scorecardresearch
Thursday, 2 May, 2024
होमराजनीति'सरकार वक्त की चुनौती का सामना करें, इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा': मनमोहन सिंह

‘सरकार वक्त की चुनौती का सामना करें, इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा’: मनमोहन सिंह

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह के बयान के बाद ट्वीट कर कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह. भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूं कि पीएम उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे.'

Text Size:

नई दिल्ली: लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री को अपने बयान से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें.

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है.’

उन्होंने कहा, ’15-16 जून 2020 को गलवान वैली, लद्दाख में भारत के बीस साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी. इन बहादुर सैनिकों ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं. लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह के बयान के बाद ट्वीट कर कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह. भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूं कि पीएम उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

डॉ. सिंह ने कहा, ‘आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें.’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए.


यह भी पढ़ें: एलएसी पर मोदी की सर्वदलीय बैठक विपक्ष को ख़ामोश करने के लिए थी, खुली चर्चा के लिए नहीं


चीन के लगातार घुसपैठ करने की बात भी डॉ. सिंह ने कही. उन्होंने कहा, ‘चीन ने अप्रैल 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान वैली एवं पैंगांग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है. हम न तो उनकी धमकियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे.’

डॉ. सिंह ने कहा, ‘हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता. पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता.’

केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए डॉ. सिंह ने कहा, ‘वक्त की चुनौती का सामना करें और कर्नल बी संतोष व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें. इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा.’

share & View comments

1 टिप्पणी

  1. गूंगे जी के मूह में अब आवाज आ गयी जब इनकी सरकार थी तो उस वक़्त चीनियों के तलवे चाट रहे थे गाँधी खानदान के लोग, १९६२ से लकर २०१४ तक सीमाई इलाके में कोई इंफ्रास्ट्रक्चर वाली बड़ी परियोजना पर कोई काम नही किया इन सभी ने उस पर जनता को जवाब क्यों नही दिया गाँधी खानदान ने , अगर गाँधी खानदान आजादी के बाद से hi चीनियों के गैर कानूनी सडक निर्माण को ध्यान दिया होता और विरोध किया होता तो आज यह चुनौती सामने खड़ी न होती

Comments are closed.