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Saturday, 23 November, 2024
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कांग्रेस: पंजाब से लेकर तेलंगाना तक मची है हलचल, प्रियंका करेंगी पार्टी की हार की समीक्षा

प्रियंका चुनाव में मिली इतनी बड़ी हार पर समीक्षा करने प्रयागराज पहुंच रही हैं. यहां उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के 40 जिलाध्यक्षों और पार्टी प्रत्याशियों को बुलाया है.

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में अब आरोप- प्रत्यारोप का दौर चल रही है. गुरुवार को जहां पंजाब और तेलंगाना राज्यों से कांग्रेस पार्टी में फूट की खबरें आती रहीं वहीं अब पार्टी अध्यक्ष और यूपी में पार्टी महासचिव बनीं प्रियंका गांधी एकबार फिर मैदान में वापस लौट आई हैं. प्रियंका चुनाव में मिली इतनी बड़ी हार पर समीक्षा करने प्रयागराज पहुंच रही हैं. यहां उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के 40 जिलाध्यक्षों और पार्टी प्रत्याशियों को बुलाया है.

आठ जून की सुबह जिला कांग्रेस कमेटी दफ्तर में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 40 लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के साथ हार पर मंथन करेंगी. इसके साथ ही प्रियंका बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने की भी योजना है. वहीं दूसरी ओर खबर पंजाब से है जहां नंबर एक खिलाड़ी नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री के बीच चल रही आपसी तनातनी के बाद मामला संभलता नजर आ रहा है.

लोकसभा चुनाव के बाद आयोजित कैबिनेट की पहली बैठक के कुछ घंटों के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार की शाम नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया. चार मंत्रियों को छोड़कर, सभी मंत्रियों के विभाग में बदलाव किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सरकारी प्रणाली और प्रक्रियाओं को कारगर बनाने में मदद मिलेगी और विभिन्न विभागों में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाया जा सकेगा.

नवजोत सिंह सिद्धू के पास पहले स्थानीय निकाय विभाग का जिम्मा था. लेकिन अब वह ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग देखेंगे. बता दें कि सिद्धू पहली कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंचे थे और उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि पंजाब में जिन दो सीटों की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी उसमें पार्टी को जीत मिली है और पार्टी की हार की जिम्मेदारी सभी की होती है.

कांग्रेस पार्टी कि तीसरी खबर तेलंगाना से है जहां चल रहे सियासी उठापटक के बीच विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के 18 में से अलग हुए 12 विधायकों के गुट को तेलंगाना राष्ट्र समिति में विलय की मंजूरी दे दी. इससे पहले बृहस्पतिवार दिन में कांग्रेस के इस गुट ने स्पीकर से टीआरएस में विलय की अनुमति मांगी थी.

दल बदल कानून के तहत किसी पार्टी में विलय के लिए अलग गुट के दो तिहाई सदस्य होने चाहिए. बृहस्पतिवार रात को विधानसभा से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि टीआरएस में शामिल 12 विधायकों के सत्ताधारी दल के सदस्यों के साथ बैठने की व्यवस्था कर दी गई है.

लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी के बुधवार को इस्तीफे के बाद 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस के 18 सदस्य रह गए थे.

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