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Sunday, 3 November, 2024
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‘हिंदू भाईचारा’, अकाली दल ने BJP के साथ गठबंधन की चर्चा के बीच राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा की सराहना की

अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल, एसजीपीसी और अकाल तख्त ने राम मंदिर ट्रस्ट को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया. इस बीच, कांग्रेस के बाजवा ने कहा कि वह लोगों को अयोध्या ले जाएंगे.

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चंडीगढ़: इस साल के लोकसभा चुनाव से पहले शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (SAD-BJP) के बीच संभावित गठबंधन को लेकर जहां अभी भी असमंजस बना हुआ है, वहीं अकाली दल ने अयोध्या में राम मंदिर में सोमवार के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की प्रशंसा की, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुष्ठानों का नेतृत्व किया.

समारोह की पूर्व संध्या पर जारी एक बयान में, SAD अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने “हिंदू भाइयों-बहनों” और “संपूर्ण हिंदू भाईचारे” को बधाई दी.

अयोध्या राम मंदिर के मामलों का प्रबंधन करने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को संबोधित करते हुए बादल ने समारोह में निमंत्रण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

उन्होंने लिखा, “अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं अपनी पार्टी की ओर से आपका बहुत आभारी हूं. शिअद ने हमेशा श्री गुरु ग्रंथ साहिब में निहित शाश्वत और अमर संदेश से प्रेरणा और मार्गदर्शन लिया है. पार्टी हमेशा इस संदेश के पवित्र संदेश और दिशा के अनुसार पवित्र मर्यादा के लिए प्रतिबद्ध रही है.”

हालांकि बादल अयोध्या में समारोह में शामिल नहीं हुए, लेकिन वह अपनी पार्टी के सहयोगियों के साथ इस अवसर को मनाने के लिए अमृतसर में आयोजित एक विशेष लंगर में शामिल हुए.

लंगर के बाद मीडिया से बात करते हुए शिअद प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि सभी धर्मों के बीच सार्वभौमिक भाईचारे की नीति को जारी रखने की जरूरत है, जैसा कि उनके पिता, पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किया था.

उन्होंने कहा, “सरदार प्रकाश सिंह बादल ने राज्य में सांप्रदायिक शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की, जिसके लिए उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि समाज के किसी भी वर्ग को यह महसूस न हो कि उनकी उपेक्षा की गई है.”

रविवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) और अकाल तख्त ने भी एक संयुक्त बयान जारी कर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण के लिए राम मंदिर ट्रस्ट को धन्यवाद दिया.

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और एसजीपीसी के अध्यक्ष अधिवक्ता हरजिंदर सिंह धामी ने बयान में कहा. “गुरबानी और दस गुरुओं द्वारा आशीर्वादित अद्वितीय गुरमत दर्शन के अनुयायी होने के नाते, समावेशिता, सार्वभौमिक एकता और अंतर-धार्मिक सद्भाव के समर्थक होने के नाते हम हर धर्म की मान्यताओं का सम्मान करते हैं.”

बयान में आगे कहा गया कि “हर धर्म के लोगों के दिलों में उनके पैगम्बरों/देवताओं के पवित्र तीर्थस्थलों के प्रति विशेष श्रद्धा, दृढ़ संकल्प और विश्वास है… हम चाहते हैं कि दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और सार्वभौमिक एकता बनी रहे, जिसके साथ हर कोई धार्मिक मार्गदर्शक की स्मृति में एकजुट होने के लिए मनुष्य अपने धार्मिक पवित्र विश्वासों का अभ्यास करने और उनका पालन करने के लिए स्वतंत्र, सुरक्षित और निडर है.”

एसजीपीसी पहले भी हर साल 26 दिसंबर को 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह के बेटों की शहादत को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करती रही है.

इस बीच, कांग्रेस आलाकमान द्वारा राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के कुछ दिनों बाद, पंजाब के विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और राज्य के अन्य कांग्रेस नेता राम का आशीर्वाद लेने के लिए पंजाब के विभिन्न हिस्सों से लोगों को अयोध्या लेकर जाएंगें.

उन्होंने कहा कि राम किसी विशेष समूह या राजनीतिक दल के नहीं हैं और वे सार्वभौमिक रूप से पूजनीय हैं.

सोमवार को गुरदासपुर जिले के कादियान में एक मंदिर में समारोह में भाग लेते हुए, बाजवा ने कहा कि उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए राम से प्रार्थना की. उन्होंने कहा, “यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि भगवान राम आखिरकार वहां आ गए जहां वे थे.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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