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सोमवार, 26 मई, 2025
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गैंगरेप, चुनाव में धांधली, प्रतिद्वंद्वी को HIV का टीका — कर्नाटक BJP MLA मुनिरत्ना के खिलाफ आरोपों की सूची

40-वर्षीय महिला ने मुनिरत्ना और उसके साथियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है. राजराजेश्वरीनगर से भाजपा विधायक, जो पहले कांग्रेस में थे, उनको पिछले साल बलात्कार के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था.

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बेंगलुरु: 1986 के मध्य में, हथकड़ी लगाए एक गुंडे ने उसे गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी से एक एहसान मांगा: उसे नगर निगम ले जाया जाए ताकि वह सड़क निर्माण परियोजना के लिए टेंडर के लिए 10,000 रुपये जमा कर सके. उम्मीद है कि यह कैदी सुधार की दिशा में एक कदम हो सकता है, इसलिए अधिकारी उसे हथकड़ी में बीबीएमपी मुख्यालय तक ले जाने के लिए सहमत हो गया. अधिकारी ने आरोपी को चेतावनी दी: “अगर तुमने भागने की कोशिश की तो गोली मार दी जाएगी”. आरोपी की उम्र उस वक्त 20 के आसपास रही होगी.

कैदी ने भागने की कोशिश नहीं की और अंततः बेंगलुरु शहर से नंदी हिल्स तक लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर एक सड़क बनाने का टेंडर हासिल कर लिया. यह विशेष खंड नवंबर 1986 में बेंगलुरु में होने वाले दूसरे SAARC शिखर सम्मेलन से लगभग दो महीने पहले बिछाया गया था, जब छह SAARC सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष नंदी हिल्स में एक रिट्रीट तक पहुंचने के लिए इस सड़क से गए थे, जैसा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने योजना बनाई थी.

इस मामले में जिस गुंडे की बात हो रही है, वह मुनिरत्ना है, जो अब राजराजेश्वरीनगर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हैं और पुलिस अधिकारी हैं बी.बी. अशोक कुमार. कुमार ने दिप्रिंट को बताया, “उसने (मुनिरत्ना) फिर और अधिक सरकारी ठेके लेने शुरू कर दिए, शहर का पार्षद, विधायक और यहां तक ​​कि मंत्री भी बन गया, लेकिन फिर ये आरोप सामने आने लगे.”

पिछले हफ्ते 40 साल की एक महिला ने मुनिरत्ना और उसके चार कथित साथियों पर 2023 में उनके साथ सामूहिक बलात्कार करने, उनके चेहरे पर पेशाब करने, उन्हें वायरस का इंजेक्शन लगाने और किसी को भी इस इलाज के बारे में बताने पर उनके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. इस मामले में उन पर आईपीसी की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार), 270 (जान जोखिम में डालने वाली खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलाने की संभावना वाला घातक कार्य), 354 (महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. नाम न बताने की शर्त पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह एक ऐसा मामला है जिसे हमने एसआईटी को स्थानांतरित करने के लिए भेजा है, क्योंकि पहले से ही एक एसआईटी का गठन किया जा चुका है और उस मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है.”

दिप्रिंट ने टिप्पणी के लिए मुनिरत्ना से संपर्क किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. जवाब मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.

रविवार शाम तक, चार बार के विधायक को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया था.

अपने राजनीतिक करियर के दौरान, मुनिरत्ना पर कई अन्य गंभीर आपराधिक आरोप लगे हैं — बलात्कार, चुनाव में धांधली से लेकर राजनीतिक विरोधी को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने की कोशिश तक. वह ज्यादातर मामलों में ज़मानत पर बाहर हैं.

अपनी ओर से, पूर्व पार्षद ने राजनीतिक विरोधियों, खासकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

पिछले साल 25 दिसंबर को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुनिरत्ना पर एक अंडा फेंका गया था. तब उन्होंने दावा किया था कि यह एक “एसिड अंडा” था और डी.के. भाइयों पर उन्हें मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. उन्होंने उस स्थान पर धरने पर बैठे हुए जहां उन्होंने दावा किया था कि उन पर हमला किया गया था, संवाददाताओं से कहा, “डी.के. सुरेश, डी.के. शिवकुमार और पराजित (विधायक) उम्मीदवार कुसुमा और उनके पिता हनुमंतरायप्पा, ये सभी…लगभग सौ लोगों ने एक समूह में मुझे मारने की कोशिश की.”

मुनिरत्ना के खिलाफ मामले

पिछले साल सितंबर में मुनिरत्ना बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा (केंद्रीय जेल) से बाहर आए, जहां उन्होंने एक पूर्व पार्षद के खिलाफ कथित तौर पर जातिवादी गाली देने के लिए एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के मामले में तीन दिन बिताए थे. मुनिरत्ना और एक ठेकेदार के बीच फोन पर हुई कथित बातचीत की रिकॉर्डिंग में भाजपा विधायक को जातिवादी गाली देते और पूर्व पार्षद को ‘खत्म’ करने की धमकी देते हुए सुना गया.

