नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर 10 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा चल रहा है, जो असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनकी पत्नी पर उनकी मीडिया कंपनी – प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के लिए केंद्र सरकार से बड़ी सब्सिडी प्राप्त करने का आरोप लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री की पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा ने गुरुवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और एक बयान जारी कर आरोपों से इनकार किया और गोगोई के अभियान को “निंदनीय” बताया. उन्होंने कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने के अपने फैसले की भी घोषणा की.
हालांकि, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपने दावे के समर्थन में दो अलग-अलग मंत्रालयों के दस्तावेजों का हवाला देते हुए दंपति पर हमला जारी रखा.
रिनिकी भुइयां शर्मा द्वारा जारी बयान में कहा गया, “प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स Pvt. Ltd. विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक हितों के साथ 2006 से अस्तित्व में एक स्वतंत्र इकाई है. यह कानून का पालन करने वाली कंपनी है जिसके सभी वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक डोमेन में हैं. एक लंबे और सफल बिजनेस ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट Pvt. Ltd. किसी भी अन्य योग्य उद्यम की तरह, सरकार द्वारा समर्थित कार्यक्रमों और योजनाओं में भाग लेने के लिए पात्र है.”
बयान में आगे कहा गया कि “वर्तमान मामले में, पीएम किसान सम्पदा योजना से संबंधित, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बावजूद, इसे न तो सरकारी सब्सिडी का एक भी पैसा देने का दावा किया है और न ही प्राप्त किया है.”
बयान में कहा गया है कि हमला “यह विवाद और कुछ नहीं बल्कि 17 साल पुराने असमिया उद्यम को बदनाम करने का प्रयास था, जिसने कानून के हर पहलू का पालन किया है और जिसकी अध्यक्षता एक महिला उद्यमी करती है.”
उन्होंने कहा, “माननीय सांसद श्री गौरव गोगोई के इस निंदनीय अभियान से हमारे मेहनती कर्मचारियों की प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए, मैं उनके खिलाफ अदालत में 10 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ मानहानि का मामला दायर करने के लिए बाध्य हूं.”
गोगोई लगातार दो दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर असम के मुख्यमंत्री के साथ तीखी नोकझोंक में लगे हुए हैं और अपने दावे के समर्थन में दो अलग-अलग मंत्रालयों के दस्तावेज़ पेश कर रहे हैं.
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से एक दस्तावेज पेश करने के एक दिन बाद, जिसमें कथित तौर पर प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 10 करोड़ रुपये का अनुदान दिखाया गया था, गोगोई ने गुरुवार को अपनी बात साबित करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय से दस्तावेज पेश किए.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर, गोगोई ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का एक जवाब प्रस्तुत किया, जहां उन्होंने मार्च में भाजपा सांसद पल्लब लोचन दास के एक संसदीय प्रश्न के लिए पीएम किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया था.
सूची में कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर योजनाओं के लिए स्वीकृत परियोजनाओं के तहत रिनिकी शर्मा की कंपनी को 10 करोड़ रुपये का स्वीकृत अनुदान दिखाया गया था. दस्तावेज़ के अनुसार, अनुदान “कार्यान्वयन के तहत” थी.
The whole day yesterday Himanta Biswa Sarma parroted one line regarding his wife’s firm. For his benefit I am stating the reply of Union Minister of Commerce and Industry Piyush Goyal in Parliament. Piyush Goyal’s reply has exposed the truth and both Ministers need to clarify. https://t.co/JiSBuLHBw9 pic.twitter.com/5SOueOPb11
— Gaurav Gogoi (@GauravGogoiAsm) September 14, 2023
हालांकि, हिमंत ने इस बात से इनकार किया कि उनकी पत्नी या उनकी कंपनी ने सरकार से कोई राशि प्राप्त की थी या दावा किया था. उन्होंने कहा कि दस्तावेज़ों से केवल यह पता चलता है कि अनुदान अप्रूव हो गया था, लेकिन जारी नहीं किया गया.
