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Sunday, 3 November, 2024
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गुजरात चुनाव से ठीक पहले पूर्व IPS डीजी बंजारा ने लॉन्च की अपनी पार्टी, विवादों से रहा है नाता

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व आईपीएस डीजी बंजारा ने अपनी हिंदुत्ववादी विचारधारा लेकर चलने वाली पार्टी 'प्रजा विजय पक्ष' लांच की.

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नई दिल्ली: गुजरात चुनाव से ठीक पहले पूर्व आईपीएस डीजी बंजारा ने अपनी पार्टी लॉन्च की है. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम ‘प्रजा विजय पक्ष’ रखा है. पूर्व आईपीएस डीजी बंजारा ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी हिंदुत्ववादी विचारधारा को लेकर आगे बढ़ेगी.

ऐसा बताया जा रहा है कि बंजारा को भारतीय जनता पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन आखिरी समय में पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं होने के बाद अपनी पार्टी बनाई है. बंजारा ने पार्टी लांच करने का एलान करते हुए सिलसिलेवार ट्वीट किए जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे टिकट मांगने की कतारों में खड़े रहने वाले नहीं हैं, ‘बंजारा जहां खड़े हो जाते हैं कतार वहीं से शुरू हो जाती है.’

अपनी पार्टी का ऐलान करते हुए बंजारा ने कहा कि अगर कोई पार्टी लंबे समय तक सत्ता में रहती है तो वह भ्रष्टाचार के दलदल में डूब जाती है. भारतीय जनता पार्टी गुजरात में पिछले 27 सालों से सत्ता में है और हम उसका विकल्प बनने के लिए नई हिंदुवादी पार्टी प्रजा विजय पक्ष की घोषणा कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘कांग्रेस भी भाजपा का विकल्प नहीं बन सकती क्योंकि कांग्रेस पिछले 27 साल से भाजपा से लड़ रही है लेकिन हर बार हार जाती है.’ पूर्व आईपीएस ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि कोई भी नया दल भाजपा का विकल्प नहीं बन सकता, सिर्फ प्रजा विजय पक्ष ही इसके लिए उपयुक्त है.

‘राजनीति में उतरने को तैयार’

पूर्व आईपीएस बंजारा पिछले एक साल से गुजरात में सामाजिक और राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय रहे हैं. बीते कई महीनों से उनके राजनीति में उतरने की अटकलें थीं. आज बंजारा ने अपनी पार्टी का ऐलान करते हुए भाजपा का विकल्प होने का दावा ठोंका है. बंजारा ने कहा कि 1960 में गुजरात की स्थापना के बाद लंबे समय तक कांग्रेस का शासन रहा. पहले कांग्रेस ने शासन में भ्रष्टाचार की स्थिति पैदा की, वही काम अब बीजेपी कर रही है.

पूर्व आईपीएस ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आनंदीबेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री बनीं. इसके बाद विजय रुपाणी तथा भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री बने लेकिन इनमें से कोई भी 5 साल के कार्यकाल को पूरा नहीं कर सका. इसका बुरा प्रभाव गुजरात के विकास कार्यों पर पड़ा है. अभी तक मैं सामाजिक और धार्मिक विषयों पर काम कर रहा था लेकिन अब हम पूरी तरह से राजनीति में उतरने को तैयार हैं.

विवादों से रहा है पुराना रिश्ता

1987 बैच के आईपीएस डीजी बंजारा का विवादों से गहरा नाता रहा है. सोहराबुद्दीन मुठभेड़ केस में बंजारा की संदिग्ध भूमिका रही है. इस मुठभेड़ के बाद बंजारा को गुजरात से मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था. बाद में मुंबई हाई कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी.

इसके साथ ही 2004 में इशरत जहां मुठभेड़ से भी बंजारा का नाम जुड़ा था. साल 2004 में अहमदाबाद पुलिस ने इशरत जहां समेत उसके तीन साथियों को मार दिया था. इस मुठभेड़ के बाद पुलिस ने बताया था कि ये चारों लोग गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना चाहते थे लेकिन बाद में सीबीआई ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए बंजारा समेत कई पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. इस मामले में भी बाद में कोर्ट ने उन्हें सभी मामलों से बरी कर दिया था.


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