लेकिन केंद्रीय जेल से बाहर निकलने के कुछ ही मिनटों बाद, उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया; इस बार एक ऐसे मामले में जिसमें 40-वर्षीय एक महिला ने उन पर और छह अन्य पर बलात्कार, यौन उत्पीड़न और गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया था.

अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि मुनिरत्ना ने उनके साथ बलात्कार किया, इस कृत्य को फिल्माया और वीडियो का इस्तेमाल उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए किया. शिकायत के अनुसार, उन्हें मुनिरत्ना को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को ‘हनीट्रैप’ में फंसाने में मदद करने के लिए भी मजबूर किया गया था. जांचकर्ताओं ने इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है.

सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने विधायक के खिलाफ गंभीर और बार-बार लगने वाले आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जो 2013 और 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए थे. पुलिस ने 2,481 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया, जिसमें मुनिरत्ना पर एक पुलिस निरीक्षक के साथ मिलकर तत्कालीन राजस्व मंत्री और अब कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर. अशोक को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया.

अशोक ने उस समय पावर टीवी से कहा था, “यह एक विस्फोटक स्थिति है. मुझे यकीन नहीं है कि यह सच है या नहीं और पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए, लेकिन अगर राजनीति में यही स्थिति है, तो कोई भी नेता ज़िंदा नहीं रह सकता और कोई भी मंत्री अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर सकता. हम हर दिन हज़ारों लोगों से मिलते हैं, सैकड़ों माला और गुलदस्ते स्वीकार करते हैं. हम किसी पर कैसे भरोसा करें?”

मुनिरत्ना से जुड़े विवाद कई साल पुराने हैं. 1 जून, 2010 को, बेंगलुरु के मेकरी सर्किल के पास एक पशु चिकित्सा कॉलेज की दीवार गिरने से 17 साल की एक लड़की की मौत हो गई, जब वह बारिश से बचने की कोशिश कर रही थीं. मुनिरत्ना उस समय यशवंतपुर से नवनिर्वाचित पार्षद थे और उन्होंने उस दीवार के निर्माण की देखरेख की थी.

नगर परिषद में इस मुद्दे पर कई दिनों तक बहस हुई, लेकिन उन पर कोई आरोप नहीं लगा. तीन साल बाद, उन्होंने राजराजेश्वरीनगर सीट से कांग्रेस के टिकट पर सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा.

2018 के विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर, मुनिरत्ना पर जलाहल्ली के एक अपार्टमेंट से लगभग 10,000 फर्ज़ी मतदाता पहचान पत्र बरामद होने के सिलसिले में 13 अन्य लोगों के साथ मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है और वह इस मामले में फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं.

2019 में मुनिरत्ना भाजपा में शामिल हो गए. वे उन 17 विधायकों में से थे, जिन्होंने कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन से बाहर निकलकर एच.डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया था. उन्हें बी.एस. येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकारों में बागवानी, साथ ही योजना, कार्यक्रम निगरानी और सांख्यिकी के लिए जूनियर मंत्री बनाया गया था.

जबकि वे अब भाजपा के साथ हैं, मुनिरत्ना को अभी भी सिद्धारमैया का करीबी माना जाता है और कई बार उन्होंने मौजूदा कांग्रेस सरकार की प्रशंसा करने के लिए पार्टी लाइन से अलग हटकर काम किया है.

बी.बी. अशोक कुमार के अनुसार, वे बेंगलुरु के कई गुंडे-बदमाशों में से हैं, जिन्होंने मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया. अन्य बातों के अलावा, वे एक फिल्म निर्माता भी हैं.

1980 के दशक की शुरुआत में मुनिरत्ना कोटवाल रामचंद्र के करीबी सहयोगी थे, जो एक कुख्यात अपराधी था, जो अंडरवर्ल्ड के साथ बेंगलुरु के संक्षिप्त संबंधों के बारे में लगभग हर कहानी में शामिल होता है. मुनिरत्ना का भाई कोरंगू कृष्णा भी गुंडा था.

कुमार ने याद किया कि कोतवाल की मौत के बाद मुनिरत्ना ने अपने पूर्व बॉस के प्रतिद्वंद्वियों द्वारा निशाना बनाए जाने के डर से कई रातें पुलिस स्टेशन में बिताईं.

चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामों के अनुसार, मुनिरत्ना का राजनीति में उदय उनकी घोषित संपत्ति में भी उछाल के साथ हुआ — 2013 में 28 करोड़ रुपये से 2023 में 293 करोड़ रुपये तक. अपनी बड़ी जीत के अंतर को देखते हुए, मुनिरत्ना ताकतवर बने हुए हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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