नई दिल्ली: झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार संकट में मंडरा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरन अपनी पार्टी और यूपीए के विधायकों को खूंटी जिले एक गेस्ट हाऊस में लेकर ठहरे हैं. उन्होंने भाजपा पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है.
सामने आई तस्वीरों में दिख रहा है कि खूंटी जिले में लतरातू बांध के पास एक गेस्ट हाऊस हैं जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और यूपीए विधायक व मंत्री रांची से आए हैं. वहां भारी पुलिस बल तैनात है.
हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि सभी मंत्री और विधायक एक साथ हैं. हम दूसरी जगहों पर भी जाएंगे, पता नहीं हम आगे कहां जाएंगे. अभी कई चीजें चल रही हैं.
हेमंत सोरेन बोले- खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे
वहीं इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को दावा किया कि ‘शैतानी ताकतें’ उनकी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं. साथ ही, उन्होंने कहा कि ‘वह अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे.’
मुख्यमंत्री महुआडांड़ के टूटूआपानी में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा पर जमकर बरसे और आरोप लगाया, ‘भाजपा वाले पिछले पांच माह से मुझे सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं. मेरे खिलाफ हर तरह के हथियार चला रहे हैं, ये मेरी गर्दन पर आरी तक चलाने का प्रयास किये लेकिन हर औजार ही टूट जा रहा है.’
सोरेन ने कहा, ‘मैं आदिवासी का बेटा हूं, झारखंड का बेटा हूं. कोई इतना आसानी से मुझे नहीं तोड़ सकता है.’
इससे पहले, सोरेन के कार्यकाल के दौरान उनके नाम से रांची में खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय बंद लिफाफे में झारखंड के राजभवन बृहस्पतिवार को पहुंच गयी. अब राज्यपाल रमेश बैस के फैसले का इंतजार है. राजभवन से इस सिलसिले में कोई निर्देश शीघ्र ही आने की संभावना है.
सोरेन ने आरोप लगाया, ‘राजनीतिक रूप से हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं, हमारे प्रतिद्वंद्वी संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे हमारी सरकार को अस्थिर करने के लिए ईडी, सीबीआई, लोकपाल और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर रहे हैं. लेकिन हम इसके बारे में चिंतित नहीं हैं. हमें जनादेश विरोधियों द्वारा नहीं बल्कि लोगों द्वारा मिला है.’
उन्होंने कहा, ‘राज्य दो साल तक कोविड-19 से प्रभावित रहा. अब, जब हमने अपने विकास की गति को तेज किया है, तो शैतानी ताकतें हमारी गति को रोकने के लिए अपने बिल से बाहर आ गई हैं. ऐसी ताकतें कुछ भी कर सकती हैं लेकिन मुझे अपने लोगों के लिए काम करने से वे कभी नहीं रोक सकती हैं.’
सोरेन ने दावा किया कि झारखंड में ‘बाहरी ताकतों का एक गिरोह’ सक्रिय है. उन्होंने कहा, ‘इस गिरोह ने पिछले 20 वर्षों से राज्य को तबाह करने का काम किया था. 2019 में जब उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया, तो साजिशकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं कर सके. अगर हम यहां रहते हैं, तो उनके लिए आगे मुश्किल समय आने वाला है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम सत्ता के भूखे नहीं हैं. हम यहां सिर्फ लोगों के कल्याण के लिए, काम करने के लिए एक संवैधानिक व्यवस्था के तहत हैं. क्या कभी किसी ने सोचा था कि हर बूढ़ी, विधवा और एकल महिला को पेंशन मिलेगी? यह आपके सबके आशीर्वाद से संभव हुआ है.’
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) के मौके पर देश के प्रधानमंत्री और आदिवासी राष्ट्रपति ने देश के आदिवासी समाज को शुभकामनाएं देना भी मुनासिब नहीं समझा. उनकी नजर में हम आदिवासी नहीं बल्कि ‘वनवासी’ हैं.’
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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