नई दिल्ली: जम्मू में ‘शांति सम्मेलन’ में कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी को मजबूत बनाने पर जोर दिया. हाल ही में राज्य सभा से रिटायर हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद के नेतृत्व में ये सम्मेलन हुआ जिसमें पार्टी के ‘जी-23’ कहे जाने वाले नेताओं ने हिस्सा लिया.
जी-23 उन नेताओं के समूह को कहा जाle है जिसने सोनिया गांधी को कुछ महीने पहले चिट्ठी लिखकर पार्टी के भीतर बदलावों की मांग की थी.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि गुलाम नबी आजाद काफी वरिष्ठ नेता हैं लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि पार्टी उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है.
सिब्बल ने कहा, ‘सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं. हमें इकट्ठा होकर पार्टी को मजबूत करना है.’
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‘राजनीति से रिटायर नहीं हुआ हूं’
गुलाम नबी आज़ाद ने सम्मेलन के दौरान कहा, ‘मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं.’
उन्होंने कहा, ‘आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है. राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी. जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी.’
उन्होंने कहा, ‘गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है.’ आजाद ने कहा कि जम्मू, कश्मीर या लद्दाख हो, हम सभी धर्मों, लोगों, जातियों का सम्मान करते हैं. यही हमारी ताकत है और हम इसी के साथ आगे बढ़ेंगे.
आजाद के बारे में सिब्बल ने कहा कि वो एक ऐसे नेता हैं जो देश के हर जिले में कांग्रेस की वास्तविक स्थिति को अच्छे से जानते हैं.
उन्होंने कहा, ‘संसद से उनकी विदाई पर हम सभी दुखी हैं. मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है.’
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‘पार्टी एक दशक में कमजोर हुई’
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी कहा कि पार्टी बीते एक दशक में कमजोर हुई है. उन्होंने कहा कि हम लोग पार्टी की बेहतरी के लिए बोल रहे हैं. हर जगह पार्टी को फिर से मजबूत बनाना है.
शर्मा ने कहा कि नई पीढ़ी को पार्टी से जुड़ना चाहिए. हमने पार्टी के अच्छे दिनों को देखा है. जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हम नहीं चाहते कि पार्टी कमजोर हो.
शर्मा ने कहा कि 1950 के बाद राज्य सभा में पहली बार जम्मू-कश्मीर का कोई प्रतिनिधि नहीं है. इसे सुधारा जाना चाहिए.
सोनिया गांधी को कुछ महीने पहले चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेस के 23 नेताओं पर राज बब्बर ने सम्मेलन में कहा कि लोग जी-23 कह रहे हैं लेकिन मैं इसे गांधी 23 कहता हूं.
बब्बर ने कहा, ‘महात्मा गांधी की सोच और विश्वास से इस देश का कानून और संविधान बना है. कांग्रेस इसे आगे बढ़ाने को तैयार है. जी-23 कांग्रेस को मजबूत बनाना चाहती है.’
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