नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राज्य सभा सांसद अमर सिंह का शनिवार को सिंगापुर में निधन हो गया. 64 वर्षीय अमर सिंह पिछले कई महीने से किडनी की बीमारी से जुझ रहे थे. सिंगापुर में ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. पिछले डेढ़ माह से वे आईसीयू में भर्ती थे.
उन्होंने मृत्यु से तीन घंटे पहले ट्विटर पर ईद की शुभकामनाएं दी थी. वहीं बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण किया था. सोशल मीडिया पर वो लगातार एक्टिव रहते थे. कुछ दिनों पहले उन्होंने फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन से एक वीडियों पोस्ट कर माफी भी मांगी थी.
अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी 1956 को यूपी के आजमगढ़ में हुआ था. 1996 में वे पहली बार राज्य सभा के सदस्य चुने गए थे. वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य थे. वे जुलाई 2016 में उच्च सदन के लिए चुने गए थे.
अमर सिंह सपा के प्रमुख रहे मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों में शामिल थे. उन्हें 2010 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
कई नेताओं ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘श्री अमर सिंह जी के स्नेह-सान्निध्य से वंचित होने पर भावपूर्ण संवेदना एवं श्रद्धांजलि’.
श्री अमर सिंह जी के स्नेह-सान्निध्य से वंचित होने पर भावपूर्ण संवेदना एवं श्रद्धांजलि. pic.twitter.com/YwNmeLk1Bk
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 1, 2020
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी ट्वीट कर अमर सिंह को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा, ‘राज्य सभा सांसद श्री अमर सिंह जी के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों और सहयोगियों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं. ओम शांति!’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘अमर सिंह जी ऊर्जावान सार्वजनिक शख्सियत थे. पिछले कुछ दशकों में उन्होंने कुछ बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों को करीब से देखा था. वह अनेक वर्गों के लोगों से अपनी मित्रता के लिए भी जाने जाते थे. उनके निधन से दुखी हूं.’
Amar Singh Ji was an energetic public figure. In the last few decades, he witnessed some of the major political developments from close quarters. He was known for his friendships across many spheres of life. Saddened by his demise. Condolences to his friends & family. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2020
राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है. सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी. स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें. उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.
वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है। सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी।
स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 1, 2020
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के दुःखद निधन का समाचार प्राप्त हुआ.परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे.’
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा, सांसद और व्यक्ति के तौर पर अमर सिंह को मैं काफी लंबे समय से जानता था. हालांकि वो ज्यादातर एसपी के साथ रहे लेकिन उनकी दोस्ती अनेक राजनीतिक पार्टियों में थी. उनके परिवार के लिए संवेदना.
बच्चन परिवार से वीडियो जारी कर मांगी थी माफी
अमर सिंह इसलिए भी जाने जाते है कि उन्होंने फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन को समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्य सभा भी पहुंचाया था. वे अभिताभ बच्चन के अच्छे दोस्त भी थे. अमर सिंह ने बच्चन के बुरे दौर में उनका साथ भी दिया था. फरवरी महीने में उन्होंने अमिताभ बच्चन से माफी भी मांगी थी.
अमर सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘जिंदगी के इस मोड़ पर जब मैं जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा हूं तब मुझे अपने बयान को लेकर पछतावा है.’
वीडियो जारी कर सिंह ने कहा था कि, ‘इतनी तल्खी के बावजूद यदि अमिताभ बच्चन उन्हें जन्मदिवस पर, उनके पिता की पुण्यतिथि पर मैसेज करते हैं तो मुझे अपने बयान पर खेद प्रकट कर देना चाहिए’.
बच्चन परिवार से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगता है कि मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई. मैं जिंदगी और मौत की चुनौती से गुजर रहा हूं. मुझे लगता है कि सार्वजनिक रूप से, वे उम्र में मुझसे बड़े हैं, उनके प्रति नरमी रखनी चाहिए थी. जो कटु वचन मैंने बोले हैं उनके लिए खेद भी प्रकट कर देना चाहिए. मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही लेकिन उनके मन में न तो निराशा है और न ही कटुता.’
कैश फॉर वोट फांड में हुई थी जेल
2008 में यूपीए सरकार के विश्वास मत हासिल करने के दौरान लोकसभा में भाजपा के सांसदों ने सदन में नोटों की गड्डियां लहराई थी. सांसदों ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने सपा नेता अमर सिंह के माध्यम से उनके वोट खरीदने की कोशिश की थी. इस मामले में उन्हें 2011 में तिहाड़ जेल भी जाना पड़ा था.