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Sunday, 28 April, 2024
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गुजरात के पूर्व CM शंकर सिंह वाघेला लखनऊ में अखिलेश यादव से मिले, बताया शिष्टाचार भेंट

वाघेला सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया और कहा अगर कोई राजनीतिक बात होगी तो वे इसे साझा करेंगे.

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लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता की कोशिश के बीच गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला, जिन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के लिए प्रचार किया था, बुधवार को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से मुलाकात की. अखिलेश ने उनसे मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं.

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा है, “आज लखनऊ में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शंकर सिंह वाघेला जी से मुलाकात.”

वाघेला ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी और गुजरात में पूर्व कांग्रेस विधायक दल के नेता वाघेला दोनों ने इसे “शिष्टाचार भेंट” बताया. वाघेला ने कहा, “हम यहां शिष्टाचार भेंट के लिए आए थे…अगर कोई राजनीतिक बातचीत होगी तो उसे साझा किया जाएगा.”

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर वाघेला ने कहा, ‘यह मार्केटिंग के अलावा और कुछ नहीं…”

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अखिलेश यादव पिछले दिनों पटना में हुई विपक्षी दलों को मेगा बैठक के हिस्सा थे, जिसका मकसद 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता बनाना था.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीटिंग के बाद कहा था कि वह इस चुनाव के लिए एक साथ मिलकर लड़ेंगे और जुलाई में विपक्षी दलों की एक और बैठक में चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा.

विपक्षी खेमे में यह सुझाव आए हैं कि एक राज्य में सबसे बड़ी और मजबूत पार्टी इस लड़ाई का नेतृत्व करे.

उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से हैं जहां समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों में महत्वाकांक्षा का टकराव है. समाजवादी पार्टी राज्य से अधिकतम लोकसभा सीटें जीतने के अपने लक्ष्य के लिए अन्य राष्ट्रीय दलों का समर्थन पाने के लिए उत्सुक नजर आ रही है.

यह देखना होगा कि लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस की कितनी सीटों पर सहमति बनती है. राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा को लेकर यह राज्य कांग्रेस के लिए अहमियत रखता है, जबकि एसपी भी खुद को महत्वपूर्ण खिलाड़ी के उभार के तौर पर खुद को देख रही है.

वहीं बीएसपी नेता मायावती ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक पर तंज कसा था और उत्तर प्रदेश का जिक्र किया था, जहां से 80 सांसद लोकसभा पहुंचते हैं. उन्होंने कहा था कि विपक्षी पार्टियों के रवैये से यह लगता नहीं है कि वे उत्तर प्रदेश में अपने मकसद को लेकर गंभीर हैं.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ वाघेला की मुलाकात राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण नजर आती है. वाघेला ने गुजरात में तीसरे मोर्चे का प्रयोग किया था और राष्ट्रीय जनता पार्टी और जन विकल्प मोर्चा व प्रजा शक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी बनाई थी. यह 80 वर्षीय नेता गुजरात विधानसभा में विपक्षी नेता रहे थे और 2017 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. गुजरात में पिछले विधानसभा चुनाव में उनके बेटे कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. वाघेला बीजेपी से अलग हो गए थे और 1996 में लगभग एक साल तक मुख्यमंत्री रहे थे. वह मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे.


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