नई दिल्ली: तीन हफ्ते से लटके हरियाणा मंत्रिमंडल का आखिरकार गुरुवार को विस्तार हो गया है. नतीजे आने के करीब तीन हफ्ते बाद हरियाणा के मंत्रिमंडल को राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने शपथ दिलाई. इस दौरान छह कैबिनेट और चार राज्यमंत्रियों ने पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की. शपथ लेने वाले दस मंत्रियों में एक जेजेपी, एक निर्दलीय और 8 भाजपा विधायक हैं. मंत्रिमंडल में कलायत से भाजपा विधायक कमलेश ढांडा एकलौती महिला मंत्री हैं.
अहम मंत्रालय भाजपा के पास
बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह से पहले भाजपा और जेजेपी के बीच विभागों को लेकर बंटवारा हुआ था. इस बंटवारे में भाजपा ने गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग जैसे अहम विभाग अपने पास रखे हैं.
जेजेपी के हिस्से आए 11 विभाग
जेजेपी के हिस्से 11 विभाग आए हैं- रेवेन्यू विभाग, एक्साइज व टैक्सेशन विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग, इंडस्ट्री एंड कॉमर्स, पब्लिक वर्क्स, फूड एंड सप्लाई विभाग, श्रम और रोजगार विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुरातत्व संग्रहालय विभाग और पुनर्वास विभाग.
6 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली
कैबिनेट मंत्रियों में सबसे पहले भाजपा के दिग्गज नेता व अंबाला छावनी सीट से विधायक अनिज विज ने शपथ ली. उनके बाद भाजपा के ही एक अन्य वरिष्ठ नेता व जगाधारी से विधायक कंवरपाल गुर्जर ने शपथ ली. इसके अलावा वल्लभगढ़ से भाजपा विधायक मूलचंद शर्मा, रानिया विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक चौटाला परिवार रणजीत सिंह, लोहारू सीट से भाजपा विधायक जेपी दलाल, बावल सीट से भाजपा विधायक बनवारी लाल को भी कैबिनट में जगह मिली.
गौरतलब है कि अनिल विज और बनवारी लाल पिछली सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. कंवरपाल गुर्जर पिछली बार विधानसभा के अध्यक्ष थे. जेपी दलाल पहली बार विधायक बने हैं.
4 बने राज्यमंत्री
नारनौल से भाजपा के विधायक ओमप्रकाश यादव, कैथल सीट से भाजपा की विधायक कमलेश ढांढा, उकलाना सीट से जेजेपी के विधायक अनूप धानक और भाजपा विधायक संदीप सिंह ने राज्यमंत्री की शपथ ली है.
90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान हुआ था और 24 अक्टूबर को परिणाम आया था. चुनावी नतीजों में भाजपा को 40 सीटें और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं. नई नवेली जननायक जनता पार्टी ने 10 सीटें जीतकर चुनावी रणनीतिकारों को हैरान कर दिया था. इसके बाद भाजपा ने जेजेपी के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था. 27 अक्टूबर को मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार सूबे के मुख्यमंत्री और जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. उसके बाद से ही मंत्रिमंडल को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं.