैं, और उनमें से 14 वर्तमान में भाजपा के पास, 17 कांग्रेस के पास, एक निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास है. राजस्थान में विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में होने हैं.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने कहा, ‘ओबीसी विशाल समुदाय है. यह भाजपा की विचारधारा के साथ है. यह पहली बार है कि भाजपा शासन में हमारे पास इस समुदाय के 27 (केंद्रीय) मंत्री हैं. साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ओबीसी आयोग को संवैधानिक मान्यता दी गई है.’
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