नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी का बुरा दौर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में चल रही कलह एकबार फिर उजागर हो गई है. इसबार पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी में चल रहे आंतरिक कलह को लेकर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी में किसी तरह का विद्रोह नहीं है. विद्रोह का अर्थ है किसी को प्रतिस्थापित करना. पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है. यह कोई विद्रोह नहीं है. हमारी आवाज सुधारों के लिए है.’
‘पार्टी के नुकसान को लेकर हम सभी चिंतित हैं. पिछले दिनों हुए बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के आए परिणामों ने हमें एकबार फिर मंथन करने को मजबूर कर दिया है.’
राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘जबतक हमारी पार्टी में हर स्तर पर चुनाव नहीं होगा तब तक पार्टी की स्थिति नहीं सुधरने वाली है. ‘
आजाद ने कहा, ‘मैं इस नुकसान के लिए नेतृत्व को दोष नहीं दे रहा हूं. बल्कि यहां यह समझना जरूरी है कि पार्टी के बड़े नेताओं का जमीनी संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. ब्लॉक और जिला सत्र पर कार्यकर्ताओं का संबंध लोगों से न के बराबर है. आदमी को पार्टी से इश्क होना चाहिए.’
उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘हमारी पार्टी के कुछ नेताओं में 5-स्टार वाली संस्कृति है. फाइव स्टार में बैठकर चुनाव नहीं लड़े जाते.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे नेताओं के साथ समस्या है कि अगर टिकट मिल गया तो फाइव स्टार में जाकर बुक हो जाते हैं. एयर कंडीशनर गाड़ी के बिना कहीं नहीं जाते हैं, जहां कच्ची सड़क है उस तरफ तो बिलकुल नहीं जाते हैं. जब तक ये कल्चर हम नहीं बदलेंगे, हम चुनाव नहीं जीत सकते हैं.’
आजाद ने यह भी कहा कि पार्टी का ढांचा कमजोर हो चुका है, हमें पहले ढांचा खड़ा करना पड़ेगा. फिर उसमें कोई भी नेता हो चलेगा. सिर्फ नेता बदलने से आप कहेंगे कि पार्टी बदल जाएगी यह मानना गलत है. हमें सिस्टम को बदलना होगा.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है. जब कोई पदाधिकारी हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम ख़त्म हो गया, काम तो उस समय से शुरू होना चाहिए.
कोरोना महामारी के कारण दी क्लीन चिट
हालांकि खरी खरी बोलने के बाद उसे समेटने का भी काम किया. आजाद ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पार्टी नेतृत्व को ‘क्लीन चिट’ दे रहा हूं क्योंकि वे अभी बहुत कुछ नहीं कर सकते.
‘लेकिन पार्टी को मजबूत किए जाने के लिए की गई मांगों पर हम अभी भी अडिग हैं. उन्होंने इशारों में बताया कि वे हमारी अधिकांश मांगों के लिए सहमत हो गए हैं. यदि वे राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं और पार्टी को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो हमारे नेतृत्व को चुनाव करना चाहिए.’
आजाद ने साफ किया कि कांग्रेस पार्टी में किसी तरह का विद्रोह नहीं है. विद्रोह का अर्थ है किसी को प्रतिस्थापित करना. पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है. यह कोई विद्रोह नहीं है. हमारी आवाज सुधारों के लिए है.
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