नई दिल्ली: गुजरात पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने हाल ही में कांग्रेस बाहर हो गए हैं और आज बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक छोटे सिपाही की तरह देश की सेवा करेंगे.
हार्दिक पटेल ट्वीट कर कहा, ‘देश हित, राज्य हित, जनता के और सामाजिक हित के साथ मैं आज एक नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहा हूं. मैं एक ‘छोटे सिपाही’ की तरह देश की सेवा करूगा और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करूंगा.’
हार्दिक 2015 में राजनीतिक केंद्र के चरण में पहुंचे, जब उन्होंने गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व किया, 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों में अभियान जारी रहा था.
शुरुआत में पटेल ने पाटीदार समुदाय के लिए ओबीसी के आरक्षण की मांग की थी. बाद में यह मांग आर्थिक रूप से कमजोरों के आरक्षण में बदल गई.
भाजपा सरकार द्वारा हार्दिक पर परेशान करने का आरोप लगाने के साथ, आनंदीबेन पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हार्दिक पर केस करती रही है.
राज्य में राजनीतिक परिदृश्य पर उनके उभार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को मुश्किल में डाल दिया. 2016 में, आनंदीबेन पटेल ने पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की.
साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले पटेल ने राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस का दामन थाम लिया. साल 2020 में हार्दिक पटेल को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन हार्दिक पटेल ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाया कि बड़े फैसले लेते हुए उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है. इसके बाद साल 2022 में पटेल ने पार्टी छोड़ दी.
इसी साल 19 मई को हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस पर असल मुद्दों पर ध्यान न देने का आरोप लगाया और कहा कि नेतृत्व इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि दिल्ली से गुजरात आने वाले नेताओं को समय से चिकन सैंडविच मिले.
इसी बीच गुजरात कांग्रेस के चीफ जगदीश ठाकोर ने दावा किया कि पटेल में पार्टी छोड़ने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि उन्हें डर था कि देशद्रोह के मामले उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.
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