नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू और कश्मीर के राजौरी में घोषणा की कि पहाड़ी समुदाय को जल्द ही अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा.
गृह मंत्री शाह ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, दलितों, पिछड़ों और पहाड़ों में रहने वालों को आरक्षण का लाभ देने की बात कही है.
गृह मंत्री ने वैष्णो देवी मंदिर में पूजा करने के बाद सीमावर्ती जिले राजौरी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘धारा 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर के लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला. जब लोग बदलाव का स्वागत करते हैं तो लोकतंत्र मजबूत होता है.’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा जम्मू-कश्मीर के 3 परिवारों की पहचान करना जरूरी है जिन्होंने विकास के बजाय अलगाववाद को बढ़ावा दिया है.
उन्होंने कहा, ‘सिर्फ तीन परिवार जम्मू-कश्मीर पर शासन करते थे लेकिन अब सत्ता पंचायतों और जिला परिषदों के लिए चुने गए 30 हजार लोगों के साथ है, जम्मू-कश्मीर का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता है. ‘
उन्होंने दावा किया कि हाल के महीनों में रिकॉर्ड तोड़ 50 लाख पर्यटक जम्मू आए हैं और 22 लाख पर्यटक कश्मीर गए हैं. पर्यटन से जम्मू-कश्मीर के युवाओं को बहुत लाभ होगा.
गृह मंत्री ने पत्थरबाजी का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने उन युवाओं को कंप्यूटर और रोजगार दिया है, जिनके हाथ में पहले पत्थर थे.
अमित शाह ने कहा, ‘पहले होती थी पथराव की घटनाएं, क्या आपने अब ऐसी कोई घटना देखी है? अब ऐसी कोई घटना नहीं होती है. अब जो बदलाव आया है हमें उसे समझना होगा… हमने प्रशासन में उन लोगों की पहचान की है जो आतंकवाद का समर्थन कर रहे थे और उन्हें जड़ से उखाड़ फेंका है.’
इससे पहले गृह मंत्री शाह ने मंगलवार सुबह कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी.
गृह मंत्री सांझीछत हेलीपैड के रास्ते कटरा मंदिर पहुंचे थे. उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी थे. जम्मू और राजौरी के विशिष्ट क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है.
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