इस बीच बुधवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि रिनिकी शर्मा की कंपनी ने असम के नौगांव में लगभग 50 बीघे जमीन खरीदी है.
वल्लभ ने आरोप लगाया कि भूमि को बहुत तेजी से औद्योगिक भूमि में बदल दिया गया और कहा कि प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा कि वह इस क्षेत्र में आ जाएगी. कांग्रेस के अनुसार, इसके बाद पीएमकेएसवाई के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन किया गया.
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वाक् युद्ध
गोगोई द्वारा एक्स पर पोस्ट की गई सूची में दावा किया गया कि कंपनी को 10 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, जबकि असम के सीएम ने कहा कि ऐसी कोई रिलीज नहीं की गई थी. उन्होंने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, “उत्तर स्वयं इस तथ्य को स्पष्ट करता है कि भारत सरकार ने उल्लिखित कंपनी को कोई फंड जारी नहीं किया है.”
The reply itself clarifies the fact that the Government of India has not released any funds to the mentioned company. I want to emphasize once again that neither my wife nor the company she is associated with has received or claimed any amount from the Government of India. If… https://t.co/70zQ1DGHTe
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 14, 2023
इस पर गोगोई ने जवाब देते हुए पूछा कि क्या सीएम कह रहे हैं कि पैसे अप्रूव किए गए थे, लेकिन जारी नहीं किए गए. उन्होंने यह भी सवाल किया कि कितने और भाजपा नेताओं ने अपने परिवारों को समृद्ध करने के लिए पीएमकेएसवाई योजना का उपयोग किया है.
गोगोई ने पोस्ट किया, “क्या माननीय मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से शिकायत कर रहे हैं? उनका कहना है कि पीयूष गोयल ने केवल हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी को अनुदान की मंजूरी दी है, लेकिन फंड जारी नहीं किया है. और कितने भाजपा नेताओं ने अपने परिवारों को समृद्ध करने के लिए पीएमकेएसवाई योजना का उपयोग किया है?”
सीएम ने तब गोगोई पर “पोस्ट बदलने” का आरोप लगाया और स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी ने सब्सिडी का दावा भी नहीं किया था.
उन्होंने पोस्ट किया, “कृपया अब पोस्ट न बदलें. हां, भाजपा नेताओं के परिवार के सभी सदस्यों को अपनी कंपनियां चलाने और सरकारी सब्सिडी लेने का अधिकार है, अगर वे इसके हकदार हैं. यह हर किसी के लिए सच है. हालांकि, मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि इस विशेष मामले में, मेरी पत्नी ने सब्सिडी का दावा भी नहीं किया है.”
जवाब में, गोगोई ने कहा, “कृपया ट्विटर पर टाइप करने के बजाय असम विधानसभा में उपस्थित रहें और स्पष्टीकरण दें. सुबह कांग्रेस विधायकों ने संपूर्ण प्राइड मीडिया-केएमएसवाई पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, लेकिन आपके जवाब में कोई कमी नहीं है.”
हिमंत ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें “लेक्चर” नहीं देना चाहिए.
Please do not lecture me on what to do. Whether I decide to go to the assembly or a court of law against you, I will make that decision myself. https://t.co/38OAG2xy6T
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 14, 2023
इस पर गोगोई ने उनसे ”गुस्सा” न होने को कहा.
हिमंत ने कहा, “हां, मैं गुस्से में हूं. 2010 से आपके परिवार के प्रति मेरे गुस्से के कई कारण रहे हैं. मुझे विश्वास है कि हम अदालत में मिलेंगे और एक बार फिर मैं अपनी बात साबित कर सकूंगा. मैंने 2016 और 2021 में सफलतापूर्वक ऐसा किया है, और मैं इसे फिर से करने के लिए तैयार हूं, जनता की अदालत और कानून की अदालत दोनों में.”
बाद में, गोगोई ने मुख्यमंत्री को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद पल्लब दास को मामले में एक पक्ष बनाने की सलाह दी.
(संपादन: अलमिना खातून)
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