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Friday, 22 November, 2024
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अशोक गहलोत ने फिर दोहराई ‘मुख्यमंत्री पद छोड़ने’ की बात, बोले: मैं मोदी से बड़ा फकीर हूं

गहलोत ने तीन अगस्त को भी कहा था कि वह कई बार मुख्यमंत्री पद छोड़ने की सोचते हैं, लेकिन यह पद उन्हें नहीं छोड़ रहा. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा था कि ‘अब आगे देखते हैं क्या होता है.’

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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को खुद के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ‘बड़ा फकीर’ होने का दावा किया और एक बार फिर कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह पद उन्हें नहीं छोड़ रहा है.

उन्होंने यहां बिड़ला सभागार में आयोजित एक समारोह में यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह उन्हें मंजूर होगा.

गहलोत ने गत तीन अगस्त को भी कहा था कि वह कई बार मुख्यमंत्री पद छोड़ने की सोचते हैं, लेकिन यह पद उन्हें नहीं छोड़ रहा. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा था कि ‘अब आगे देखते हैं क्या होता है.’

मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक बार फिर कहा ,‘‘मैं कई बार सोचता हूं कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दूं, पर यह पद मुझे छोड़ नहीं रहा है.’’

गहलोत ने कहा, ‘‘अगर मैंने यह बात (उपरोक्त) बोली तो मैंने सोच-समझकर बोली. मन में आता है कई बार कि यह पद छोड़ दूं …क्यों आता है, वह एक रहस्य है. लेकिन हाईकमान जो फैसला करेगा, वह मुझे मंजूर होगा. यह कहने की हिम्मत होनी चाहिए कि मैं पद छोड़ना चाहता हूं, पर यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है.’’

पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ उनके पुराने टकराव और पिछले कुछ महीनों के दौरान कांग्रेस आलाकमान द्वारा दोनों के बीच सुलह के प्रयासों की पृष्ठभूमि में गहलोत के इस बयान को अहम माना जा रहा है. कांग्रेस नेतृत्व भी यह संकेत दे चुका है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा घोषित नहीं होगा।

इस साल नवंबर-दिसंबर में राजस्थान विधानसभा चुनाव होना है.

गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके व्यवहार एवं ‘बॉडी लैंग्वेज’ से लगता है कि वह एक पार्टी (भाजपा) और केवल हिंदुओं के ही प्रधानमंत्री हैं. गहलोत ने कहा कि यह बहुत खतरनाक बात है.

इस अवसर पर उन्होंने नवगठित जिलों की उद्घाटन पट्टिकाओं का डिजिटल अनावरण भी किया .


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‘मैं मोदी से बड़ा फकीर हूं’

प्रधानमंत्री द्वारा मणिपुर की घटना का जिक्र करते समय राजस्थान का नाम लिए जाने की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पद का मान सम्मान हम अब भी करते हैं. प्रधानमंत्री देश का होता है न कि भाजपा का…. प्रधानमंत्री को अपने बारे में अभी तक भ्रम है कि मैं भाजपा का प्रधानमंत्री हूं….’’

गहलोत ने कहा,‘‘ बोलचाल और ‘बॉडी लैंग्वेज’ में उनका जो व्यवहार है, उससे ऐसा लगता है कि जैसे वह एक पार्टी के प्रधानमंत्री हैं. वह खाली हिंदुओं के प्रधानमंत्री हैं… यह बहुत खतरनाक बात है. मोदी जी ऐसा क्यों मानते हैं कि मैं केवल भाजपा का प्रधानमंत्री हूं, मैं खाली हिंदुओं का प्रधानमंत्री हूं.’’

गहलोत ने कहा कि मोदी लोकतंत्र में प्रधानमंत्री चुने गए हैं और कांग्रेस ने देश में लोकतंत्र की स्थापना की है और उसे जिंदा रखा है.

इस अवसर पर गहलोत ने कहा,‘‘मैं पूरे प्रदेश वासियों को विश्वास दिलाता हूं कि राज्य सरकार के फैसले राज्य के हित में होंगे। मुझ पर पूरे प्रदेशवासियों को विश्वास करना चाहिए। मैं जो कहता हूं वह दिल से कहता हूं. मोदी जी अपने बारे में कहते हैं, ‘ मैं फकीर हूं’’… लेकिन मोदी जी, मैं आपसे बड़ा फकीर हूं.’’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा,‘‘आपने गौर किया होगा कि मोदी जी एक परिधान को दुबारा नहीं पहनते. दिन में वह दो-तीन बार ड्रेस बदलते होंगे. मेरी ड्रेस वही रहती है…तो मैं उनसे बड़ा फकीर नहीं हूं क्या?’’

गहलोत ने कहा, ‘‘ मैंने जिंदगी में एक भूखंड तक नहीं खरीदा, एक फ्लैट तक नहीं खरीदा, एक ग्राम सोना तक नहीं खरीदा … क्या मुझसे बड़े फकीर होंगे वह?’’

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ उन (मोदी) का चश्मा ही ढाई लाख रुपए का है। जब वह नए-नए प्रधानमंत्री बने तो उनका कोट लंदन से बनकर आया था. वह 10 लाख रूपये का सूट था. जैसे ही राहुल गांधी ने ‘सूट बूट की सरकार’ पर कटाक्ष किया तो उस कोट को उन्हें बेचना पड़ा. ’’

गहलोत ने कहा कि उनके पास विधायक कोटे से मिला एक फ्लैट जयपुर में और सांसद कोटे से मिला एक फ्लैट दिल्ली में है.

गहलोत ने कहा,’ मोदी जी कहते हैं -मेरे मित्र अशोक गहलोत… लेकिन उसी मित्र की धज्जियां उड़ा रहे हैं…। मोदी जी जब कहते हैं कि मेरे मित्र अशोक गहलोत, तो जनता में भ्रम होता है कि अशोक गहलोत एवं मोदी में बड़ी अच्छी दोस्ती है।’’

गहलोत ने मानगढ़ में एक कार्यक्रम का जिक्र किया जहां मंच पर मोदी एवं गहलोत दोनों मौजूद थे.

गहलोत ने कहा कि भाजपा वालों की कथनी एवं करनी में अंतर होता है. उन्होंने कहा कि भाजपा वालों का चाल -चरित्र और चेहरा सब धीरे धीरे सामने आ गया है कि ये क्या हैं, और क्या नहीं हैं.


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