नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में देश हित में चर्चा हो और राष्ट्र की प्रगति के लिए रास्ते खोजे जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है, बशर्ते सदन में चर्चा हो.
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है . सत्र की शुरूआत से पहले संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संसद में सवाल भी हों और शांति भी हो. हम चाहते हैं संसद में सरकार के खिलाफ, सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए वह हो, लेकिन संसद की गरिमा व अध्यक्ष की गरिमा… इन सब दिशाओं में हम वह आचरण करें, जो आने वाले दिनों में युवा पीढ़ी के काम आए.’
उन्होंने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, ‘सरकार खुली चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का यह सत्र और आगे आने वाले सत्र भी आजादी के दीवानों की भावनाओं के प्रति समर्पित हों.
उन्होंने कहा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव की जो भावना है, उसी भावना के अनुरूप संसद में देश हित में चर्चा हो. देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे जाएं, नए उपाय खोजे जाएं.’ उन्होंने कहा कि इसके लिए यह सत्र विचारों की समृद्धि वाला हो और प्रभाव पैदा करने वाला, सकारात्मक निर्णय वाला बने.
उन्होंने कहा कि भविष्य में संसद की कार्यवाही का आकलन हो तो उसे, उसमें किसने कितना अच्छा योगदान दिया, उस तराजू पर तौला जाए ना कि इस तराजू पर तौला जाए कि किसने संसद सत्र को कितना बाधित किया.
गौरतलब है कि इस साल संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक निर्धारित किया गया है.
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