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Friday, 22 November, 2024
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सरकार में चाहिए हिस्सेदारी, दुष्यंत चौटाला किसी भी पार्टी को देंगे समर्थन

भाजपा सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने दुष्यंत चौटाला से पहले ही चर्चा की हुई है. हालांकि दोनों ही पार्टियों ने ऐसी किसी चर्चा की बात को नकारा है.

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नई दिल्ली : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में खंडित जनादेश आने के बाद प्रदेश की राजनीति में गहमागहमी जारी है. हाईकमान की मीटिंग्स और नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच सवाल ये उठ रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा. गौरतलब है कि 90 सीटों में भाजपा 40, कांग्रेस 31 और जेजेपी 10 सीटों पर विजयी रही. सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने दुष्यंत चौटाला से पहले ही चर्चा की हुई है. हालांकि दोनों ही पार्टियों ने ऐसी किसी चर्चा की बात को नकारा है.

शुक्रवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुष्यंत ने ये बात साफ कर दी कि वो सरकार में हिस्सेदारी चाहते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि न ही कांग्रेस और न ही भाजपा उनके लिए अछूत हैं. दिप्रिंट से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘हम चाहते हैं कि बुढ़ापा पेंशन में बढ़ोत्तरी हो और प्रदेश के युवाओं को 75% रोजगार में हिस्सेदारी मिले. हम केवल प्रदेश के विकास का हिस्सा बनना चाहते हैं.’


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वहीं शुक्रवार को जेजेपी के चुने गए विधायकों ने दुष्यंत चौटाला को सदन में सर्वसम्मति से अपना नेता भी चुना है. किसी भी कदम पर अंतिम फैसला लेने से पहले पहले दुष्यंत ने तिहाड़ जेल में बंद अपने पिता अजय चौटाला से मुलाकात भी की है. बता दें कि चौटाला ने नतीजों के बाद से कांग्रेस या भाजपा को समर्थन देने की बात पर कोई बयान नहीं दिया था. हां एक फेसबुक लाइव करके जनता को अपने फैसले में शामिल करने की बात जरूर कही है.

लेकिन उनके नजदीकियों का कहना है कि जेजेपी भाजपा के साथ ही जाएगी. आज रात तक फैसला कर लिया जाएगा.

एक ओर जहां भाजपा को सत्ता में आने के लिए 7 विधायकों की जरूरत है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को सत्ता पर दावेदारी के लिए जेजेपी और 7 निर्दलीय विधायकों की जरूरत है.

निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर भाजपा बना रही है रणनीति

भाजपा ने दो तिहाई बहुमत का नारा बुलंद किया था लेकिन चुनावी नतीजों में उसके 10 में से 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. 7 निर्दलीय विधायकों में से 5 ने भाजपा की हरियाणा इकाई के प्रभारी अनिल जैन के साथ सरकार गठन के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. भाजपा नेता जवाहर यादव के मुताबिक निर्दलीय विधायकों में धर्मपाल गोंडन, नयनपाल रावत, सोमबीर सांगवान, राकेश दौलताबाद और रणधीर गोलन भाजपा को समर्थन दे रहे हैं.


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शुक्रवार सुबह मनोहरलाल खट्टर भी दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने पहले निर्दलीय विधायकों से मुलाकात की. इसके बाद वे कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच राज्य में सरकर के गठन को ले​कर मंथन हुआ. वहीं शनिवार को नेता चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक होगी. जहां निर्मला सीतारमण और अरुण सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे. विधायक दल का नेता चयन होने के बाद मनोहर लाल खट्टर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ में)

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