गुरुग्राम: 14वीं हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य के रोहतक जिले के गढ़ी-सांपला-किलोई निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी मंजू हुड्डा से 70,626 मतों से जीत गए हैं.
हुड्डा, जो 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बहुमत पाने की स्थिति में सीएम पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार माने जा रहे थे.
1947 में एक राजनीतिक विरासत वाले परिवार में जन्मे हुड्डा रोहतक जिले से हैं. वे हरियाणा की राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्ति रहे हैं, खासकर जाट समुदाय में, जो कि राज्य में महत्त्वपूर्ण मतदाता हैं.
हुड्डा ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि तब हासिल की जब उन्होंने 1991 में रोहतक लोकसभा सीट जीती. उन्होंने 1996, 1998 और 2004 में कई बार सांसद के रूप में कार्य किया, जिससे वे हरियाणा और राष्ट्रीय राजनीति में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित हुए.
2005 में राज्य चुनावों में कांग्रेस की निर्णायक जीत के बाद मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद उन्होंने रोहतक सीट छोड़ दी और गढ़ी-सांपला-किलोई से विधायक बन गए. उस साल से वे इस सीट पर काबिज हैं.
2009 में हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस को सत्ता में बनाए रखने में सफलता हासिल की और मुख्यमंत्री बने रहे.
हुड्डा अपनी कृषि नीतियों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जाने जाते हैं, जिसने उनके कार्यकाल के दौरान हरियाणा के परिदृश्य को बदल दिया. उनके प्रशासन ने सड़क संपर्क, औद्योगिक विकास और कृषि कल्याण में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उन्हें किसानों के बीच लोकप्रियता मिली.
उनके राजनीतिक करियर को भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, खासकर 2014 में हरियाणा में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद. उसके बाद से उन पर कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले भी शामिल हैं.
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