scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिचंडीगढ़ तत्काल पंजाब को दें, लंबे समय से चले आ रहे झगड़े को सीएम भगवंत मान ने हवा दी

चंडीगढ़ तत्काल पंजाब को दें, लंबे समय से चले आ रहे झगड़े को सीएम भगवंत मान ने हवा दी

भगवंत मान ने स्वतंत्र केंद्र शासित प्रदेश को पंजाब में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया.

Text Size:

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को हस्तांतरित करने की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया.

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी सदन ने केंद्र सरकार से चंडीगढ़ को पंजाब को हस्तांतरित करने का अनुरोध करते हुए कई प्रस्ताव पारित किए हैं.

सदन में मुख्यमंत्री मान द्वारा लाये गये प्रस्ताव के अनुसार, ‘सौहार्द बनाए रखने और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह सदन एक बार फिर चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को हस्तांतरित करने के मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने की सिफारिश करता है.’

स्वतंत्र केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है, और इसकी पिछली राजधानी लाहौर के पाकिस्तान जाने के बाद से दोनों राज्यों की यह राजधानी बनी हुई है.

विधानसभा का यह एक दिवसीय विशेष सत्र तब आयोजित किया गया है, जब कुछ दिनों पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एलान किया कि केंद्रीय सेवा नियम केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होंगे. चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 मार्च को घोषणा की कि चंडीगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को केंद्रीय सिविल सेवाओं के समान लाभ मिलेगा.

आप और शिरोमणि अकाली दल ने राज्य में असामंजस्य पैदा करने के प्रयास के रूप में इस कदम की निंदा की है. उनका मानना है कि ऐसा करने से केंद्रीय कर्मचारियों पर उनके अधिकार को चुनौती दी गई है.

हालांकि, नौकरशाहों को केंद्र का फैसला पसंद आया होगा क्योंकि उनके रिटायर होने की की आयु अब दो साल बढ़कर 58 से 60 कर दी गई है.

इससे पहले, सत्र शुरू होने के बाद कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह और उनके बेटे एवं निर्दलीय विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह ने पद की शपथ ली.


यह भी पढ़ें: अमित शाह की घोषणाओं पर भगवंत मान का पलटवार, कहा: पंजाब ‘सही दावे’ के लिए मजबूती से लड़ता रहेगा


 

share & View comments