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Sunday, 22 December, 2024
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सिर्फ गुजरात ही नहीं, राजस्थान में भी चुनाव को देखते हुए प्रवासियों को साधने में लगी है भाजपा

भाजपा अपने आउटरीच कार्यक्रम के जरिए सिर्फ गुजरात में राजस्थानी प्रवासियों को साधने की कोशिश नहीं कर रही है बल्कि उनका प्रयास ये भी है कि राजस्थान में चुनाव होने पर उनके परिवार वाले भी भाजपा को ही वोट दें.

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नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी वापसी सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. वह राज्य में राजस्थानी प्रवासियों को पार्टी को वोट देने के लिए मनाने के लिए उन तक अपनी पहुंच बनाने में लगी है.

लेकिन बीजेपी की ये रणनीति सिर्फ गुजरात तक ही सीमित नहीं है. 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव को देखते हुए गुजरात और अन्य राज्यों में रहने वाले प्रवासियों के परिवारों को साधने के लिए ये एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया गया है.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, अहमदाबाद और सूरत में राजस्थान प्रवासियों की एक बड़ी आबादी रह रही है. ये गुजरात चुनावों के परिणामों में भूमिका निभा सकते हैं.

भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारा फोकस 2022 में गुजरात, 2023 में राजस्थान और 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने पर है. अपनी योजना के तहत हमने पहले ही आउटरीच कार्यक्रम शुरू कर दिया है ताकि हम समझ सकें कि लोगों की परेशानियां क्या हैं. राजस्थान के कई प्रवासी गुजरात में काम कर रहे हैं, लेकिन उनके परिवार और रिश्तेदार अभी भी राजस्थान में ही रह रहे हैं. जब हम गुजरात में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं, तो संदेश राजस्थान तक भी पहुंचता है.’

भाजपा की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मार्च में गुजरात के कई हिस्सों का दौरा किया था. उन्होंने प्रवासी लोगों से दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी को वोट देने का आग्रह किया था. प्रवासी राजस्थानी आउटरीच कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अहमदाबाद और सूरत की अपनी यात्रा के दौरान पूनिया ने जोर देकर कहा था कि ‘प्रवासी भाइयों और बहनों’ के साथ निरंतर संवाद बने रहना चाहिए.

भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि इनमें से एक जनसभा में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे.

गुजरात बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता यमल व्यास ने कहा, ‘एक बीजेपी सेल है जो ऐसे समुदायों का पूरा ध्यान रखती है. इसके संयोजक राजस्थान के रहने वाले हैं. गुजरात में कई राजस्थानी प्रवासी दशकों से व्यापार कर रहे हैं या सर्विस इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं. चुनाव अभी बहुत दूर हैं. उसके बावजूद पूनिया जी का आना राजस्थानी प्रवासियों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दिखाता है.

राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, पूनिया महाराष्ट्र और कर्नाटक में रहने और काम करने वाले राजस्थान के प्रवासियों तक भी अपनी पहुंच बना रहे हैं.


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भाजपा का आउटरीच कार्यक्रम

भाजपा के एक नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘पहले भी हम जनता तक पहुंचते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले. लोगों ने इसे नकारात्मक रूप मे देखना शुरू कर दिया था. उन्हें लगता था कि नेता उनके पास केवल वोट के लिए आ रहे हैं. इस बार पहले से ही गुजरात में रहने वाले प्रवासियों के साथ ऐसी बैठकें शुरू हो चुकी हैं. पूनिया जी ने भी कई इनके साथ कई मीटिंग की हैं.’

भाजपा के एक पदाधिकारी के अनुसार, ‘अहमदाबाद, सूरत और वापी के अलावा भी राजस्थानी प्रवासियों का गुजरात की कई सीटों पर काफी प्रभाव है, खासकर बनासकांठा और कच्छ में ये जिले राजस्थान की सीमा से लगे हैं’

एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, ‘यह एक अच्छी पहल है क्योंकि इससे प्रवासी न केवल अपनी राजस्थानी जड़ों से जुड़े रहेंगे, बल्कि वे यह भी समझ पाएंगे कि राजस्थान में उनके परिवारों के लिए भाजपा की क्या कार्य योजना है. साथ ही इस तरह की बातचीत उन्हें एक समुदाय के रूप में किसी भी मुद्दे को उठाने का अवसर भी मुहैया कराती है.’

एक तीसरे भाजपा नेता ने कहा, ‘विचार केवल राजस्थान के उन लोगों तक पहुंचने का नहीं है जो गुजरात में रह रहे हैं और काम कर रहे हैं. बल्कि राजस्थान में रह रहे उनके परिवार को भी पार्टी से जोड़ने का है. इनमें से बहुत से लोग हैं जिनका परिवार अभी भी राजस्थान में ही रहा हैं. हम उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे अपने परिवार से बातचीत करें और 2023 के राजस्थान चुनाव में भाजपा का समर्थन करने के लिए कहें.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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