scorecardresearch
Wednesday, 26 June, 2024
होमराजनीति'गुजरात हाई कोर्ट के फैसले ने पीएम मोदी की डिग्री पर संदेह बढ़ा दिया'- अरविंद केजरीवाल

‘गुजरात हाई कोर्ट के फैसले ने पीएम मोदी की डिग्री पर संदेह बढ़ा दिया’- अरविंद केजरीवाल

हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जिन्होंने प्रधानमंत्री की डिग्री के प्रमाण पत्र का ब्योरा मांगा था.

Text Size:

नई दिल्ली: गुजरात हाई कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल पर जुर्माना लगाने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के विवरण की आवश्यकता नहीं होने का फैसला सुनाए जाने के एक दिन बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई आरोप लगाए.

केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि हाई कोर्ट के फैसले ने पीएम मोदी की डिग्री पर संदेह बढ़ा दिया है.

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को शिक्षित होना जरूरी है क्योंकि उन्हें एक ही दिन में कई फैसले लेने होते हैं. हाई कोर्ट के आदेश ने पीएम मोदी की डिग्री पर संदेह बढ़ा दिया है. अगर उसके पास डिग्री है और वह असली है तो फिर क्यों नहीं दिखाया जा रहा है?’

केजरीवाल ने कहा कि लोग देश की तरक्की तेजी से चाहता है. ऐसे में देश के पीएम का पढ़ा लिखा होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन पीएम के आए दिन ऐसे बयान आते हैं जो देश को विचलित कर देते हैं. ‘

इस दौरान उन्होंने पीएम के कई बयानों की मिसाल दी जिसमें ‘नाली की गैस से चाय बनाई जाने’ और ‘बादल के पीछे राडार नहीं पकड़ पाएगा’ का जिक्र किया. केजरीवाल ने कहा, ‘कोई भी पढ़ा लिखा शख्स ऐसे बात नहीं करेगा.’

केजरीवाल ने नोटबंदी का भी जिक्र करते हुए कहा, ‘नोटबंदी से देश को खामियाजा भुगतना पड़ा. इससे देश दस साल पीछे चला गया है. इसके कारण अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है. अगर पीएम शिक्षित होते तो वो कभी नोटबंदी लागू नहीं करते.’

केजरीवाल ने सवाल किया कि कुछ साल पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम की डिग्री दिखाई थी. अगर डिग्री है और सही है तो उसे प्रस्तुत क्यों नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘गुजरात विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी देने को तैयार नहीं है, इसकी सिर्फ दो वजह हो सकती हैं – या तो उनके अहंकार या उनकी डिग्री फर्जी है.’

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर हुए विवाद में गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि शैक्षिक योग्यता से ज्यादा नेता के ‘चरित्र’ और लोगों के कल्याण के प्रति उसकी चिंता मायने रखती है.

अदालत ने शुक्रवार को मुख्य सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय को सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई अधिनियम) के तहत पीएम मोदी के स्नातक और स्नातकोत्तर प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया गया था.

जस्टिस बीरेन वैष्णव की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पीएमओ, गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश देने वाले सीआईसी के आदेश को रद्द कर दिया था.

हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जिन्होंने प्रधानमंत्री की डिग्री के प्रमाण पत्र का ब्योरा मांगा था.


यह भी पढ़ें: ‘चाचा’ ने किया बलात्कार, कैसे 13 वर्षीय मां स्टिग्मा से लड़ रही है – ‘अगर हम बच्चा रखेंगे तो इससे कौन शादी करेगा?’


 

share & View comments